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वामाचार अघोरानुष्ठान (Vamachar Aghoranushthan)

Original price was: ₹948,000.00.Current price is: ₹790,000.00.

इस अनुष्ठान में वाम मार्ग का अनुसरण किया जाता है, जिसमें शक्ति के उपासकों को अन्यत्र निषेध या प्रतिबंधित तत्वों का संबंध बनाने के बावजूद भी शाक्ति का साक्षात्कार करने की आवश्यकता होती है। वामाचार अघोरानुष्ठान एक विशेष प्रकार का अघोर तंत्र होता है जो कि तंत्रिक साधना और सिद्धियों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इस अनुष्ठान में साधक वाम मार्ग (बाम मार्ग) के उपायों का पालन करते हैं, जो कि हिंसा, वामाचार, और वाम मार्ग के विविध उपायों को समाहित करते हैं।

वामाचार अघोरानुष्ठान के मुख्य उद्देश्य अध्यात्मिक उन्नति और दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति होती है। इसमें साधक की आध्यात्मिक साधना केंद्रित होती है और उसे विभिन्न तंत्रिक उपायों के माध्यम से अद्वैत ब्रह्म की साक्षात्कार की दिशा में प्रेरित किया जाता है।

वामाचार अघोरानुष्ठान के उपायों में विशेष ध्यान, मंत्रों का जाप, यंत्र, मुद्रा, और तांत्रिक अद्भुत विधियाँ शामिल होती हैं जो साधक को अपने आध्यात्मिक और तांत्रिक लक्ष्यों की प्राप्ति में मार्गदर्शन करती हैं। यह अनुष्ठान अघोरी सम्प्रदाय के विशेष विधानों और सिद्धांतों पर आधारित होता है और उसे उसके विशेषता और गंभीरता के लिए प्रसिद्ध किया जाता है।

Vamachara Aghoranushthana is a special type of Aghori tantra focused on tantric practices and attainments. In this practice, adherents follow the left-hand path (Vam Marg), integrating various elements of tantra, including rituals that involve practices typically avoided or prohibited elsewhere. Despite creating connections with forbidden or restricted elements, the goal remains the realization of spiritual power.

The primary objective of Vamachara Aghoranushthana is spiritual advancement and the attainment of divine accomplishments. It centers around the spiritual discipline of the practitioner and inspires them towards the direct experience of non-dual Brahman through various tantric methods.

The practices of Vamachara Aghoranushthana include special focus, chanting of mantras, yantras, mudras, and extraordinary tantric methodologies that guide the practitioner towards achieving their spiritual and tantric goals. This ritual is based on specific doctrines and principles of the Aghori tradition, renowned for its distinctiveness and profundity.

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वामाचार अघोरानुष्ठान के कई महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं, जो इसे अध्यात्मिक और तांत्रिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं:

  1. अध्यात्मिक उन्नति: वामाचार अघोरानुष्ठान साधक को अध्यात्मिक दृष्टिकोण से ऊंचाई पर ले जाने में सहायक होता है। यह अनुष्ठान ध्यान, मंत्रों का जाप, और तांत्रिक उपायों के माध्यम से साधक को अद्वैत ब्रह्म की अनुभव और सिद्धि की दिशा में प्रेरित करता है।
  2. दिव्य शक्तियों का संचार: इस अनुष्ठान में साधक विभिन्न तांत्रिक उपायों के माध्यम से दिव्य शक्तियों का संचार करता है। ये उपाय साधक की आत्मिक और भौतिक शक्तियों को विकसित करने में मदद करते हैं और उसे अंतर्मन की गहराईयों तक जाने में सहायक होते हैं।
  3. शारीरिक और मानसिक शुद्धता : वामाचार अघोरानुष्ठान के अभ्यास से साधक का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है। ध्यान और साधना के माध्यम से उसकी मानसिक स्थिति में स्थिरता और संतुलन आता है, जिससे उसकी आत्मिक विकास में मदद मिलती है।
  4. अंतरात्मा की प्राप्ति: इस अनुष्ठान से साधक अपनी अंतरात्मा के साथ संवाद स्थापित करता है और आत्मज्ञान की प्राप्ति के पथ पर प्रगट होता है। यह उसे अपने असली स्वरूप के प्रति जागरूक करता है और आत्मा के साथ एकीकरण में सहायक होता है।
  5. अन्य लाभ: वामाचार अघोरानुष्ठान साधक को जीवन में स्थिरता, आत्म-समर्पण, और आध्यात्मिक सिद्धि के दृष्टिकोण से लाभ प्रदान करता है। यह उसे कठिन परिस्थितियों में सहायता प्रदान करता है और उसे अध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।

वामाचार अघोरानुष्ठान एक उच्च स्तरीय तांत्रिक साधना है जो साधक को अध्यात्मिक उन्नति और दिव्य सिद्धियों की प्राप्ति में मार्गदर्शन करती है।

There can be several significant benefits of Vamachara Aghoranushthana from both spiritual and tantric perspectives:

  1. Spiritual Advancement: Vamachara Aghoranushthana helps the practitioner attain spiritual heights through meditation, chanting of mantras, and tantric practices. It inspires the practitioner towards the realization and attainment of non-dual Brahman.
  2. Transmission of Divine Energies: In this practice, the practitioner channels divine energies through various tantric methods. These practices aid in the development of the practitioner’s spiritual and physical energies and help them penetrate the depths of their inner being.
  3. Physical and Mental Purity: The practice of Vamachara Aghoranushthana contributes to the improvement of the practitioner’s physical and mental well-being. Through meditation and practice, stability and balance come to their mental state, aiding in their spiritual development.
  4. Attainment of Self-Realization: Through this practice, the practitioner establishes dialogue with their inner self and progresses on the path of self-knowledge. It awakens awareness of their true nature and assists in their unity with the soul.
  5. Other Benefits: Vamachara Aghoranushthana provides benefits such as stability in life, self-surrender, and spiritual fulfillment. It can also offer support in challenging situations and assist in achieving spiritual goals.

Vamachara Aghoranushthana is an advanced tantric practice that guides the practitioner towards spiritual advancement and the attainment of divine powers.

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