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13 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 13 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹30,000.00.Current price is: ₹16,909.00.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 13 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति एक महत्वपूर्ण पौराणिक कथा और आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ी हुई है। इसे भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है और इसे विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों के साथ जोड़ा जाता है। यहाँ 13 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक प्रमुख कथा का विवरण प्रस्तुत है:

 

13 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा:

 

  1. धार्मिक परंपरा:

   – अधिक शक्ति और गुण: 13 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के 13 विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। इसे विशेष रूप से सृजन, पालन, और संहार के विभिन्न पहलुओं से जोड़ा जाता है।

 

  1. पौराणिक कथा:

   – शिव के आशिर्वाद से उत्पत्ति: एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव ने सृष्टि की सुरक्षा और संतुलन बनाए रखने के लिए तपस्या की और विभिन्न यज्ञ किए, तब उन्होंने 13 मुखी रुद्राक्ष को उत्पन्न किया। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के 13 प्रमुख स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करता है।

   – देवताओं की सहायता: अन्य मान्यता के अनुसार, भगवान शिव ने 13 मुखी रुद्राक्ष को उत्पन्न किया ताकि देवताओं और भक्तों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं और बाधाओं से उबारने के लिए एक शक्तिशाली साधन प्राप्त हो सके। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति, और समृद्धि प्रदान करने के लिए माना जाता है।

 

  1. शिव के 13 स्वरूप:

   – विभिन्न शक्तियों का प्रतीक: 13 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के 13 स्वरूपों का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की दिव्य शक्तियाँ और गुण समाहित होते हैं। इन स्वरूपों में अलग-अलग गुण और शक्तियाँ होती हैं जो भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से लाभ पहुँचाती हैं।

 

  1. आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व:

   – आध्यात्मिक उन्नति: 13 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति को आत्मज्ञान, ध्यान, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह रुद्राक्ष ध्यान और साधना में गहनता लाता है और व्यक्ति को आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।

   – धार्मिक प्रभाव: इसे विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और यज्ञों में उपयोग किया जाता है, जो धार्मिक शक्ति और आशीर्वाद को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

 

इस प्रकार, 13 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथाएँ और मान्यताएँ इसे एक पवित्र और शक्तिशाली वस्त्र मानती हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक, मानसिक, और भौतिक लाभ प्रदान करती हैं।

 

According to religious beliefs, the origin of the 13-mukhi Rudraksha is linked to an important mythological story and spiritual tradition. It is associated with Lord Shiva and is considered to carry significant religious and spiritual benefits. Here is a major legend related to the origin of the 13-mukhi Rudraksha:

 

Legend of the Origin of the 13-Mukhi Rudraksha:

 

  1. Religious Tradition:

   – Greater Power and Qualities: The 13-mukhi Rudraksha is believed to symbolize the 13 different forms and powers of Lord Shiva. It is particularly associated with various aspects of creation, preservation, and destruction.

 

  1. Mythological Story:

   – Creation by Shiva’s Blessings: According to a mythological story, when Lord Shiva performed penance and conducted various sacrifices to maintain the balance and protection of creation, he manifested the 13-mukhi Rudraksha. This Rudraksha represents the 13 principal forms of Lord Shiva.

   – Aid to Deities: Another belief suggests that Lord Shiva created the 13-mukhi Rudraksha to provide a powerful means for gods and devotees to overcome various problems and obstacles. This Rudraksha is especially regarded as a source of wisdom, power, and prosperity.

 

  1. Shiva’s 13 Forms:

   – Symbol of Diverse Powers: The 13-mukhi Rudraksha is considered to represent 13 forms of Lord Shiva, encompassing various divine powers and qualities. These forms include different attributes and powers that benefit devotees both mentally and spiritually.

 

  1. Spiritual and Religious Significance:

   – Spiritual Advancement: Wearing the 13-mukhi Rudraksha is believed to provide self-realization, meditation, and spiritual growth. It enhances depth and focus in meditation and provides inner peace and balance.

   – Religious Impact: It is used particularly in religious rituals and sacrifices, which help in promoting religious power and blessings.

 

Thus, the stories and beliefs about the origin of the 13-mukhi Rudraksha regard it as a sacred and powerful object, offering spiritual, mental, and material benefits to its devotees.

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Product Description in Hindi : 

13 मुखी रुद्राक्ष का महत्व

13 मुखी रुद्राक्ष को विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व प्राप्त है। यह भगवान शिव के 13 विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:

  1. सृजनात्मक और दिव्य शक्ति:

   – शिव के 13 स्वरूप: 13 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 13 स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करता है, जो विभिन्न प्रकार की दिव्य शक्तियाँ और गुण प्रदान करते हैं। इसे धारण करने से व्यक्ति को सृजनात्मक ऊर्जा और शक्तियों का लाभ मिलता है।

  1. आध्यात्मिक उन्नति:

   – आध्यात्मिक और मानसिक शांति: इसे पहनने से व्यक्ति को आत्मज्ञान, ध्यान, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है, और ध्यान और साधना में गहराई लाता है।

  1. धार्मिक और भौतिक लाभ:

   – धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग: 13 मुखी रुद्राक्ष को धार्मिक अनुष्ठानों, यज्ञों और पूजा में विशेष महत्व प्राप्त है। यह व्यक्ति को धर्म, पुण्य, और धार्मिक अनुशासन में वृद्धि करने में सहायक होता है।

   – समृद्धि और सफलता: इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, धन, और व्यापारिक सफलता प्राप्त होती है। यह सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक समृद्धि का प्रवाह बढ़ाता है।

  1. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:

   – स्वास्थ्य और शक्ति: यह रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करने में सहायक होता है। साथ ही, यह शारीरिक ऊर्जा और जीवन शक्ति को भी बढ़ाता है।

  1. संबंधों में सुधार:

   – परिवारिक शांति और सामंजस्य: 13 मुखी रुद्राक्ष परिवारिक और व्यक्तिगत संबंधों में सुधार लाने में मदद कर सकता है। यह पारिवारिक शांति और सामंजस्य स्थापित करने में सहायक होता है।

13 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि

13 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने से इसके सभी धार्मिक, आध्यात्मिक, और भौतिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यहाँ इसकी धारण करने की विधि का विवरण प्रस्तुत है:

  1. चयन और शुद्धिकरण:

   – रुद्राक्ष की खरीदारी: सुनिश्चित करें कि 13 मुखी रुद्राक्ष की खरीदारी एक विश्वसनीय और प्रमाणित विक्रेता से की जाए।

   – शुद्धिकरण: रुद्राक्ष को घर लाने के बाद, इसे गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं। इससे रुद्राक्ष को शुद्ध और पवित्र माना जाता है।

  1. पूजा और अभिषेक:

   – अभिषेक: रुद्राक्ष को पूजा स्थल पर रखकर, इसका अभिषेक गाय के दूध, शहद, गंगाजल, या पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से करें।

   – पूजा: रुद्राक्ष की पूजा के लिए ध्यान और मंत्र जप करें। विशेष रूप से, “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ ह्लीं क्लीं महादेवाय नमः” जैसे मंत्रों का जप करें। पूजा के दौरान, रुद्राक्ष को एक शुद्ध वस्त्र पर रखें और दीपक और फूल अर्पित करें।

  1. पहनने की विधि:

   – स्नान और स्वच्छता: रुद्राक्ष को पहनने से पहले, अपने शरीर को स्नान करके पूरी तरह से स्वच्छ करें।

   – सर्वोत्तम समय: रुद्राक्ष को सुबह-सुबह सूरज उगने के समय या किसी शुभ मुहूर्त में पहनना चाहिए। इसे विशेष रूप से सोमवार को पहनना अधिक शुभ माना जाता है।

   – धारण की विधि: रुद्राक्ष को धारण करने के लिए, इसे सूती या लाल धागे में डालकर अपनी दाहिनी कलाई या गले में पहन सकते हैं। इसे ताजगी और श्रद्धा के साथ पहनें।

  1. ध्यान और साधना:

   – ध्यान: रुद्राक्ष को पहनने के बाद, दिन में कुछ समय ध्यान और साधना करें। इसे ध्यान के समय अपने शरीर से निकालकर पूजा स्थल पर रख सकते हैं।

   – वृत्ति: रुद्राक्ष को नियमित रूप से ध्यान और पूजा के समय उपयोग करें। इसे कभी भी उथला या नापाक स्थान पर न रखें।

  1. विशेष ध्यान:

   – सच्ची श्रद्धा: रुद्राक्ष को पहनने का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है सच्ची श्रद्धा और विश्वास। इसे ध्यान और पूजा के साथ नियमित रूप से पहनना चाहिए।

   – संगति: ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को केवल एक व्यक्ति ही धारण करे, और इसे दूसरों के साथ साझा न करें।

निष्कर्ष

13 मुखी रुद्राक्ष का सही तरीके से धारण करने से इसके धार्मिक, आध्यात्मिक, और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। इसे सच्चे मन और श्रद्धा के साथ पहनने से जीवन में शांति, समृद्धि, और शक्ति आती है।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 13 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 13 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 13 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 13 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

Product Description in English : 

Significance of 13-Mukhi Rudraksha

The 13-mukhi Rudraksha holds special religious and spiritual significance. It is associated with Lord Shiva and is believed to embody 13 different forms and powers of Shiva. The significance of this Rudraksha can be understood through the following points:

  1. Creative and Divine Power:

   – 13 Forms of Shiva: The 13-mukhi Rudraksha represents the 13 forms of Lord Shiva, each of which provides various divine powers and qualities. Wearing it grants the wearer creative energy and power.

  1. Spiritual Advancement:

   – Spiritual and Mental Peace: Wearing this Rudraksha helps in achieving self-realization, meditation, and spiritual growth. It enhances mental peace and balance, and deepens meditation and spiritual practices.

  1. Religious and Material Benefits:

   – Use in Religious Rituals: The 13-mukhi Rudraksha holds special importance in religious rituals, yagnas, and worship. It aids in increasing religious merit, discipline, and adherence to dharma.

   – Prosperity and Success: Wearing it brings prosperity, wealth, and success in business. It promotes positive energy and financial abundance.

  1. Physical and Mental Health:

   – Health and Vitality: This Rudraksha is helpful in reducing mental stress, anxiety, and depression. It also enhances physical energy and vitality.

  1. Improvement in Relationships:

   – Family Harmony and Balance: The 13-mukhi Rudraksha can help improve family and personal relationships. It assists in establishing family peace and harmony.

How to Wear 13-Mukhi Rudraksha

To gain the full religious, spiritual, and material benefits of the 13-mukhi Rudraksha, it should be worn properly. Here is the method for wearing it:

  1. Selection and Purification:

   – Purchase of Rudraksha: Ensure that the 13-mukhi Rudraksha is bought from a reliable and certified vendor.

   – Purification: After bringing the Rudraksha home, bathe it in Ganga water or purified water. This is believed to cleanse and sanctify the Rudraksha.

  1. Worship and Abhisheka:

   – Abhisheka: Place the Rudraksha at a worship place and perform its abhisheka (ritual bathing) with cow’s milk, honey, Ganga water, or Panchamrit (a mixture of milk, yogurt, ghee, honey, and sugar).

   – Worship: Chant mantras and meditate while worshiping the Rudraksha. Use mantras like “Om Namah Shivaya” or “Om Hreem Kleem Mahadevaya Namah.” During the worship, place the Rudraksha on a clean cloth and offer a lamp and flowers.

  1. Wearing Procedure:

   – Bathing and Cleanliness: Before wearing the Rudraksha, bathe your body to ensure complete cleanliness.

   – Optimal Time: It is best to wear the Rudraksha at sunrise or during an auspicious time. Monday is considered particularly auspicious for wearing it.

   – Method of Wearing: To wear the Rudraksha, string it with a cotton or red thread and place it on your right wrist or around your neck. Wear it with reverence and devotion.

  1. Meditation and Practice:

   – Meditation: After wearing the Rudraksha, dedicate some time daily for meditation and spiritual practice. You may remove it during meditation and place it at the worship place.

   – Usage: Regularly use the Rudraksha during meditation and prayer times. Avoid placing it in impure or unclean locations.

  1. Special Considerations:

   – True Devotion: The most crucial aspect of wearing the Rudraksha is genuine devotion and faith. Wear it regularly with meditation and prayer.

   – Personal Use: Ensure that the Rudraksha is worn by only one person and not shared with others.

Conclusion

Properly wearing the 13-mukhi Rudraksha can yield its religious, spiritual, and material benefits. Wearing it with true devotion and reverence can bring peace, prosperity, and power into one’s life.

Additional Information:

The Thirteen-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the  Thirteen-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

We provide the  Thirteen-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the  Thirteen-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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