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10 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 10 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹15,000.00.Current price is: ₹7,705.00.

According to the Rudraksha Jabalo Upanishad, the ten-faced Rudraksha offers blessings of Vishnu, Yama, and guardians. It protects the wearer from accidents, fatal diseases, and untimely death. Additionally, it enhances memory, concentration, and communication skills while promoting career growth and mental peace.

रुद्राक्ष-जाबालोपनिषद के अनुसार, दस मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु, यमराज और दस दिक्पालों का आशीर्वाद प्रदान करता है। यह दुर्घटनाओं, जानलेवा बीमारियों और अकाल मृत्यु से बचाने में सहायक है। साथ ही, यह स्मरण शक्ति, एकाग्रता और वाक-कौशल को बढ़ाता है, व्यापार में प्रगति करता है और मन को शांत रखता है।

Quantity

The ten-faced Rudraksha is believed to carry the blessings of Lord Vishnu and offers several benefits, such as:

  1. Wearing a ten-faced Rudraksha reduces the malefic effects of unfavorable planets and eliminates Vastu dosha.  
  2. Those with Saturn’s adverse placement in their horoscope or facing Sade Sati or Dhaiyya should wear it.  
  3. It helps achieve success in long-standing legal disputes or property-related issues.  
  4. The ten-faced Rudraksha is highly beneficial for overcoming loneliness and boosting self-confidence.  
  5. It is influenced by the ten Mahavidyas (divine energies).  
  6. Wearing it protects against the effects of black magic and negative energies.  

The 10-mukhi Rudraksha, also known as Dashamukhi Rudraksha, is considered highly significant from both religious and spiritual perspectives. Its importance can be understood through the following points:

Significance of 10-Mukhi Rudraksha:

1. Spiritual Power:

Universal Fulfillment and Well-being: 

The 10-mukhi Rudraksha is considered an embodiment of Lord Shiva and is specifically worshipped for liberation from all kinds of defects and for peace and prosperity in life. Wearing it enhances spiritual awareness and tranquility.

Blessings of Shiva: 

This Rudraksha symbolizes the blessings of Lord Shiva, and wearing it bestows special divine favor from Lord Shiva.

2. Physical and Mental Health:

Peace and Calm: 

It helps in reducing mental stress, anxiety, and depression. Wearing it brings mental peace and balance.

Positive Energy: 

It increases positive energy in the body and dispels negative energy.

3. Religious and Spiritual Impact:

Power and Protection: 

The 10-mukhi Rudraksha is especially worshipped for obtaining protection and strength. It guards the wearer against negative influences and spiritual hindrances.

Meditation and Practice: 

It is used in meditation, chanting, and spiritual practices. It brings depth and stability to spiritual endeavors.

4. Material Prosperity:

Wealth and Success: 

Wearing this Rudraksha is believed to bring wealth, prosperity, and growth. It also helps in enhancing business success and financial stability.

5. Symbol of Dashavatara:

Ten Avatars of Vishnu: 

It is considered a symbol of the ten avatars of Lord Vishnu, making it an important religious artifact.

6. Improvement in Relationships:

Family Peace: 

The 10-mukhi Rudraksha can help improve family and personal relationships and contribute to family harmony and balance.

Due to these attributes, the 10-mukhi Rudraksha is regarded as a very sacred and powerful item that can positively influence an individual’s life journey. Its religious, spiritual, and material benefits make it a significant item for spiritual practice.

Method to Wear 10-Mukhi Rudraksha:

1. Selection and Purification:

Purchase: 

Ensure that the 10-mukhi Rudraksha is purchased from a reliable source. It is better to obtain it from a sacred and certified Rudraksha vendor.

Purification: 

After bringing the Rudraksha home, cleanse it with Ganga water or pure water. This purifies and sanctifies it.

2. Puja and Abhishek:

Abhishek: 

Place the Rudraksha at the worship place and perform its abhishek (ritual bathing) using cow’s milk, honey, Ganga water, or Panchamrit (a mixture of milk, curd, ghee, honey, and sugar).

Puja: 

Recite mantras such as “Om Namah Shivaya” or “Om Hreem Kleem Mahadevaya Namah” during the puja. Place the Rudraksha on a clean cloth and offer a lamp and flowers during the worship.

3. Wearing Method:

Bath and Cleanliness: 

Before wearing the Rudraksha, bathe and ensure your body is completely clean.

Best Time: 

It is best to wear the Rudraksha early in the morning at sunrise or during any auspicious time. Particularly, wearing it on Monday is considered very auspicious.

Method of Wearing: 

Wear the Rudraksha on your right wrist or around your neck using a cotton or red thread. Always wear it with freshness and devotion.

4. Meditation and Practice:

Meditation: 

After wearing the Rudraksha, spend some time in meditation and spiritual practice. You may place it on the worship place during meditation sessions.

Routine: 

Use the Rudraksha regularly during meditation and puja. Avoid placing it in unclean or impure places.

5. Special Considerations:

True Devotion: 

The most important aspect of wearing the Rudraksha is true devotion and faith. It should be worn regularly with meditation and worship.

Exclusivity: 

Ensure that only one person wears the Rudraksha and do not share it with others.

Additional Information :

  • The 10-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
  • It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 10-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
  • On our part, the 10-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.

 

Detailed Information in Hindi : 

दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है. इसे पहनने से कई तरह के फ़ायदे होते हैं, जैसे कि: 

1 – दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से अशांत ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और वास्तु दोष से छुटकारा मिलता है. 

2 – जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है या साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, उन्हें दस मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए. 

3 – लंबे समय से कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं या संपत्ति के मामलों में परेशान हैं, तो दस मुखी रुद्राक्ष पहनने से सफलता मिलती है. 

4 – अकेलेपन का डर खत्म करने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दस मुखी रुद्राक्ष बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है. 

5 – दस मुखी रुद्राक्ष पर दस महाविद्याओं का प्रभाव रहता है. 

10 मुखी रुद्राक्ष, जिसे दशमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:

1. आध्यात्मिक शक्ति:

सर्वसिद्धि और कल्याण: 

10 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप माना जाता है और इसे विशेष रूप से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति के लिए पूजा जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति की आध्यात्मिक जागरूकता और शांति में वृद्धि होती है।

शिव की कृपा: 

यह रुद्राक्ष भगवान शिव की कृपा को दर्शाता है, और इसे धारण करने से भगवान शिव की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

2. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:

सुख और शांति: 

यह रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक होता है। इसके पहनने से मानसिक शांति और संतुलन मिलता है।

सकारात्मक ऊर्जा: 

यह शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

3. धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभाव:

शक्ति और सुरक्षा:

10 मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से सुरक्षा और बल की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। यह व्यक्ति को बुरी शक्तियों और आत्मिक बाधाओं से बचाता है।

ध्यान और साधना: 

इसका उपयोग ध्यान, जप, और साधना में विशेष रूप से किया जाता है। यह साधना में गहनता और स्थिरता लाता है।

4. भौतिक समृद्धि:

धन और समृद्धि: 

इसे पहनने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और अभिवृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यापारिक सफलता और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में भी सहायक होता है।

5. दशावतारों का प्रतीक:

विष्णु के दस अवतार: 

इसे भगवान विष्णु के दस अवतारों का प्रतीक भी माना जाता है, जो इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक वस्त्र बनाता है।

6. संबंधों में सुधार:

परिवारिक शांति: 

10 मुखी रुद्राक्ष परिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में भी सुधार लाने में सहायक हो सकता है, और पारिवारिक शांति और सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है।

इन विशेषताओं के कारण, 10 मुखी रुद्राक्ष को एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली वस्त्र माना जाता है जो व्यक्ति की जीवन यात्रा को सकारात्मक दिशा में प्रभावित कर सकता है। इसके धार्मिक, आध्यात्मिक, और भौतिक लाभ इसे एक महत्वपूर्ण साधना सामग्री बनाते हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि परंपरागत धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रियाओं के अनुसार की जाती है। इसे सही तरीके से धारण करने से इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि के बारे में विस्तार से बताया गया है:

10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि:

1. चयन और शुद्धिकरण:

रुद्राक्ष की खरीदारी: 

सुनिश्चित करें कि 10 मुखी रुद्राक्ष की खरीदारी एक विश्वसनीय स्रोत से की जाए। इसे पवित्र और प्रमाणित रुद्राक्ष विक्रेता से प्राप्त करना बेहतर होता है।

शुद्धिकरण: 

रुद्राक्ष को घर लाने के बाद, इसे गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। इससे इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।

2. पूजा और अभिषेक:

अभिषेक: 

रुद्राक्ष को पूजा स्थान पर रखकर, उसका अभिषेक करें। इसके लिए गाय के दूध, शहद, गंगाजल या पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) का उपयोग किया जा सकता है।

पूजा: 

रुद्राक्ष की पूजा के लिए ध्यान और मंत्र जप करें। विशेष रूप से, “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्लीं क्लीं महादेवाय नमः” जैसे मंत्रों का जप करें। पूजा के दौरान, रुद्राक्ष को एक शुद्ध वस्त्र पर रखें और दीपक और फूल अर्पित करें।

3. पहनने की विधि:

स्नान और स्वच्छता: 

रुद्राक्ष को पहनने से पहले, अपने शरीर को स्नान करके पूरी तरह से स्वच्छ करें।

सर्वोत्तम समय: 

रुद्राक्ष को सुबह-सुबह सूरज उगने के समय या किसी भी शुभ मुहूर्त में पहनना चाहिए। इसे खासतौर पर सोमवार को पहनना अधिक शुभ माना जाता है।

धारण की विधि: 

रुद्राक्ष को धारण करने के लिए, इसे सूती या लाल धागे में डालकर अपनी दाहिनी कलाई या गले में पहन सकते हैं। इसे हमेशा ताजगी और श्रद्धा के साथ पहनें।

4. ध्यान और साधना:

ध्यान: 

रुद्राक्ष को पहनने के बाद, दिन में कुछ समय ध्यान और साधना करें। इसे ध्यान के समय अपने शरीर से निकालकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं।

वृत्ति: 

रुद्राक्ष को नियमित रूप से ध्यान और पूजा के समय उपयोग करें। इसे कभी भी उथला या नापाक स्थान पर न रखें।

5. विशेष ध्यान:

सच्ची श्रद्धा: 

रुद्राक्ष को पहनने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सच्ची श्रद्धा और विश्वास। इसे ध्यान और पूजा के साथ नियमित रूप से पहनना चाहिए।

संगति: 

ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को केवल एक व्यक्ति ही धारण करे, और इसे दूसरों के साथ साझा न करें।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 10 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • 10 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
  • हमारी ओर से 10 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।

 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

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