Sale!

वैवाहिक अनुष्ठान – तिलक, मड़वा, हल्दी, कथा (Marital Ritual – Tilak, Madwa, Haldi, Katha)

Original price was: ₹39,674.00.Current price is: ₹34,500.00.

सनातन धर्म में सद्गृहस्थ की, परिवार निर्माण की जिम्मेदारी उठाने के योग्य शारीरिक, मानसिक परिपक्वता आ जाने पर युवक-युवतियों का विवाह संस्कार कराया जाता है। भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह कोई शारीरिक या सामाजिक अनुबन्ध मात्र नहीं हैं, यहाँ दाम्पत्य को एक श्रेष्ठ आध्यात्मिक साधना का भी रूप दिया गया है। इसलिए कहा गया है ‘धन्यो गृहस्थाश्रमः’। सद्गृहस्थ ही समाज को अनुकूल व्यवस्था एवं विकास में सहायक होने के साथ श्रेष्ठ नई पीढ़ी बनाने का भी कार्य करते हैं। वहीं अपने संसाधनों से ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ एवं सन्यास आश्रमों के साधकों को वांछित सहयोग देते रहते हैं। ऐसे सद्गृहस्थ बनाने के लिए विवाह को रूढ़ियों-कुरीतियों से मुक्त कराकर श्रेष्ठ संस्कार के रूप में पुनः प्रतिष्ठित करना आवश्यक है। युग निर्माण के अन्तर्गत विवाह संस्कार के पारिवारिक एवं सामूहिक प्रयोग सफल और उपयोगी सिद्ध हुए हैं।

 

काशीपुरम द्वारा काशी के विद्वान ब्राह्मणों के माध्यम से वैवाहिक संस्कार संपन्न कराये जाते हैं । हमारे विद्वान ब्राह्मण तिलक से लेकर विवाहोपरांत कथा तक के सभी अनुष्ठान पूरे विधि – विधान से संपन्न कराते हैं । काशी के ब्राह्मणों द्वारा वैवाहिक अनुष्ठान कराना अपने आप में महादेव का आशीर्वाद ही कहा जाता है । काशीपुरम भारत ही नहीं अपितु विश्व के किसी भी कोने में काशी के विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैवाहिक अनुष्ठान कराने हेतु सदैव तत्पर रहता है ।

 

In Sanatan Dharma, the marriage ritual is performed when individuals attain the appropriate physical and mental maturity to take on the responsibilities of a family. According to Indian culture, marriage is not merely a physical or social contract; it is also regarded as a profound spiritual practice. Hence, it is said, “Dhanyo Grihasthashramah” (Blessed is the householder’s life). A good householder contributes to the orderly functioning and development of society and plays a crucial role in raising a worthy new generation. They also provide necessary support to the practitioners of Brahmacharya, Vanaprastha, and Sannyasa ashrams from their resources. To create such ideal householders, it is essential to reform marriage rituals by removing outdated customs and reestablishing them as noble practices. In the context of societal transformation, the family and collective practices of marriage rituals have proven to be successful and beneficial.

 

Kashipuram facilitates marriage rituals through the esteemed Brahmins of Kashi. Our learned Brahmins conduct all ceremonies from the Tilak to post-wedding rituals, including the marriage ceremony itself, according to the prescribed procedures. Having marriage rituals performed by the Brahmins of Kashi is considered a blessing from Mahadev. Kashipuram is always ready to arrange marriage ceremonies by the learned Brahmins of Kashi, whether within India or anywhere else in the world.

Quantity

Detailed Information in Hindi :

वैवाहिक अनुष्ठान की विधि (संक्षेप में) :

  1. पूर्व-संस्कार :

   – मंगलाष्टकशक्ति : विवाह से पूर्व, दो परिवारों के बीच संवाद और समझौते को सुनिश्चित करने के लिए समारोह होते हैं।

   – जन्मपत्री मिलान : वर और वधू की कुंडली मिलान की जाती है।

  1. विवाह की तैयारी :

   – शुद्धिकरण : विवाह स्थल को शुद्ध किया जाता है और आवश्यक पूजा सामग्री तैयार की जाती है।

   – आमंत्रण : ब्राह्मणों को आमंत्रित किया जाता है जो विवाह अनुष्ठान को सही ढंग से संपन्न कराते हैं।

  1. विवाह अनुष्ठान :

   – गणेश पूजन : अनुष्ठान की शुरुआत गणेश पूजा से की जाती है, ताकि सभी विघ्न दूर हो सकें।

   – हवन : विवाह स्थल पर हवन (अग्नि पूजा) की जाती है, जिसमें अग्नि को देवताओं का प्रतीक मानकर सामग्री अर्पित की जाती है।

   – मंगलफेरा : वर और वधू अग्नि के चारों ओर चार फेरे (चक्कर) लेते हैं, जो विवाह की सच्चाई और समर्पण का प्रतीक होता है।

   – सप्तपदी : सात कदम (सप्तपदी) के दौरान, वर और वधू एक-दूसरे के साथ चलकर जीवन की सात कस्में लेते हैं, जो दांपत्य जीवन के प्रमुख व्रत होते हैं।

   – सिंधूरदान : वधू के माथे पर सिंदूर (लाल चूना) लगाया जाता है, जो उसकी शादीशुदा स्थिति का प्रतीक है।

  1. समापन और आशीर्वाद :

   – अभिवादन : सभी मेहमानों और परिवारजनों को धन्यवाद और आशीर्वाद प्रदान किए जाते हैं।

उद्देश्य :

  1. धार्मिक और सांस्कृतिक पालन : विवाह अनुष्ठान पारंपरिक धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार किया जाता है, जिससे परिवार की धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखा जा सके।
  1. संबंध की स्थिरता : अनुष्ठान विवाह को स्थिरता और मजबूती प्रदान करता है, और दांपत्य जीवन के लिए एक आध्यात्मिक आधार स्थापित करता है।
  1. सामाजिक मान्यता : विवाह समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और ब्राह्मण द्वारा किए गए अनुष्ठान से यह विवाह समाज में मान्यता प्राप्त करता है।
  1. भविष्य की मंगलकामना : अनुष्ठान के दौरान किए गए पूजा और व्रत वर और वधू के भविष्य के सुखी और सफल दांपत्य जीवन की मंगलकामना के रूप में होते हैं।

ब्राह्मण द्वारा वैवाहिक अनुष्ठान एक सुसंगठित और विधिपूर्वक कार्यवाही है जो दांपत्य जीवन की धार्मिक, सांस्कृतिक, और आध्यात्मिक नींव को मजबूत बनाती है।

विशेष ध्यान दें:

– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी। 

अतिरिक्त जानकारियां : 

– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा । 

– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा। 

– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है ।

धन्यवाद !

Detailed Information in English :

Method of Marriage Rituals (In Brief) :

  1. Pre-Rituals :

   – Mangalshtakshati : Before the wedding, ceremonies ensure communication and understanding between the two families.

   – Horoscope Matching : The horoscopes of the groom and bride are matched.

  1. Wedding Preparations:

   – Purification : The wedding venue is purified, and necessary worship materials are prepared.

   – Invitation : Brahmins are invited to perform the wedding rituals properly.

  1. Wedding Rituals :

   – Ganesh Puja : The ceremony begins with Ganesh Puja to remove any obstacles.

   – Havan : A fire ritual (Agni Puja) is performed at the wedding site, where offerings are made to the fire as a symbol of divine presence.

   – Mangalfera : The groom and bride take four rounds (pheras) around the fire, symbolizing their commitment and devotion in marriage.

   – Saptapadi : During the seven steps (Saptapadi), the groom and bride take seven steps together, making seven vows for their married life.

   – Sindoor Daan : The groom applies sindoor (red powder) to the bride’s forehead, signifying her married status.

  1. Conclusion and Blessings :

   – Acknowledgment : Thanks and blessings are given to all guests and family members.

Objectives :

  1. Religious and Cultural Adherence : The wedding rituals are conducted according to traditional religious and cultural practices, preserving the family’s religious and cultural heritage.
  2. Stability of Relationship : The rituals provide stability and strength to the marriage, establishing a spiritual foundation for married life.
  3. Social Recognition : Marriage holds significant importance in society, and the rituals performed by Brahmins confer social acceptance and recognition.
  4. Future Well-Wishes : The rituals and vows taken during the ceremony are intended to ensure a prosperous and successful married life for the couple.

Marriage rituals conducted by Brahmins are a well-organized and formal procedure that strengthens the religious, cultural, and spiritual foundations of married life.

Special Notes:

   – For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.

Additional Information:

   – The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.

   – After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.

   – The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities.

Thank you !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sign in to your account

Sign up to your account

error: Content is protected !!