Product Description in Hindi :
12 मुखी रुद्राक्ष का महत्व:
12 मुखी रुद्राक्ष, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है, भगवान ब्रह्मा के साथ जोड़ा जाता है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
- सृजन और शक्ति:
– सृजनात्मक शक्ति: 12 मुखी रुद्राक्ष भगवान ब्रह्मा का प्रतीक होता है, जो सृजन और सृष्टि के देवता हैं। इसे पहनने से सृजनात्मक ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होती है, जिससे व्यक्ति को नई परियोजनाओं और रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलती है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ:
– आध्यात्मिक उन्नति: इसे धारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान प्राप्त होता है। यह ध्यान और साधना में गहनता लाता है।
– धर्म की प्राप्ति: यह रुद्राक्ष धार्मिक अनुष्ठानों और यज्ञों में विशेष महत्व रखता है। इसके माध्यम से व्यक्ति को धर्म और धार्मिक अनुशासन में वृद्धि होती है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:
– मानसिक शांति: 12 मुखी रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक होता है। यह मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है।
– ऊर्जा और समृद्धि: इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रवाह होता है।
- संबंधों में सुधार:
– परिवारिक और व्यक्तिगत संबंध: 12 मुखी रुद्राक्ष परिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार लाने में सहायक हो सकता है। यह पारिवारिक शांति और सामंजस्य स्थापित करने में मदद करता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक प्रभाव:
– सुरक्षा और बल: यह रुद्राक्ष व्यक्ति को बुरी शक्तियों और आत्मिक बाधाओं से बचाता है। इसके धारण से सुरक्षा और बल की प्राप्ति होती है।
12 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि:
12 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने से इसका अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। यहाँ इसके धारण करने की विधि का विवरण प्रस्तुत है:
- चयन और शुद्धिकरण:
– रुद्राक्ष की खरीदारी: सुनिश्चित करें कि 12 मुखी रुद्राक्ष की खरीदारी एक विश्वसनीय और प्रमाणित विक्रेता से की जाए।
– शुद्धिकरण: रुद्राक्ष को घर लाने के बाद, इसे गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। इससे इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।
- पूजा और अभिषेक:
– अभिषेक: रुद्राक्ष को पूजा स्थल पर रखकर, इसका अभिषेक गाय के दूध, शहद, गंगाजल या पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) से करें।
– पूजा: रुद्राक्ष की पूजा के लिए ध्यान और मंत्र जप करें। विशेष रूप से, “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्लीं क्लीं महादेवाय नमः” जैसे मंत्रों का जप करें। पूजा के दौरान, रुद्राक्ष को एक शुद्ध वस्त्र पर रखें और दीपक और फूल अर्पित करें।
- पहनने की विधि:
– स्नान और स्वच्छता: रुद्राक्ष को पहनने से पहले, अपने शरीर को स्नान करके पूरी तरह से स्वच्छ करें।
– सर्वोत्तम समय: रुद्राक्ष को सुबह-सुबह सूरज उगने के समय या किसी भी शुभ मुहूर्त में पहनना चाहिए। इसे विशेष रूप से सोमवार को पहनना अधिक शुभ माना जाता है।
– धारण की विधि: रुद्राक्ष को धारण करने के लिए, इसे सूती या लाल धागे में डालकर अपनी दाहिनी कलाई या गले में पहन सकते हैं। इसे ताजगी और श्रद्धा के साथ पहनें।
- ध्यान और साधना:
– ध्यान: रुद्राक्ष को पहनने के बाद, दिन में कुछ समय ध्यान और साधना करें। इसे ध्यान के समय अपने शरीर से निकालकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं।
– वृत्ति: रुद्राक्ष को नियमित रूप से ध्यान और पूजा के समय उपयोग करें। इसे कभी भी उथला या नापाक स्थान पर न रखें।
- विशेष ध्यान:
– सच्ची श्रद्धा: रुद्राक्ष को पहनने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सच्ची श्रद्धा और विश्वास। इसे ध्यान और पूजा के साथ नियमित रूप से पहनना चाहिए।
– संगति: ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को केवल एक व्यक्ति ही धारण करे, और इसे दूसरों के साथ साझा न करें।
निष्कर्ष:
12 मुखी रुद्राक्ष का सही तरीके से धारण करने से इसके धार्मिक, आध्यात्मिक, और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। इसे सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पहनने से जीवन में शांति, समृद्धि, और शक्ति आती है।
अतिरिक्त जानकारियां :
- 12 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है ।
- 12 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
- हमारी तरफ से 12 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 12 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद।
Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.
Product Description in English :
Importance of 12-Mukhi Rudraksha:
The 12-mukhi Rudraksha is highly regarded from both a religious and spiritual perspective, and is associated with Lord Brahma. Its significance can be understood through the following points:
- Creation and Power:
– Creative Power: The 12-mukhi Rudraksha symbolizes Lord Brahma, the deity of creation and the universe. Wearing it brings creative energy and power, aiding in success in new projects and creative endeavors.
- Religious and Spiritual Benefits:
– Spiritual Advancement: Wearing this Rudraksha helps in achieving spiritual growth and self-realization. It enhances depth during meditation and spiritual practices.
– Religious Significance: This Rudraksha holds special importance in religious rituals and ceremonies. Through it, one gains adherence to religious duties and disciplines.
- Physical and Mental Health:
– Mental Peace: The 12-mukhi Rudraksha helps in reducing mental stress, anxiety, and depression. It promotes mental peace and balance.
– Energy and Prosperity: Wearing it facilitates the flow of positive energy and prosperity in life.
- Improvement in Relationships:
– Family and Personal Relationships: The 12-mukhi Rudraksha can improve familial and personal relationships. It aids in establishing peace and harmony within the family.
- Religious and Spiritual Impact:
– Protection and Strength: This Rudraksha protects the wearer from negative forces and spiritual obstacles. It provides security and strength.
How to Wear 12-Mukhi Rudraksha:
To derive the maximum benefit from the 12-mukhi Rudraksha, it should be worn correctly. Here’s how to do it:
- Selection and Purification:
– Purchase: Ensure that the 12-mukhi Rudraksha is purchased from a reliable and certified seller.
– Purification: After bringing the Rudraksha home, cleanse it by bathing it in Gangajal (sacred river water) or pure water. This process is believed to purify and sanctify it.
- Worship and Abhishekam:
– Abhishekam: Place the Rudraksha at a worship place and perform its abhishekam (ritual bathing) with cow’s milk, honey, Gangajal, or Panchamrit (a mixture of milk, curd, ghee, honey, and sugar).
– Worship: Recite mantras and perform meditation while worshiping the Rudraksha. Use mantras like “Om Namah Shivaya” or “Om Hreem Kleem Mahadevaya Namah”. Place the Rudraksha on a clean cloth, and offer light (diya) and flowers during the ritual.
- Wearing Procedure:
– Cleanliness: Before wearing the Rudraksha, ensure that you have bathed and are completely clean.
– Auspicious Time: Wear the Rudraksha early in the morning, preferably at sunrise, or during an auspicious time. Monday is considered particularly auspicious for wearing it.
– Method of Wearing: The Rudraksha can be worn on the right wrist or around the neck, threaded on a cotton or red string. Wear it with freshness and devotion.
- Meditation and Practice:
– Meditation: After wearing the Rudraksha, spend some time in meditation and spiritual practice. It can be removed during meditation and placed at the worship place.
– Routine: Use the Rudraksha regularly during meditation and worship. Avoid placing it in impure or disrespectful locations.
- Special Attention:
– True Devotion: The most important aspect of wearing the Rudraksha is genuine devotion and belief. It should be worn regularly with focused attention and prayer.
– Personal Use: Ensure that only one person wears the Rudraksha and do not share it with others.
Conclusion:
Wearing the 12-mukhi Rudraksha correctly can provide significant religious, spiritual, and physical benefits. With genuine devotion and reverence, it brings peace, prosperity, and strength into one’s life.
Additional Information:
The Twelve-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.
It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the Twelve-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.
We provide the Twelve-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the Twelve-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.