प्रमुख दर्शनीय स्थल in Hindi :
1 – श्री राम जन्मभूमि अयोध्या :
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर पहले एक मंदिर था, जिसे प्राचीन काल में भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में पूजा जाता था। इस मंदिर का निर्माण विभिन्न कालों में हुआ था, लेकिन 16वीं सदी में बाबर के समय के दौरान एक मस्जिद (जिसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना गया) के निर्माण के साथ विवाद उत्पन्न हुआ।
बाबरी मस्जिद विवाद: 1528 में, बाबर के गवर्नर मीर बाकी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद का निर्माण किया, जो श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के स्थल पर स्थित थी। हिन्दू धर्मावलंबियों का दावा था कि मस्जिद को भगवान राम के जन्मस्थान पर बनवाया गया था, जो एक लंबे समय से विवाद का कारण रहा।
विवाद और आंदोलन: 20वीं सदी के अंत में, राम जन्मभूमि आंदोलन ने व्यापक रूप से ध्यान आकर्षित किया। 6 दिसंबर 1992 को, बाबरी मस्जिद को ढहा दिया गया, जिससे व्यापक दंगों और सामाजिक अशांति का दौर शुरू हुआ।
न्यायिक निर्णय और निर्माण: 2019 में, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद पर फैसला सुनाया, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी गई और मस्जिद के निर्माण के लिए अलग भूमि देने का निर्देश दिया गया। इसके बाद से, नए मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है।
जनवरी 2024 में इसका गर्भगृह तथा प्रथम तल बनकर तैयार है और 22 जनवरी 2024 को भारत के यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसमें श्रीराम के बाल रूप में विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा की गई।
2 – हनुमान गढ़ी :
हनुमान गढ़ी अयोध्या में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। इसका धार्मिक इतिहास और महत्व निम्नलिखित हैं:
धार्मिक महत्व: हनुमान गढ़ी अयोध्या का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहाँ भगवान हनुमान की पूजा की जाती है, जो हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति, और सेवा के प्रतीक माने जाते हैं। यह स्थल विशेष रूप से हनुमान भक्तों के लिए पवित्र है।
इतिहास: हनुमान गढ़ी का धार्मिक महत्व प्राचीन काल से रहा है। माना जाता है कि यह स्थल हनुमान जी की उपस्थिति से संबंधित है, और इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के रूप में पूजा जाता है। मंदिर का निर्माण कब और किसने किया, इस बारे में विभिन्न किंवदंतियाँ हैं, लेकिन यह निश्चित है कि यह स्थल अत्यंत पुराना है।
स्थल और वास्तुकला: हनुमान गढ़ी एक ऊँची पहाड़ी पर स्थित है, जिसे चढ़ाई करके पहुँचा जा सकता है। मंदिर के परिसर में एक विशाल प्रतिमा है, जिसमें हनुमान जी को एक विशाल आकार में दर्शाया गया है। मंदिर की वास्तुकला सरल लेकिन आकर्षक है, और यहाँ भव्य पेंटिंग्स और मूर्तियों का संग्रह है।
धार्मिक आयोजन: यहाँ विशेष रूप से हनुमान जयंती, राम नवमी, और अन्य हिन्दू त्योहारों पर बड़े उत्सव होते हैं। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा, आरती, और भजन कीर्तन आयोजित किए जाते हैं।
भक्तों की आस्था: हनुमान गढ़ी में आने वाले भक्तों का विश्वास है कि यहाँ पूजा करने से कठिनाइयाँ दूर होती हैं और भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है। यहाँ आने वाले भक्त आत्मिक शांति और बल प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं।
इस प्रकार, हनुमान गढ़ी अयोध्या के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है, और यह भगवान हनुमान के प्रति भक्तों की श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है।
3 – रामकोट :
धार्मिक महत्व: रामकोट अयोध्या में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान राम से जोड़ा जाता है। यह स्थल भगवान राम के किले के रूप में माना जाता है, जो उनके समय के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है।
इतिहास: रामकोट का उल्लेख पुरानी हिन्दू ग्रंथों और रामायण में मिलता है। इसे अयोध्या का एक ऐतिहासिक किला माना जाता है, जो भगवान राम के शासनकाल के समय का प्रतीक है। वर्तमान में, यहाँ पर कुछ मंदिर और अन्य धार्मिक संरचनाएँ हैं जो भगवान राम की पूजा के लिए समर्पित हैं।
वास्तुकला और स्थल: रामकोट क्षेत्र में विभिन्न मंदिर और धार्मिक स्थल स्थित हैं, जो दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र प्राचीन काल में कितनी धार्मिक गतिविधियों का केंद्र था।
4 – कनक भवन :
धार्मिक महत्व: कनक भवन अयोध्या में भगवान राम और माता सीता को समर्पित एक प्रमुख मंदिर है। यहाँ पर भगवान राम और माता सीता की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसे एक पवित्र स्थल माना जाता है और यहाँ श्रद्धालु विशेष रूप से पूजा-अर्चना के लिए आते हैं।
इतिहास: कनक भवन का निर्माण 19वीं सदी में हुआ था और यह राजा द्वारका दास द्वारा बनवाया गया था। इसका नाम ‘कनक’ (सोना) के नाम पर रखा गया है, जिसका अर्थ है कि यह स्थल स्वर्ण से बना हुआ प्रतीत होता है।
वास्तुकला और स्थल: कनक भवन का निर्माण और उसकी सजावट अत्यंत सुंदर और भव्य है। यहाँ पर भव्य गुंबद, सुंदर आंतरिक सजावट, और भगवान राम और सीता की आकर्षक मूर्तियाँ हैं। यह स्थल अयोध्या में धार्मिक यात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है।
5 – मणि पर्वत :
धार्मिक महत्व: मणि पर्वत अयोध्या में स्थित एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इसे हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और यह भगवान राम से जुड़े स्थल के रूप में जाना जाता है। मणि पर्वत को धार्मिक ग्रंथों और किंवदंतियों में भी उल्लेखित किया गया है।
इतिहास: मणि पर्वत का प्राचीन धार्मिक महत्व है और इसे रामायण जैसे ग्रंथों में संदर्भित किया गया है। इस पर्वत को भगवान राम के समय से जोड़ा जाता है, और इसे एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है।
वास्तुकला और स्थल: मणि पर्वत एक ऊँचा स्थल है और यहाँ पर पूजा-अर्चना के लिए एक प्रमुख मंदिर स्थित है। यह स्थान धार्मिक यात्रियों के लिए एक शांत और पवित्र स्थल है।
6 – श्री नागेश्वरनाथ मंदिर :
धार्मिक महत्व: श्री नागेश्वरनाथ मंदिर अयोध्या में स्थित एक महत्वपूर्ण शिव मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के नागेश्वरनाथ रूप को समर्पित है। शिव भक्तों के लिए यह स्थल विशेष रूप से पवित्र माना जाता है और यहाँ शिव की पूजा की जाती है।
इतिहास: श्री नागेश्वरनाथ मंदिर का धार्मिक इतिहास प्राचीन है और यह अयोध्या के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना की तिथि और निर्माण के बारे में प्राचीन ग्रंथों में विवरण मिलता है, हालांकि इसके निर्माण से संबंधित सटीक जानकारी अस्पष्ट हो सकती है।
वास्तुकला और स्थल: मंदिर की वास्तुकला में हिन्दू मंदिरों की पारंपरिक शैली देखने को मिलती है। यहाँ पर भगवान शिव की भव्य मूर्ति स्थापित है और मंदिर परिसर शांत और श्रद्धा का वातावरण प्रदान करता है।
7 – तुलसी स्मारक भवन :
धार्मिक महत्व: तुलसी स्मारक भवन अयोध्या में स्थित एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो प्रसिद्ध कवि तुलसीदास के जीवन और कार्यों को समर्पित है। तुलसीदास, जो हिंदी साहित्य के महान कवि और संत थे, ने “रामचरितमानस” जैसे महान ग्रंथों की रचना की, जो भगवान राम की जीवन कथा पर आधारित है।
इतिहास: तुलसी स्मारक भवन की स्थापना 1960 के दशक में हुई थी। यह भवन तुलसीदास की समर्पित स्मृति में बनाया गया है, और यहाँ उनके जीवन, रचनाओं, और उनके समय की ऐतिहासिक वस्तुएँ प्रदर्शित की जाती हैं।
वास्तुकला और स्थल: तुलसी स्मारक भवन में तुलसीदास से संबंधित विभिन्न कलाकृतियाँ, पुरानी पांडुलिपियाँ, और उनके द्वारा रचित साहित्य के दस्तावेज प्रदर्शित किए जाते हैं। भवन का वातावरण एक प्रेरणादायक और शैक्षिक अनुभव प्रदान करता है।
8 – सरयू नदी :
धार्मिक महत्व: सरयू नदी अयोध्या में बहने वाली एक महत्वपूर्ण धार्मिक नदी है। हिन्दू धर्म में इसे पवित्र नदी माना जाता है और इसका विशेष महत्व है। यह नदी विशेष रूप से भगवान राम की कथा से जुड़ी हुई है, और इसे राम की नगरी अयोध्या की धार्मिक पहचान के रूप में देखा जाता है।
इतिहास: सरयू नदी का उल्लेख प्राचीन हिन्दू ग्रंथों, जैसे रामायण और महाभारत में मिलता है। ये ग्रंथ इस नदी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं। अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान और स्नान के लिए श्रद्धालु अक्सर सरयू नदी की ओर आते हैं।
वास्तुकला और स्थल: सरयू नदी अयोध्या के मध्य से बहती है और इसके किनारे कई पवित्र घाट हैं जहाँ श्रद्धालु पूजा और स्नान करते हैं। नदी के किनारे पर विभिन्न धार्मिक गतिविधियाँ, जैसे पूजा, हवन, और सांस्कृतिक उत्सव, नियमित रूप से आयोजित होते हैं।
Major tourist attractions in English :
1 – Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya:
Historical background: There was a temple at the Shri Ram Janmabhoomi site, which was worshipped as the birthplace of Lord Rama in ancient times. The temple was built in various periods, but controversy arose with the construction of a mosque (known as the Babri Masjid) during the time of Babur in the 16th century.
Babri Masjid dispute: In 1528, Babur’s governor Mir Baqi built the Babri Masjid in Ayodhya, which was located at the site of the Shri Ram Janmabhoomi temple. Hindus claimed that the mosque was built on the birthplace of Lord Rama, which was a long-standing cause of controversy.
Controversy and movement: In the late 20th century, the Ram Janmabhoomi movement gained widespread attention. On 6 December 1992, the Babri Masjid was demolished, leading to widespread riots and social unrest.
Judicial decision and construction: In 2019, the Indian Supreme Court ruled on the dispute, allowing the construction of a Ram temple in Ayodhya and directing to give separate land for the construction of the mosque. Since then, the construction of the new temple is going on at a fast pace.
In January 2024, its sanctum sanctorum and first floor are ready and on 22 January 2024, the idol of Shri Ram in child form was consecrated by the illustrious Prime Minister of India Narendra Modi.
2 – Hanuman Garhi:
Hanuman Garhi is a major Hindu temple located in Ayodhya, dedicated to Lord Hanuman. Its religious history and significance are as follows:
Religious significance: Hanuman Garhi is a major religious place in Ayodhya. Lord Hanuman is worshipped here, who is considered a symbol of strength, devotion, and service in Hinduism. This place is especially sacred for Hanuman devotees.
History: Hanuman Garhi has religious significance since ancient times. The site is believed to be related to the appearance of Lord Hanuman, and is worshipped as an important pilgrimage site. There are various legends about when and who built the temple, but it is certain that the site is extremely old.
Site and Architecture: Hanuman Garhi is situated on a high hill, which can be reached by climbing. The temple complex houses a huge statue depicting Lord Hanuman in a gigantic size. The architecture of the temple is simple but attractive, and it houses a collection of gorgeous paintings and sculptures.
Religious Events: There are big celebrations here, especially on Hanuman Jayanti, Ram Navami, and other Hindu festivals. Special pujas, aartis, and bhajan kirtans are organised at the temple on these occasions.
Faith of Devotees: Devotees visiting Hanuman Garhi believe that worshipping here removes difficulties and brings blessings of Lord Hanuman. Devotees visiting here hope to gain spiritual peace and strength.
Thus, Hanuman Garhi is one of the major religious sites in Ayodhya, and it is the center of devotion and reverence of devotees towards Lord Hanuman.
3 – Ramkot :
Religious Significance: Ramkot is an important religious site located in Ayodhya, which is associated with Lord Rama. This site is considered as the fort of Lord Rama, which shows the historical and religious significance of his time.
History: Ramkot is mentioned in old Hindu texts and Ramayana. It is considered a historical fort of Ayodhya, which symbolizes the time of Lord Rama’s reign. Currently, there are some temples and other religious structures dedicated to the worship of Lord Rama.
Architecture and Site: Various temples and religious sites are located in the Ramkot area, which shows how much religious activities this area was a center of in ancient times.
4 – Kanak Bhawan :
Religious Significance: Kanak Bhawan is a major temple dedicated to Lord Rama and Mata Sita in Ayodhya. Beautiful idols of Lord Rama and Mata Sita are installed here. It is considered a holy place and devotees come here especially for worship.
History: Kanak Bhawan was built in the 19th century and was built by Raja Dwarka Das. It is named after ‘Kanak’ (gold), which means that the place appears to be made of gold.
Architecture and Site: The construction and decoration of Kanak Bhawan is extremely beautiful and grand. It has grand domes, beautiful interior decorations, and attractive statues of Lord Rama and Sita. This place is a major attraction for religious travelers in Ayodhya.
5 – Mani Parvat:
Religious Significance: Mani Parvat is an important religious place located in Ayodhya. It is considered holy in Hinduism and is known as a place associated with Lord Rama. Mani Parvat is also mentioned in religious texts and legends.
History: Mani Parvat has ancient religious significance and has been referred to in texts like Ramayana. This mountain is associated with the time of Lord Rama, and is considered a major pilgrimage site.
Architecture and Site: Mani Parvat is a high place and a major temple is located here for worship. This place is a calm and holy place for religious travelers.
6 – Shri Nageshwarnath Temple:
Religious significance: Shri Nageshwarnath Temple is an important Shiva temple located in Ayodhya. This temple is dedicated to the Nageshwarnath form of Lord Shiva. This site is considered especially sacred for Shiva devotees and Shiva is worshiped here.
History: The religious history of Shri Nageshwarnath Temple is ancient and it is one of the main temples of Ayodhya. Details about the date of establishment and construction of this temple are found in ancient texts, although the exact information related to its construction may be unclear.
Architecture and site: The architecture of the temple reflects the traditional style of Hindu temples. A grand idol of Lord Shiva is installed here and the temple complex provides an atmosphere of calm and reverence.
7 – Tulsi Memorial Building:
Religious significance: Tulsi Memorial Building is an important site located in Ayodhya, dedicated to the life and works of the famous poet Tulsidas. Tulsidas, who was a great poet and saint of Hindi literature, composed great texts like “Ramcharitmanas”, which is based on the life story of Lord Rama.
History: The Tulsi Smarak Bhavan was established in the 1960s. The building is built in dedicated memory of Tulsidas, and exhibits historical objects from his life, works, and times.
Architecture and Site: The Tulsi Smarak Bhavan exhibits various artifacts, old manuscripts, and documents related to Tulsidas and the literature he wrote. The ambiance of the building provides an inspiring and educational experience.
8 – Saryu River:
Religious Significance: The Saryu River is an important religious river flowing in Ayodhya. It is considered a holy river in Hinduism and has special significance. The river is particularly associated with the legend of Lord Rama, and is seen as the religious identity of Rama’s city Ayodhya.
History: The Saryu River is mentioned in ancient Hindu texts, such as the Ramayana and the Mahabharata. These texts reflect the religious and cultural significance of this river. Devotees often visit the Saryu River for religious rituals and bathing in Ayodhya.
Architecture and Sites: The Saryu River flows through the middle of Ayodhya and has many sacred ghats along its banks where devotees worship and bathe. Various religious activities, such as pujas, havans, and cultural festivals, are regularly held along the riverbanks.