The Divine Significance of Pishach Mochan and Tripindi Shraddha
Kashi, also known as Varanasi, is the spiritual heart of Indian Sanatan culture. Among its sacred sites, Pishach Mochan Teerth holds special significance for liberating ancestors (Pitras) and resolving Pitra Dosh. Performing the Tripindi Shraddha ritual here is considered immensely fruitful, especially on auspicious days like Somvati Amavasya.
Pishach Mochan: A Sacred Pilgrimage
Pishach Mochan is one of Kashi’s ancient and revered pilgrimage spots. It is renowned as a place where ancestral souls trapped in suffering are granted liberation. According to scriptures, rituals performed here free Pitras from the Pishach (restless spirit) state and lead them to salvation.
Importance of Tripindi Shraddha
The Tripindi Shraddha ritual is dedicated to appeasing the ancestors of three preceding generations. This sacred act grants peace to their souls while removing Pitra Dosh (ancestral affliction) from the lives of descendants. It is believed to bring prosperity, resolve familial issues, and enhance overall well-being.
The Unique Combination of Somvati Amavasya
Somvati Amavasya occurs when Amavasya (new moon) coincides with a Monday, creating an extraordinary celestial alignment. This rare occasion amplifies the power of rituals manifold. Performing Tripindi Shraddha at Pishach Mochan on this day is highly auspicious and transformative.
Benefits of Pishach Mochan and Tripindi Shraddha
1. Freedom from Pitra Dosh:
This ritual eliminates ancestral afflictions, ushering peace and prosperity.
2. Resolution of Family Challenges:
It alleviates financial issues, marriage obstacles, and delays in progeny.
3. Peace for Ancestors:
It helps Pitras attain liberation from Pishach Yoni (restless existence) and achieve salvation.
4. Flow of Positive Energy:
The ritual invites positivity and auspiciousness into the family.
Ritual Process and Its Significance
In Tripindi Shraddha, Brahmins perform sacred Vedic chants to invoke the ancestors. Through *Tarpan*, *Pind Daan*, and a fire offering (Havan), the departed souls are appeased. Performing this ritual at Pishach Mochan heightens its efficacy and delivers swift results.
How to Book Tripindi Shraddha?
A special Tripindi Shraddha ceremony will be conducted by learned Brahmins at Pishach Mochan, Kashi, on 30th December 2024 (Somvati Amavasya)
– Only 11 slots are available for individual rituals on this sacred day.
– Book your personalized puja now at www.kashipuram.com
Conclusion: Granting Peace to Ancestors and Prosperity to Descendants
Performing Tripindi Shraddha at Pishach Mochan on Somvati Amavasya is a rare and blessed opportunity. It not only liberates the ancestors but also brings harmony, prosperity, and positive energy to the family. Don’t miss this chance—book your puja today and honor your ancestors.
The peace of ancestors paves the way for a life of abundance and blessings.
पिशाच मोचन और त्रिपिंडी श्राद्ध का दिव्य महत्व
काशी, जिसे वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सनातन संस्कृति का दिव्य केंद्र है। यहां स्थित *पिशाच मोचन तीर्थ* का पितरों के उद्धार और पितृ दोष निवारण में अत्यधिक महत्व है। विशेष रूप से, *त्रिपिंडी श्राद्ध* जैसा कर्मकांड इस तीर्थस्थल पर किए जाने से अनंत फलदायी माना गया है।
पिशाच मोचन: पवित्र तीर्थ का परिचय
पिशाच मोचन काशी के प्राचीन और पूजनीय तीर्थों में से एक है। यह स्थान उन पितरों के उद्धार के लिए प्रसिद्ध है, जो किसी कारणवश मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाए। शास्त्रों में कहा गया है कि यहां किए गए अनुष्ठान पितरों को पिशाच योनि से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करते हैं।
त्रिपिंडी श्राद्ध का महत्व
त्रिपिंडी श्राद्ध का उद्देश्य उन तीन पीढ़ियों के पितरों को तृप्ति प्रदान करना है, जो भूत, प्रेत या पिशाच योनि में अटके हुए हैं। यह श्राद्ध न केवल पितरों की आत्मा को शांति देता है, बल्कि जीवित वंशजों को पितृ दोष, आर्थिक संकट और पारिवारिक क्लेश से मुक्ति प्रदान करता है।
सोमवती अमावस्या का विशेष योग
सोमवती अमावस्या तब होती है जब अमावस्या का दिन सोमवार के साथ संयोग करता है। यह दुर्लभ योग अनुष्ठानों की सफलता को कई गुना बढ़ा देता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पिशाच मोचन पर त्रिपिंडी श्राद्ध का आयोजन पितरों के उद्धार के लिए अत्यधिक शुभ और प्रभावी होता है।
पिशाच मोचन और त्रिपिंडी श्राद्ध के लाभ
1. पितृ दोष से मुक्ति:
यह अनुष्ठान पितृ दोष को समाप्त कर जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
2. पारिवारिक बाधाओं का समाधान:
आर्थिक संकट, विवाह में अड़चनें, और वंश वृद्धि में रुकावटों का निवारण होता है।
3. आत्मा की शांति:
पितरों को प्रेत योनि से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह:
यह जीवन में सकारात्मकता और शुभता लाने में सहायक है।
अनुष्ठान की प्रक्रिया और महत्व
त्रिपिंडी श्राद्ध में ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पितरों का आह्वान किया जाता है। उन्हें तर्पण, पिंडदान और हवन के माध्यम से तृप्त किया जाता है। पिशाच मोचन पर यह अनुष्ठान करने से इसका प्रभाव अधिक शक्तिशाली और तुरंत दिखने वाला होता है।
कैसे कराएं त्रिपिंडी श्राद्ध ?
काशीपुरम, काशी के विद्वान ब्राह्मणों के माध्यम से यह विशेष अनुष्ठान 30 दिसंबर 2024, सोमवती अमावस्या पर पिशाच मोचन पर आयोजित किया जा रहा है।
– इस अद्वितीय अवसर के लिए केवल 11 भक्तों को पूजा कराने की अनुमति है।
– अपनी पूजा की बुकिंग के लिए www.kashipuram.com पर तुरंत रजिस्टर करें।
निष्कर्ष: पितरों को मोक्ष और जीवन में सुख-समृद्धि
सोमवती अमावस्या पर पिशाच मोचन में त्रिपिंडी श्राद्ध कराना अद्वितीय अवसर है। यह न केवल पितरों को मोक्ष प्रदान करता है, बल्कि वंशजों के जीवन में भी सुख और शांति लाता है। समय रहते अपनी पूजा बुक करें और इस विशेष दिन का लाभ उठाएं।