Sale!

काल अघोरानुष्ठान (Kaal Aghoranushthan)

Original price was: ₹948,000.00.Current price is: ₹790,000.00.

इस अनुष्ठान में काल यानी समय के प्रभाव को मान्यता दी जाती है और शिव के कालरूप की पूजा की जाती है। इसमें समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। काल अघोरानुष्ठान एक विशेष प्रकार का अघोर तंत्र होता है जो कि अत्यंत उग्र और शक्तिशाली होता है। यह अनुष्ठान अघोरी साधकों द्वारा किया जाता है और इसमें अत्यधिक साधना, ध्यान और मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। काल अघोरानुष्ठान का मुख्य उद्देश्य अध्यात्मिक उन्नति, दिव्य शक्तियों का संचार, और अंतरात्मा की प्राप्ति होती है।

इस अनुष्ठान में साधक अत्यंत शक्तिशाली तंत्रिक उपायों का उपयोग करते हैं जिनसे वे अपनी आत्मा की ऊंचाईयों को पहचानते हैं और दिव्य शक्तियों को प्राप्त करते हैं। इस अनुष्ठान में काल की उग्रता और शक्ति का प्रयोग किया जाता है ताकि साधक अपने आध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सफल हो सके।

काल अघोरानुष्ठान को अध्यात्मिक साधना, शक्ति संचार, और आत्मा के विकास के लिए एक प्रमुख साधना के रूप में माना जाता है जो साधक को अपने असली स्वरूप के निरंतरता की दिशा में ले जाता है।

The Kaal Aghoranushthan involves worship of Shiva in his form related to time (Kaal), acknowledging the significance of time itself. This ritual is a specific type of Aghor Tantra known for its intense and powerful practices. It is conducted by Aghori practitioners who engage in extensive meditation, mantra chanting, and use of tantric rituals.

The primary objective of Kaal Aghoranushthan is spiritual advancement, transmission of divine energies, and realization of the inner self. Practitioners employ highly potent tantric methods to recognize the heights of their soul and attain divine powers. The ritual harnesses the intensity and power of time (Kaal) to help practitioners succeed in their spiritual goals.

Kaal Aghoranushthan is considered a major discipline for spiritual practice, empowerment, and the development of the soul’s true nature.

Quantity

काल अघोरानुष्ठान के कई महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं, जो इसे अध्यात्मिक एवं शारीरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बनाते हैं:

  1. अध्यात्मिक उन्नति: काल अघोरानुष्ठान साधक को अध्यात्मिक दृष्टिकोण से ऊंचाई पर ले जाने में सहायक होता है। यह अनुष्ठान ध्यान, मंत्रों का जाप, और अन्य धार्मिक प्रक्रियाओं के माध्यम से साधक को अद्वैत ब्रह्म की अनुभव और सिद्धि की दिशा में प्रेरित करता है।
  2. शारीरिक और मानसिक शुद्धता : इस अनुष्ठान में विशेष तपस्या और साधना के द्वारा साधक का मानसिक और शारीरिक शुद्धता में सुधार होता है। ध्यान और साधना के प्रयोग से उसकी मानसिक स्थिति में स्थिरता आती है और उसके शारीरिक शक्तियाँ विकसित होती हैं।
  3. अंतर्मन की शुद्धता: काल अघोरानुष्ठान साधक को अंतर्मन की शुद्धता और स्थिरता की अनुभूति कराता है। इसके माध्यम से वह अपनी अंतरात्मा के साथ संवाद स्थापित करता है और आत्मज्ञान की प्राप्ति में प्रगट होता है।
  4. दिव्य शक्तियों का संचार: यह अनुष्ठान शारीरिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से शक्तिशाली तंत्रिक उपायों के माध्यम से दिव्य शक्तियों का संचार करने में सहायक होता है। साधक इसके द्वारा अपनी शक्तियों को बढ़ाता है और आत्मा के उच्च स्तर पर जाने के लिए तैयार होता है।
  5. अन्य लाभ: काल अघोरानुष्ठान साधक को अपने जीवन में स्थिरता, आत्म-समर्पण, और आध्यात्मिक सिद्धि के दृष्टिकोण से लाभ प्रदान करता है। इसके अलावा, यह उसे कठिन परिस्थितियों में सहायता प्रदान कर सकता है और उसे अध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक हो सकता है।

काल अघोरानुष्ठान एक प्रमुख अघोर तंत्र का हिस्सा होता है जो साधक को अपने अध्यात्मिक उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होता है और उसे अद्वैत ब्रह्म की साक्षात्कार की दिशा में अग्रसर करता है।

There can be several significant benefits of Kaal Aghoranushthan, which are crucial from both spiritual and physical perspectives:

  1. Spiritual Advancement: Kaal Aghoranushthan assists the practitioner in reaching higher spiritual states. This practice involves meditation, chanting of mantras, and other religious rituals that inspire the seeker towards the experience and realization of non-dual Brahman.
  2. Physical and Mental Purity: Through rigorous tapasya (austerity) and sadhana (spiritual practice), the practitioner achieves improvement in mental and physical purity. Regular practice of meditation stabilizes their mental state and enhances their physical energies.
  3. Purity of Inner Mind: Kaal Aghoranushthan enables the practitioner to experience purity and stability of the inner mind. Through this, they establish a dialogue with their inner self and manifest towards self-realization.
  4. Transmission of Divine Powers: This ritual assists in transmitting divine energies through powerful tantric practices, both physically and spiritually. Practitioners enhance their powers and prepare themselves to ascend to higher spiritual levels.
  5. Other Benefits: Kaal Aghoranushthan provides stability, self-surrender, and spiritual accomplishment in the practitioner’s life. Additionally, it can offer assistance in challenging situations and support in achieving spiritual goals.

Kaal Aghoranushthan is a significant part of Aghor Tantra that aids the practitioner in achieving their spiritual goals and advancing towards the realization of non-dual Brahman.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sign in to your account

Sign up to your account

error: Content is protected !!