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7 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 7 मुखी रुद्राक्ष मनका)

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धार्मिक मान्यता के अनुसार, 7 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक दिलचस्प कथा है जो इसकी विशेषता और महत्व को दर्शाती है। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के सातवें रूप का प्रतिनिधित्व करता है, और इसके जन्म की कथा इस प्रकार है:

 

कथा के अनुसार उत्पत्ति

 

  1. सप्तर्षियों की उपासना: प्राचीन काल में, सात ऋषियों ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। इन ऋषियों के अथक प्रयास और भक्ति से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उनके समर्पण को स्वीकार किया और उनकी कृपा से 7 मुखी रुद्राक्ष को प्रकट किया।

 

  1. सात मुखों का प्रकट होना: भगवान शिव ने इस रुद्राक्ष के सात मुखों को प्रकट किया, जो सृष्टि के सात महत्वपूर्ण तत्वों और सात प्रमुख ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये मुख जीवन के विभिन्न पहलुओं और ब्रह्मा, विष्णु, शिव के साथ-साथ अन्य प्रमुख देवताओं के गुणों को दर्शाते हैं।

 

  1. रुद्राक्ष की विशेषता: 7 मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे सात देवताओं के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है और इसे पहनने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।

 

धार्मिक महत्व

 

  1. सात ग्रहों का प्रतिनिधित्व: 7 मुखी रुद्राक्ष का संबंध सप्त ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) से होता है। इसे पहनने से ग्रह दोषों को कम करने में मदद मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 

  1. आर्थिक समृद्धि: इसे पहनने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यह धन और संपत्ति के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।

 

  1. स्वास्थ्य लाभ: यह रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है, रोगों से बचाव करता है और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

 

  1. सामाजिक और पारिवारिक सौहार्द: इसे पहनने से पारिवारिक संबंधों में सौहार्द और सामंजस्य बढ़ता है। यह जीवन में शांति और संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

 

इस प्रकार, 7 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा और इसका धार्मिक महत्व भगवान शिव के आशीर्वाद और सात प्रमुख तत्वों के साथ जुड़ा हुआ है। इसे पहनने से व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होते हैं, विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में।

 

According to religious beliefs, there is an interesting story associated with the origin of the 7-faced Rudraksha, which illustrates its significance and importance. This Rudraksha represents the seventh form of Lord Shiva, and the story of its origin is as follows:

 

Origin According to the Legend

 

  1. Worship of the Saptarishis: In ancient times, the seven sages (Saptarishis) performed severe penance to please Lord Shiva. Moved by their relentless effort and devotion, Lord Shiva accepted their dedication and manifested the 7-faced Rudraksha as a blessing.

 

  1. Manifestation of the Seven Faces: Lord Shiva revealed the seven faces of this Rudraksha, which represent the seven important elements of creation and the seven major planets. These faces symbolize various aspects of life and the qualities of deities such as Brahma, Vishnu, and Shiva.

 

  1. Characteristics of the Rudraksha: The 7-faced Rudraksha is considered a symbol of fortune, prosperity, and health. It is seen as a representation of the blessings of the seven deities and is believed to bring success and prosperity in one’s life.

 

Religious Significance

 

  1. Representation of the Seven Planets: The 7-faced Rudraksha is associated with the seven planets (Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn). Wearing it helps mitigate planetary defects and infuses positive energy into one’s life.

 

  1. Economic Prosperity: Wearing this Rudraksha improves financial conditions and brings prosperity. It helps in achieving success in matters related to wealth and property.

 

  1. Health Benefits: This Rudraksha improves physical and mental health, prevents diseases, and enhances overall well-being.

 

  1. Social and Familial Harmony: Wearing it fosters harmony and balance in family relationships. It helps maintain peace and balance in life.

 

Thus, the origin story and religious significance of the 7-faced Rudraksha are linked to the blessings of Lord Shiva and the seven major elements. Wearing it provides various benefits, especially in the realms of fortune, prosperity, and health.

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Product Description in Hindi : 

7 मुखी रुद्राक्ष का महत्व

7 मुखी रुद्राक्ष का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक माना जाता है। यह विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:

  1. सप्त ग्रहों का प्रतिनिधित्व: 7 मुखी रुद्राक्ष सात प्रमुख ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) का प्रतिनिधित्व करता है। इसे पहनने से ग्रह दोषों को कम करने में मदद मिलती है और व्यक्ति के जीवन में संतुलन और सकारात्मकता की प्राप्ति होती है।
  1. आर्थिक समृद्धि: यह रुद्राक्ष आर्थिक समृद्धि और धन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने में सहायक माना जाता है। इसे पहनने से वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और धन की वृद्धि होती है।
  1. स्वास्थ्य लाभ: 7 मुखी रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।
  1. सामाजिक और पारिवारिक सौहार्द: इसे पहनने से पारिवारिक संबंधों में सौहार्द और सामंजस्य बढ़ता है। यह जीवन में शांति और संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है, और सामाजिक जीवन में भी सुधार लाता है।
  1. आध्यात्मिक उन्नति: यह रुद्राक्ष आध्यात्मिक उन्नति और ध्यान में सहायता करता है। इसे पहनने से व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा में मदद मिलती है और आत्मा के साथ एक गहरा संबंध स्थापित होता है।
  1. सुरक्षा और संरक्षण: 7 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति को सुरक्षा और संरक्षण प्राप्त होता है। यह नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट प्रभावों से बचाने में मदद करता है।
  1. सामान्य समृद्धि: इसे पहनने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता और संतुलन मिलता है।

इस प्रकार, 7 मुखी रुद्राक्ष का महत्व कई स्तरों पर है, विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, स्वास्थ्य और सामाजिक सौहार्द के क्षेत्रों में। यह रुद्राक्ष न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि भौतिक जीवन में भी सुधार लाने में सहायक है।

7 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

7 मुखी रुद्राक्ष के विभिन्न लाभ होते हैं, जो इसके विशेष गुण और धार्मिक महत्व के कारण होते हैं। यहाँ इसके प्रमुख लाभों को विस्तार से समझाया गया है:

  1. ग्रह दोषों का निवारण:

   – सात ग्रहों का प्रतिनिधित्व: 7 मुखी रुद्राक्ष सात प्रमुख ग्रहों (सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, और शनि) का प्रतिनिधित्व करता है। इसे पहनने से ग्रह दोषों को कम करने में मदद मिलती है, जिससे जीवन में स्थिरता और संतुलन स्थापित होता है।

  1. आर्थिक समृद्धि:

   – धन और संपत्ति: यह रुद्राक्ष आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने में सहायक है। इसे पहनने से वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और धन की वृद्धि होती है। यह व्यापार, व्यवसाय और आर्थिक योजनाओं में सफलता प्राप्त करने में भी मदद करता है।

  1. स्वास्थ्य लाभ:

   – शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: 7 मुखी रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। यह रोग प्रतिकारक क्षमता को बढ़ाता है, ऊर्जा स्तर को बनाए रखता है, और तनाव को कम करता है।

  1. सामाजिक और पारिवारिक सौहार्द:

   – संबंधों में सुधार: इसे पहनने से पारिवारिक संबंधों में सौहार्द और सामंजस्य बढ़ता है। यह जीवन में शांति और संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है और सामाजिक जीवन में भी सुधार लाता है।

  1. आध्यात्मिक उन्नति:

   – ध्यान और साधना: 7 मुखी रुद्राक्ष ध्यान और साधना में सहायक होता है। इसे पहनने से आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा के साथ गहरा संबंध स्थापित करने में मदद मिलती है।

  1. सुरक्षा और संरक्षण:

   – नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा और दुष्ट प्रभावों से बचाता है। यह सुरक्षा और संरक्षण की भावना प्रदान करता है।

  1. सामान्य समृद्धि:

   – जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लाभ: इसे पहनने से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यक्तित्व के विकास और जीवन के हर पहलू में सफलता को प्रोत्साहित करता है।

  1. आत्म-विश्वास और निर्णय क्षमता:

   – विवेक और आत्म-विश्वास: 7 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति की निर्णय क्षमता में सुधार होता है और आत्म-विश्वास बढ़ता है। यह जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करता है।

इस प्रकार, 7 मुखी रुद्राक्ष कई लाभ प्रदान करता है, जो कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण के साथ-साथ भौतिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। इसके प्रयोग से व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि, और संतुलन प्राप्त होता है।

7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि

7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए निम्नलिखित विधियों और नियमों का पालन करना चाहिए ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त किए जा सकें:

  1. पूजन और शुद्धिकरण

   – धारण से पहले शुद्धिकरण: 7 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से पहले इसे अच्छे से धोकर पवित्र करने की आवश्यकता होती है। इसे गंगाजल या पवित्र जल से धोकर साफ करें।    

   – पूजन की प्रक्रिया: रुद्राक्ष को किसी पवित्र स्थान पर रखें और भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें। यह पूजा रुद्राक्ष की पवित्रता और सकारात्मकता को बढ़ाती है।

  1. अभिषेक

   – अभिषेक विधि: रुद्राक्ष पर जल, दूध, शहद और फूलों से अभिषेक करें। यह प्रक्रिया रुद्राक्ष को पवित्र और शक्तिशाली बनाने के लिए की जाती है। अभिषेक करते समय भगवान शिव की उपासना और उनके मंत्रों का जाप करें।

  1. धारण की विधि

   – माला में जड़वाना: 7 मुखी रुद्राक्ष को चांदी, सोना, या ताम्बे की माला में जड़वाना अच्छा होता है। यह माला प्रातःकाल (सुबह सूरज उगने से पहले) स्नान करने के बाद पहननी चाहिए। 

   – धारण से पहले पूजा: रुद्राक्ष पहनने से पहले भगवान शिव की पूजा करें। यह ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनें।

  1. धारण के नियम

   – स्वच्छता: रुद्राक्ष को पहनते समय इसे हमेशा स्वच्छ रखें और अगर संभव हो तो प्रतिदिन इसे साफ करें। 

   – सोते समय निकालना: सोते समय रुद्राक्ष को निकालना अच्छा होता है। इससे रुद्राक्ष की पवित्रता बनी रहती है और इसकी ऊर्जा सही बनी रहती है।

   – स्वास्थ्य और ध्यान: इसे पहनते समय व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार रहना चाहिए। यह ध्यान और साधना में भी सहायता करता है, इसलिए इसका सही उपयोग सुनिश्चित करें।

  1. आध्यात्मिक भावना

   – श्रद्धा और विश्वास: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले व्यक्ति को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। 

   – सावधानी: रुद्राक्ष का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि इसका प्रयोग पवित्र और सकारात्मक उद्देश्य के लिए हो। इसका उपयोग किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा के हिस्से के रूप में किया जा सकता है।

इन विधियों का पालन करने से 7 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यह न केवल स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है बल्कि आत्मा के साथ गहरे संबंध को भी मजबूत करता है।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 7 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 7 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 7 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 7 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

Product Description in English : 

Importance of the 7-Mukhi Rudraksha

The 7-mukhi (face) Rudraksha is highly revered in Hinduism and is recognized for its association with luck, prosperity, and health. The importance of this Rudraksha can be understood through the following points:

  1. Representation of the Seven Planets: The 7-mukhi Rudraksha represents the seven major planets (Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn). Wearing it helps to mitigate planetary doshas (defects) and brings balance and positivity into one’s life.
  1. Economic Prosperity: It is believed to be beneficial for financial prosperity and success. Wearing this Rudraksha can improve financial conditions and enhance wealth accumulation.
  1. Health Benefits: The 7-mukhi Rudraksha aids in improving physical and mental health. It boosts immunity, maintains energy levels, and helps in reducing stress.
  1. Social and Family Harmony: Wearing this Rudraksha fosters harmony and balance in family relationships. It helps maintain peace and balance in life, contributing positively to social interactions.
  1. Spiritual Growth: This Rudraksha supports spiritual advancement and meditation. It assists in one’s spiritual journey and strengthens the connection with the soul.
  1. Protection and Safeguard: The 7-mukhi Rudraksha provides protection and safeguards against negative energies and adverse influences.
  1. Overall Prosperity: Wearing this Rudraksha brings prosperity in various aspects of life, encouraging success and balance in every field.

In summary, the 7-mukhi Rudraksha holds significant value in enhancing fortune, prosperity, health, and social harmony. It is important not only for spiritual growth but also for improving one’s physical and material well-being.

Benefits of the 7-Mukhi Rudraksha

The 7-mukhi Rudraksha offers various benefits due to its unique properties and spiritual significance. Here are its key benefits:

  1. Remediation of Planetary Defects:

   – Representation of Seven Planets: The 7-mukhi Rudraksha represents the seven major planets (Sun, Moon, Mars, Mercury, Jupiter, Venus, and Saturn). Wearing it helps to alleviate planetary defects, bringing stability and balance to one’s life.

  1. Economic Prosperity:

   – Wealth and Financial Growth: This Rudraksha promotes financial prosperity. It improves financial conditions and facilitates growth in wealth. It is beneficial for success in business and economic ventures.

  1. Health Benefits:

   – Physical and Mental Health: The 7-mukhi Rudraksha enhances physical and mental health. It strengthens immunity, maintains energy levels, and reduces stress.

  1. Social and Family Harmony:

   – Improvement in Relationships: Wearing this Rudraksha enhances harmony and balance in family relationships. It contributes to peace and stability in life and improves social interactions.

  1. Spiritual Advancement:

   – Support for Meditation: The 7-mukhi Rudraksha aids in meditation and spiritual practices. It supports spiritual growth and deepens the connection with the soul.

  1. Protection and Safeguard:

   – Protection from Negative Energies: This Rudraksha provides protection from negative energies and adverse effects. It offers a sense of security and safety.

  1. Overall Prosperity:

   – Benefits Across Life: Wearing it leads to prosperity in various areas of life. It encourages personal development and success in all aspects.

  1. Self-Confidence and Decision-Making:

   – Enhanced Decision-Making: Wearing the 7-mukhi Rudraksha improves decision-making abilities and boosts self-confidence. It helps in making the right choices in life.

Overall, the 7-mukhi Rudraksha provides numerous benefits, impacting both spiritual and material aspects of life. It enhances health, prosperity, and balance, contributing positively to one’s overall well-being.

Method for Wearing the 7-Mukhi Rudraksha

To properly wear the 7-mukhi Rudraksha and gain its full benefits, follow these methods and guidelines:

  1. Purification and Worship

   – Purification Before Wearing: Before wearing the Rudraksha, it should be thoroughly cleaned and purified. Wash it with Gangajal (holy water) or other sacred water.   

   – Worship Procedure: Place the Rudraksha in a sacred place and perform a puja (worship) to Lord Shiva. Chant mantras such as ‘Om Namah Shivaya’ during the puja to enhance its sanctity and positivity.

  1. Abhishekam

   – Abhishekam Method: Perform an abhishekam (ritual bathing) of the Rudraksha with water, milk, honey, and flowers. This process purifies and energizes the Rudraksha. Chant Lord Shiva’s mantras during the abhishekam.

  1. Wearing Method

   – Setting in a Mala: It is beneficial to set the 7-mukhi Rudraksha in a mala (necklace) made of silver, gold, or copper. This mala should be worn early in the morning (before sunrise) after bathing.

   – Pre-Wearing Puja: Perform a puja to Lord Shiva before wearing the Rudraksha. Ensure that it is worn with respect and devotion.

  1. Wearing Guidelines

   – Cleanliness: Keep the Rudraksha clean and, if possible, clean it daily. 

   – Remove While Sleeping: It is advisable to remove the Rudraksha while sleeping to maintain its purity and energy.

   – Health and Meditation: While wearing, ensure you are mentally and spiritually prepared. It aids in meditation and spiritual practices, so proper usage is essential.

  1. Spiritual Attitude

   – Faith and Devotion: Wear the Rudraksha with full faith and devotion. Prepare mentally and spiritually before using it.

   – Proper Use: Ensure that the Rudraksha is used for sacred and positive purposes. It can be part of any religious ritual or puja.

Following these methods will help in achieving the spiritual and physical benefits of the 7-mukhi Rudraksha. It not only enhances health and prosperity but also strengthens the connection with the soul.

Additional Information:

The Seven-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the Seven-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

 

We provide the Seven-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the Seven-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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