कथा वाचक परम पूज्य स्वामी श्री सुधीरानन्द जी महाराज

275,000.00

संक्षिप्त परिचय :

उत्तर प्रदेश में काशी क्षेत्र के जौनपुर जनपद के शाहगंज तहसील में संदहां नामक ग्राम में 8 फरवरी 1985 (शुक्रवार) के शुभ दिन माता श्रीमती इन्द्रशीला देवी की कोख से तीसरी संतान के रूप में परम पूज्य स्वामी श्री सुधीरानन्द जी महाराज का इस पावन धरा पर अवतरण हुआ । आपके पिता श्री फूलचंद्र मिश्र भगवान् भोले नाथ के अनन्य उपासक हैं इसलिए उन्होंने अपने पुत्र का नाम सुधीर रखा जो कि बचपन से ही धैर्यवान और होनहार थे । आपका बचपन बड़े ही संघर्षों से बीता क्योंकि पिताजी एक साधारण किसान थे। लेकिन “होनहार बिरवान के होत चीकने पात” आपके ऊपर अक्षरशः लागू होती है। घर के सामने भगवान् शंकर का विशाल मंदिर होने के कारण घर का वातावरण भक्तिपूर्ण बना रहता था । इसी के फलस्वरूप दादा जी और नाना जी के साथ रहने से आप बचपन से ही मेधा संपन्न रहे । तिलकधारी कॉलेज जौनपुर से उच्च शिक्षा प्राप्त करने उपरांत ही आप राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के संपर्क में आए और आपको सन 2008 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) में संघ के प्रचारक के रूप में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ । 2014 में प्रेमभूषण जी महाराज (अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक) के संपर्क में आने के बाद आपकी कथा की यात्रा प्रारम्भ हुई । छत्तीसगढ़ में आपने जनजातीय समाज के बीच रहकर उनके उन्नयन के लिए ‘एक शाम राम के नाम’ कहना प्रारम्भ किया ।

आपने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखण्ड में आदिवासी समाज के बीच जा – जाकर सनातन धर्म की अलख जगाने का कार्य किया । कोरोना काल में आपका कर्नाटक के दक्षिण काशी कहे जाने वाले गोकर्ण में जाना हुआ। वहाँ पर आपने वाल्मीकि रामायण का गहन अध्ययन किया तत्पश्चात काशी में आपका पुनः आगमन हुआ और रामायण के सुप्रसिद्ध कथा वाचक परम पूज्य डॉ. राघवाचार्य जी का दर्शन किया और उनसे दीक्षा प्राप्त की।

आपकी कथाएं भारत के लगभग 20 राज्यों में आयोजित हो चुकी हैं। आपकी कथाओं में राष्ट्र बोध, सामाजिक चिंतन, दूरदर्शी भाव और तात्कालिक परिस्थिति का चिंतन निहित है और आप अपनी कथाओं में परिवार की व्यवस्था, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, गौ संवर्धन, सनातन धर्म के उत्थान का विषय बड़ी प्रमुखता से व्यक्त होता है।
Swami Shri Sudhiranand Ji Maharaj

Brief Introduction :

Born on February 8, 1985 (Friday), on an auspicious day in the village of Sandahan, in the Shahganj tehsil of Jaunpur district in Uttar Pradesh, Revered Swami Shri Sudhiranand Ji Maharaj is the third child born to mother Shrimati Indrashila Devi. His father, Shri Foolchandra Mishra, is a devout follower of Lord Bholenath, hence he named his son Sudhir, who showed patience and skill from a young age. His childhood was marked by significant struggles as his father was a humble farmer. However, the presence of a large temple of Lord Shiva in front of their home created a spiritually enriching environment.

Growing up with grandparents, Sudhir was endowed with intellect from an early age. After completing higher education from Tilakdhari College in Jaunpur, he became associated with the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) and in 2008, he got an opportunity to work as a propagator for the RSS at Kashi Hindu University (BHU).

In 2014, after coming into contact with Revered Prembhushan Ji Maharaj (an international storyteller), his journey as a storyteller began. He started his narrative journey among the tribal societies of Chhattisgarh, initiating ‘Ek Shaam Ram Ke Naam’ for their upliftment.

During the COVID era, he traveled to Gokarna in Karnataka, known as the Southern Kashi, where he deeply studied the Valmiki Ramayana. Subsequently, he returned to Kashi and received initiation from Revered Dr. Raghavacharya Ji, a renowned Ramayana storyteller.

His narratives have been organized in approximately 20 states of India. His stories are infused with national consciousness, social contemplation, futuristic vision, and contemporary concerns. Family organization, awakening, environmental conservation, cow welfare, and the upliftment of Sanatan Dharma prominently feature in his narratives.

Quantity

Detailed Information in Hindi :

भारत में पूज्य श्री सुधीरानन्द जी महाराज की कथा आयोजन हेतु संपर्क करने से पहले निम्न बिंदुओं पर एक नजर जरूर डालें :

मंच सज्जा :

1 – महाराज की कथा आयोजन हेतु मंच काम से काम 25 x 35 फ़ीट का होना चाहिए
2 – मंच पर सफ़ेद चादर बिछा होना चाहिए और उसके ऊपर व्यास पीठ बना होना चाहिए ।
3 – व्यास पीठ पर भी सफ़ेद चादर बिछी होनी चाहिए।
4 – मंच के हिसाब से ही बैकड्रॉप फ्लैक्स चाहिए जो कि न ही छोटा दिखे और न ही बहुत बड़ा
5 – व्यास पीठ के सामने दो गमलों में तुलसी जी का पौधा
6 – पूजन सामग्री
7 – आरती के लिए 10 नयी थाली
8 – नया राम चरित मानस

बुकिंग डिटेल :

महाराज जी की अनुष्ठानिक कथा या सामान्य कथा (केवल मंच पर) के लिए इनके साथ 10 लोगों की टीम जाती है जिसमें संगीत मंडली, निज सेवक, आचार्य, कैमरा मैन, साऊण्ड सिस्टम के लोग शामिल रहते हैं । महाराज जी की कथा में साऊण्ड सिस्टम और कैमरा मैन के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है । कथा आयोजन हेतु आयोजक को जो शुल्क प्रदान करना होगा वह निम्नलिखित है :

9 दिवसीय अनुष्ठानिक श्री राम कथा – INR 300000/-
9 दिवसीय गैरअनुष्ठानिक श्री राम कथा – INR 275000/-
7 दिवसीय अनुष्ठानिक भागवत कथा – INR 300000/-
7 दिवसीय गैरअनुष्ठानिक भागवत कथा – INR 275000/-

अन्य महत्वपूर्ण बातें –

– कथा आयोजन स्थल तक पूज्य महाराज जी को ले जाने और वापसी के लिए आयोजक को आवश्यकतानुसार इनोवा क्रिस्टा एवं उनकी टीम के लिए 17 सीटर एयरकंडीशंड टेम्पो ट्रैवेलर या महाराज जी एवं उनके निज सेवकों के लिए ट्रेन में AC 2 के 3 टिकट और ग्रुप के सभी सदस्यों के लिए ट्रेन का AC 3 का टिकट या फ्लाईट का टिकट और किसी अच्छे होटल, धर्मशाला या गेस्ट हाऊस में रुकने – खाने की व्यवस्था जिसमे एयर कंडीशन की सुविधा भी उपलब्ध हो तथा आयोजक को रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट तक आने – जाने की व्यवस्था भी करने पड़ेगी ।
– आयोजक की तरफ से महाराज जी के विश्राम हेतु किसी अच्छे साफ़ – सुथरे होटल/धर्मशाला/गेस्टहाऊस में एक कमरा उनके लिए और 2 कमरा उनकी टीम के लिए बुक करना होगा ।
– यदि आयोजक महाराज जी एवं उनकी टीम के लिए गाड़ी भेजने में असमर्थ है तो महाराज जी की तरफ से गाड़ियों की व्यवस्था कर ली जाएगी लेकिन उसका भुगतान आयोजक को करना होगा ।
– महाराज जी के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन के व्यवस्था आयोजक को करनी होगी।
– महाराज जी की कथा बुकिंग के लिए आयोजक को 50 % एडवांस पेमेंट करना अनिवार्य होगा । और बाकी का 50 % महाराज जी की कथा शुरू होने से 2 घंटे पहले करना अनिवार्य होगा ।
– यदि किसी कारण वश आयोजक बुकिंग कैंसिल कराता है या आयोजक की वजह से बुकिंग कैंसिल होती है तो किसी भी प्रकार का रिफंड नहीं किया जाएगा ।
– यदि किसी कारणवश आयोजक को प्रस्तुति की तारीख आगे या पीछे करना पड़े तो उक्त दशा में महाराज जी की उपलब्धता के आधार पर ही कंफर्मेशन दिया जाएगा या महाराज जी जो तारीख बताएंगे आयोजक को उस तारीख पर कथा कराना पड़ेगा अन्यथा बुकिंग कैंसिल कर दी जाएगी।
– यदि महाराज जी की तरफ से किसी कारणवश बुकिंग कैंसिल होती है तो आयोजक को पूरे पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे ।

विदेश में महाराज जी की कथा आयोजन हेतु महत्वपूर्ण बातें :

– भारत से बाहर किसी भी अन्य देश में महाराज जी की कथा के आयोजन हेतु उनके शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं होगा ।
– आवश्यकतानुसार आयोजक को उक्त देश का वीजा और अन्य अपेक्षित कागजात बनवाने होंगे।
– आयोजक की आवश्यकतानुसार महाराज जी की टीम के सदस्यों की संख्या घटाई जा सकती है परन्तु महाराज जी के अतिरिक्त कम से कम 2 सदस्य उनके साथ अनिवार्य रूप से रहेंगे।
– आयोजक की तरफ से महाराज जी के विश्राम हेतु किसी अच्छे साफ़ – सुथरे होटल/धर्मशाला/गेस्टहाऊस में एक कमरा उनके लिए और 1 कमरा उनके निज सेवकों के लिए बुक करना होगा ।
– महाराज जी के लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन की व्यवस्था करनी होगी ।
– यदि महाराज जी के साथ उनकी संगीत मण्डली नहीं जा सकेगी तो आयोजक को अपनी तरफ से संगीत मंडली की व्यवस्था करनी होगी ताकि श्रोतागण संगीतमय कथा का रसपान कर सकें।

अन्य जानकारी के लिए नीचे दिए गए नंबरों पर कॉल करें या मैसेज करें :
+91 7007301452 / +91 7839896322

धन्यवाद
Detailed Information in English :

Before contacting Revered Shri Sudhiranand Ji Maharaj for organizing his discourse (katha) in India, please consider the following points:

Stage Setup:

1. The stage should ideally measure 25 x 35 feet.
2. It should be covered with a white sheet, and there should be a raised platform (vyas peeth) on top of it.
3. The vyas peeth should also be adorned with a white sheet.
4. The backdrop (backdrop flex) should be proportional to the stage size, neither too small nor too large.
5. In front of the vyas peeth, there should be two pots with Tulsi plants.
6. Arrangements for worship materials.
7. Ten new trays for the aarti.
8. A new copy of Ram Charit Manas.

Booking Details:

For organizing the formal discourse (anusthanik katha) or a regular discourse (gairanusthanik katha) on stage, a team of 10 people accompanies Maharaj Ji. This team includes musicians, personal assistants, acharya, camera crew, and sound system operators. There is no additional charge for the sound system and camera crew in Maharaj Ji’s discourse. The fees to be provided by the organizer are as follows:

– 9 days formal Shri Ram Katha: INR 300,000/-
– 9 days regular Shri Ram Katha: INR 275,000/-
– 7 days formal Bhagvat Katha: INR 300,000/-
– 7 days regular Bhagvat Katha: INR 275,000/-

Other Important Points:

– The organizer is responsible for arranging transportation to bring Maharaj Ji to the venue and back. This includes a 17-seater air-conditioned tempo traveler for Maharaj Ji and his team or AC 2-tier train tickets for Maharaj Ji and his personal attendants and AC 3-tier train tickets or flight tickets for all group members. Accommodation should be provided in a good hotel, dharamshala, or guesthouse with air-conditioned facilities. Arrangements must also be made for transportation to and from the railway station or airport.

– The organizer must book one room for Maharaj Ji and two rooms for his team in a clean and tidy hotel/dharamshala/guesthouse for their rest.

– If the organizer is unable to send vehicles for Maharaj Ji and his team, arrangements will be made by Maharaj Ji, but the organizer must bear the cost.

– Pure vegetarian meals must be arranged for Maharaj Ji.

– The organizer must pay a 50% advance payment for booking Maharaj Ji’s discourse, and the remaining 50% must be paid at least 2 hours before the start of the discourse.

– No refunds will be made if the booking is canceled by the organizer or due to reasons attributable to the organizer.

– If the organizer needs to reschedule the presentation date, confirmation will be based on Maharaj Ji’s availability. Otherwise, the booking will be canceled.

– If Maharaj Ji cancels the booking for any reason, the organizer will receive a full refund.

For organizing Maharaj Ji’s discourse outside India, the following additional points apply:

– There will be no change in Maharaj Ji’s fees for organizing his discourse in any other country.

– The organizer must arrange for the visa of the respective country and other necessary documents as required.

– Depending on the organizer’s needs, the number of members of Maharaj Ji’s team can be reduced, but at least 2 members besides Maharaj Ji must accompany him.

– The organizer must book one room for Maharaj Ji and one room for his personal attendants in a good hotel/dharamshala/guesthouse.

– Pure vegetarian meals must be arranged for Maharaj Ji.

– If Maharaj Ji’s music troupe cannot accompany him, the organizer must arrange for their music troupe so that the audience can enjoy the musical discourse.

For further information, please call or message the numbers provided below:

+91 7007301452 | +91 7839896322

Thank you

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sign in to your account

Sign up to your account

error: Content is protected !!