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10 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 10 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹15,000.00.Current price is: ₹7,705.00.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 10 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक विशेष कथा है जो भारतीय पौराणिक कथाओं और धार्मिक ग्रंथों में पाई जाती है। 

 

कथा के अनुसार:

 

  1. रुद्राक्ष का स्वरूप: रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार का बीज है जिसे भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है। इसे शिव के आभूषण के रूप में भी पूजा जाता है और यह भक्तों के लिए एक दिव्य धरोहर मानी जाती है।

 

  1. 10 मुखी रुद्राक्ष का महत्व: 10 मुखी रुद्राक्ष, जिसे दशमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है, भगवान दशावतार (भगवान विष्णु के दस अवतार) और भगवान शिव के 10 मुखों के प्रतीक के रूप में माना जाता है। इसे विशेष रूप से शक्तियों और समृद्धि के स्रोत के रूप में पूजा जाता है।

 

  1. उत्पत्ति की कथा: 

   – एक कथा के अनुसार, 10 मुखी रुद्राक्ष का जन्म भगवान शिव के आशीर्वाद से हुआ। भगवान शिव ने अपनी तपस्या और ध्यान की शक्ति से इस रुद्राक्ष को उत्पन्न किया ताकि वे अपने भक्तों को शक्ति और सुरक्षा प्रदान कर सकें।

   – एक अन्य कथा में कहा गया है कि जब भगवान शिव ने ब्रह्मा, विष्णु और अन्य देवताओं के साथ मिलकर राक्षसों का संहार किया और दुनिया के कल्याण के लिए विभिन्न यज्ञ किए, तब उनकी ऊर्जा से यह रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ। 

 

  1. धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व: 10 मुखी रुद्राक्ष को पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है जो अपने धारक को मानसिक और शारीरिक शक्ति, समृद्धि और समस्त दोषों से मुक्ति प्रदान करता है। इसे विशेष रूप से जप, ध्यान और पूजा के दौरान इस्तेमाल किया जाता है और इसे पहनने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

 

इस प्रकार, 10 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति को विभिन्न धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं से जोड़ा जाता है, जो इसकी दिव्यता और शक्ति को दर्शाते हैं।

 

According to religious beliefs, there is a special legend about the origin of the 10-mukhi Rudraksha found in Indian mythological stories and religious texts.

 

According to the legend:

 

  1. The Form of Rudraksha: Rudraksha is a special type of seed associated with Lord Shiva. It is also worshipped as a divine ornament of Shiva and is considered a sacred heritage for devotees.

 

  1. Significance of the 10-Mukhi Rudraksha: The 10-mukhi Rudraksha, also known as Dashamukhi Rudraksha, is considered a symbol of the ten avatars of Lord Vishnu and the ten faces of Lord Shiva. It is particularly revered as a source of power and prosperity.

 

  1. Legend of Origin: 

   – According to one legend, the 10-mukhi Rudraksha was born out of Lord Shiva’s blessing. Lord Shiva created this Rudraksha through his penance and meditation to provide strength and protection to his devotees.

   – Another legend states that when Lord Shiva, along with Brahma, Vishnu, and other deities, destroyed demons and performed various yajnas for the welfare of the world, the energy from these actions gave rise to this Rudraksha.

 

  1. Religious and Spiritual Significance: The 10-mukhi Rudraksha is considered holy and powerful, providing its bearer with mental and physical strength, prosperity, and liberation from all defects. It is used particularly during japa (chanting), meditation, and worship, and wearing it brings peace, prosperity, and success in life.

 

Thus, the origin of the 10-mukhi Rudraksha is associated with various religious beliefs and mythological tales, highlighting its divinity and power.

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Product Description in Hindi : 

10 मुखी रुद्राक्ष, जिसे दशमुखी रुद्राक्ष भी कहा जाता है, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:

  1. आध्यात्मिक शक्ति:

   – सर्वसिद्धि और कल्याण: 10 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप माना जाता है और इसे विशेष रूप से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति के लिए पूजा जाता है। इसे पहनने से व्यक्ति की आध्यात्मिक जागरूकता और शांति में वृद्धि होती है।

   – शिव की कृपा: यह रुद्राक्ष भगवान शिव की कृपा को दर्शाता है, और इसे धारण करने से भगवान शिव की विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

  1. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:

   – सुख और शांति: यह रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक होता है। इसके पहनने से मानसिक शांति और संतुलन मिलता है।

   – सकारात्मक ऊर्जा: यह शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

  1. धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभाव:

   – शक्ति और सुरक्षा: 10 मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से सुरक्षा और बल की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। यह व्यक्ति को बुरी शक्तियों और आत्मिक बाधाओं से बचाता है।

   – ध्यान और साधना: इसका उपयोग ध्यान, जप, और साधना में विशेष रूप से किया जाता है। यह साधना में गहनता और स्थिरता लाता है।

  1. भौतिक समृद्धि:

   – धन और समृद्धि: इसे पहनने से व्यक्ति को धन, समृद्धि और अभिवृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यापारिक सफलता और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाने में भी सहायक होता है।

  1. दशावतारों का प्रतीक:

   – विष्णु के दस अवतार: इसे भगवान विष्णु के दस अवतारों का प्रतीक भी माना जाता है, जो इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक वस्त्र बनाता है।

  1. संबंधों में सुधार:

   – परिवारिक शांति: 10 मुखी रुद्राक्ष परिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में भी सुधार लाने में सहायक हो सकता है, और पारिवारिक शांति और सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है।

इन विशेषताओं के कारण, 10 मुखी रुद्राक्ष को एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली वस्त्र माना जाता है जो व्यक्ति की जीवन यात्रा को सकारात्मक दिशा में प्रभावित कर सकता है। इसके धार्मिक, आध्यात्मिक, और भौतिक लाभ इसे एक महत्वपूर्ण साधना सामग्री बनाते हैं।

10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि परंपरागत धार्मिक और आध्यात्मिक प्रक्रियाओं के अनुसार की जाती है। इसे सही तरीके से धारण करने से इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ 10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि के बारे में विस्तार से बताया गया है:

10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि:

  1. चयन और शुद्धिकरण:

   – रुद्राक्ष की खरीदारी: सुनिश्चित करें कि 10 मुखी रुद्राक्ष की खरीदारी एक विश्वसनीय स्रोत से की जाए। इसे पवित्र और प्रमाणित रुद्राक्ष विक्रेता से प्राप्त करना बेहतर होता है।

   – शुद्धिकरण: रुद्राक्ष को घर लाने के बाद, इसे गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। इससे इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।

  1. पूजा और अभिषेक:

   – अभिषेक: रुद्राक्ष को पूजा स्थान पर रखकर, उसका अभिषेक करें। इसके लिए गाय के दूध, शहद, गंगाजल या पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) का उपयोग किया जा सकता है।

   – पूजा: रुद्राक्ष की पूजा के लिए ध्यान और मंत्र जप करें। विशेष रूप से, “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्लीं क्लीं महादेवाय नमः” जैसे मंत्रों का जप करें। पूजा के दौरान, रुद्राक्ष को एक शुद्ध वस्त्र पर रखें और दीपक और फूल अर्पित करें।

  1. पहनने की विधि:

   – स्नान और स्वच्छता: रुद्राक्ष को पहनने से पहले, अपने शरीर को स्नान करके पूरी तरह से स्वच्छ करें।

   – सर्वोत्तम समय: रुद्राक्ष को सुबह-सुबह सूरज उगने के समय या किसी भी शुभ मुहूर्त में पहनना चाहिए। इसे खासतौर पर सोमवार को पहनना अधिक शुभ माना जाता है।

   – धारण की विधि: रुद्राक्ष को धारण करने के लिए, इसे सूती या लाल धागे में डालकर अपनी दाहिनी कलाई या गले में पहन सकते हैं। इसे हमेशा ताजगी और श्रद्धा के साथ पहनें।

  1. ध्यान और साधना:

   – ध्यान: रुद्राक्ष को पहनने के बाद, दिन में कुछ समय ध्यान और साधना करें। इसे ध्यान के समय अपने शरीर से निकालकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं।

   – वृत्ति: रुद्राक्ष को नियमित रूप से ध्यान और पूजा के समय उपयोग करें। इसे कभी भी उथला या नापाक स्थान पर न रखें।

  1. विशेष ध्यान:

   – सच्ची श्रद्धा: रुद्राक्ष को पहनने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सच्ची श्रद्धा और विश्वास। इसे ध्यान और पूजा के साथ नियमित रूप से पहनना चाहिए।

   – संगति: ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को केवल एक व्यक्ति ही धारण करे, और इसे दूसरों के साथ साझा न करें।

निष्कर्ष:

10 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि एक धार्मिक प्रक्रिया है जिसमें शुद्धता, पूजा, और नियमित साधना का ध्यान रखना आवश्यक होता है। इसे सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पहनने से इसके आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 10 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 10 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 10 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 10 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

Product Description in English : 

The 10-mukhi Rudraksha, also known as Dashamukhi Rudraksha, is considered highly significant from both religious and spiritual perspectives. Its importance can be understood through the following points:

Significance of 10-Mukhi Rudraksha:

  1. Spiritual Power:

   – Universal Fulfillment and Well-being: The 10-mukhi Rudraksha is considered an embodiment of Lord Shiva and is specifically worshipped for liberation from all kinds of defects and for peace and prosperity in life. Wearing it enhances spiritual awareness and tranquility.

   – Blessings of Shiva: This Rudraksha symbolizes the blessings of Lord Shiva, and wearing it bestows special divine favor from Lord Shiva.

  1. Physical and Mental Health:

   – Peace and Calm: It helps in reducing mental stress, anxiety, and depression. Wearing it brings mental peace and balance.

   – Positive Energy: It increases positive energy in the body and dispels negative energy.

  1. Religious and Spiritual Impact:

   – Power and Protection: The 10-mukhi Rudraksha is especially worshipped for obtaining protection and strength. It guards the wearer against negative influences and spiritual hindrances.

   – Meditation and Practice: It is used in meditation, chanting, and spiritual practices. It brings depth and stability to spiritual endeavors.

  1. Material Prosperity:

   – Wealth and Success: Wearing this Rudraksha is believed to bring wealth, prosperity, and growth. It also helps in enhancing business success and financial stability.

  1. Symbol of Dashavatara:

   – Ten Avatars of Vishnu: It is considered a symbol of the ten avatars of Lord Vishnu, making it an important religious artifact.

  1. Improvement in Relationships:

   – Family Peace: The 10-mukhi Rudraksha can help improve family and personal relationships and contribute to family harmony and balance.

Due to these attributes, the 10-mukhi Rudraksha is regarded as a very sacred and powerful item that can positively influence an individual’s life journey. Its religious, spiritual, and material benefits make it a significant item for spiritual practice.

Method to Wear 10-Mukhi Rudraksha:

  1. Selection and Purification:

   – Purchase: Ensure that the 10-mukhi Rudraksha is purchased from a reliable source. It is better to obtain it from a sacred and certified Rudraksha vendor.

   – Purification: After bringing the Rudraksha home, cleanse it with Ganga water or pure water. This purifies and sanctifies it.

  1. Puja and Abhishek:

   – Abhishek: Place the Rudraksha at the worship place and perform its abhishek (ritual bathing) using cow’s milk, honey, Ganga water, or Panchamrit (a mixture of milk, curd, ghee, honey, and sugar).

   – Puja: Recite mantras such as “Om Namah Shivaya” or “Om Hreem Kleem Mahadevaya Namah” during the puja. Place the Rudraksha on a clean cloth and offer a lamp and flowers during the worship.

  1. Wearing Method:

   – Bath and Cleanliness: Before wearing the Rudraksha, bathe and ensure your body is completely clean.

   – Best Time: It is best to wear the Rudraksha early in the morning at sunrise or during any auspicious time. Particularly, wearing it on Monday is considered very auspicious.

   – Method of Wearing: Wear the Rudraksha on your right wrist or around your neck using a cotton or red thread. Always wear it with freshness and devotion.

  1. Meditation and Practice:

   – Meditation: After wearing the Rudraksha, spend some time in meditation and spiritual practice. You may place it on the worship place during meditation sessions.

   – Routine: Use the Rudraksha regularly during meditation and puja. Avoid placing it in unclean or impure places.

  1. Special Considerations:

   – True Devotion: The most important aspect of wearing the Rudraksha is true devotion and faith. It should be worn regularly with meditation and worship.

   – Exclusivity: Ensure that only one person wears the Rudraksha and do not share it with others.

Conclusion:

The method of wearing the 10-mukhi Rudraksha involves a religious process where purity, worship, and regular spiritual practice are essential. Wearing it with a sincere heart and devotion allows one to experience its spiritual and mental benefits.

Additional Information:

The Ten-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the  Ten-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

We provide the  Ten-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the  Ten-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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