14 Mukhi Rudraksh
The 14 Mukhi Rudraksha, also known as Dev Mani, is considered highly cherished by Lord Shiva. It is believed that wearing it brings numerous benefits. Moreover, it helps maintain Lord Shiva’s blessings, ensuring peace, happiness, and positivity in life.
Benefits of 14 Mukhi Rudraksha :
- The person who wears it never faces crises in life.
- It removes negative energy and enhances spiritual essence.
- It provides physical health benefits.
- It strengthens muscles and bones.
- It helps in conditions like arthritis, piles, and obesity.
- It boosts courage and fearlessness.
- It increases self-confidence and self-esteem.
- It provides strength and resilience in challenging situations.
- It benefits those in careers like bead-making, high authority, professionals, speculation, and financial transactions.
- It helps activate the Guru Chakra in the body.
- The wearer remains fearless and self-reliant.
- It brings happiness and peace to life.
Method of Wearing the 14 Mukhi Rudraksha :
Day:
The ideal day to wear the 14 Mukhi Rudraksha is Tuesday, as it is considered auspicious.
Time:
For the best results, wear this Rudraksha between 5 to 7 a.m. in the morning.
Direction:
Always face the east direction while wearing this Rudraksha to maximize its positive effects.
Thread and Metal:
For optimal health and astrological benefits, string it in yellow or red silk thread. Alternatively, you can mount it in gold or silver for additional durability and benefits.
Purification:
To ensure complete benefits, purify the Rudraksha before wearing it. First, wash it with Ganga water and Panchamrit to cleanse it thoroughly. Next, apply sandalwood paste to its surface, followed by rinsing it again with clean water. Finally, wipe it dry using a clean cotton cloth before wearing it.
Rules for Wearing the 14 Mukhi Rudraksha :
The 14 Mukhi Rudraksha is considered a powerful and sacred bead. The wearer should follow the following rules:
1. Avoid alcohol and non-vegetarian food:
After wearing the Rudraksha, strictly abstain from consuming alcohol or meat.
2. Protect from chemicals:
Always keep the Rudraksha away from chemicals, soap, oil, or shampoo, as they can damage its surface.
3. Do not wear while sleeping:
It is advised to remove the Rudraksha before going to sleep.
4. Avoid cremation grounds:
Never visit cremation grounds while wearing this sacred Rudraksha bead.
5. Do not share with others:
Never allow others to wear your Rudraksha, as it may disrupt its positive energy.
Mantra for the 14 Mukhi Rudraksha:
To awaken the inner divine energy of the 14 Mukhi Rudraksha, follow this process:
First, sit facing the east direction. Then, place the Rudraksha in front of a picture of Lord Bholenath or a Shivling. Next, close your eyes and meditate on Lord Shiva and Hanuman Ji Maharaj. While meditating, chant the Rudraksha’s bija mantra “Om Namah” 108 times. Afterward, with full devotion and faith, wear this sacred bead.
Additional Information :
- The 14-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
- It may take 10 to 15 days to consecrate and empower the 14-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 15 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
- On our part, the 14-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.
- Currently, this material is not available for our international devotees.
Product Description in Hindi :
14 मुखी रुद्राक्ष, जिसे देव मणि भी कहा जाता है, भगवान शिव के लिए अत्यंत प्रिय माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। इसके साथ ही, यह भगवान शिव का आशीर्वाद बनाए रखने में सहायक होता है । जिससे जीवन में सुख, शांति, और सकारात्मकता बनी रहती है।
14 मुखी रुद्राक्ष के लाभ :
- इसे धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में संकट नहीं आता।
- यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है।
- यह शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
- यह मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
- यह गठिया, बवासीर, और मोटापे जैसी समस्याओं में राहत देता है।
- यह साहस और निडरता को बढ़ावा देता है।
- इससे आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान में वृद्धि होती है।
- यह कठिन परिस्थितियों में शक्ति और सहनशक्ति प्रदान करता है।
- यह मनका निर्माण, उच्च पद, पेशेवर करियर, सट्टा, और वित्तीय लेन-देन से जुड़े कार्यों में सहायक है।
- यह शरीर के गुरु चक्र को सक्रिय करता है।
- इसे पहनने वाला व्यक्ति निर्भय और आत्मनिर्भर रहता है।
- यह जीवन में सुख और शांति लाता है।
14 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि :
दिन:
14 मुखी रुद्राक्ष को पहनने के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
समय:
इस रुद्राक्ष को प्रातः 5 से 7 बजे के बीच धारण करना सबसे उपयुक्त होता है।
दिशा:
इसे धारण करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
धागा एवं धातु:
बेहतर स्वास्थ्य और ज्योतिषीय लाभ के लिए इसे पीले या लाल रेशमी धागे में पहनें। इसके अतिरिक्त, आप इसे सोने या चांदी में मढ़वाकर भी धारण कर सकते हैं।
शुद्धिकरण:
इस रुद्राक्ष के पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए इसका शुद्धिकरण करना अनिवार्य है। पहले इसे गंगा जल और पंचामृत से अच्छी तरह धोकर पवित्र करें। फिर, इसकी सतह पर चंदन का लेप लगाएं और पुनः साफ पानी से धो लें। अंत में, इसे स्वच्छ सूती कपड़े से सुखाकर धारण करें।
14 मुखी रूद्राक्ष को पहनने के नियम :
14 मुखी रुद्राक्ष को एक शक्तिशाली और पवित्र बीज माना जाता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति को निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:
1. मदिरापान और मांसाहार से बचें:
रुद्राक्ष पहनने के बाद मदिरा और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. रासायनिक पदार्थों से बचाएं:
रुद्राक्ष को साबुन, तेल, शैम्पू या किसी भी रासायनिक पदार्थ से बचाकर रखें । क्योंकि ये इसकी सतह को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
3. सोते समय न पहनें:
रुद्राक्ष पहनकर सोना नहीं चाहिए।
4. शमशान भूमि में न जाएं:
इस रुद्राक्ष को पहनकर शमशान भूमि में कभी नहीं जाना चाहिए।
5. किसी अन्य को न दें:
अपने रुद्राक्ष को कभी भी किसी और को पहनने के लिए न दें । क्योंकि इससे इसकी सकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो सकती है।
14 मुखी रूद्राक्ष का मंत्र:
14 मुखी रुद्राक्ष का सर्वश्रेष्ठ फल प्राप्त करने हेतु इसकी भीतरी पावन ऊर्जा को जागृत करना आवश्यक होता है :
सबसे पहले, पूर्व दिशा में आसन लगाकर बैठें और रुद्राक्ष को भगवान भोलेनाथ की तस्वीर या शिवलिंग के समक्ष रखें। फिर, आंखें बंद करके भगवान शिव और हनुमान जी महाराज का ध्यान करें। इस दौरान, रुद्राक्ष के बीज मंत्र ‘ऊँ नमः’ का 108 बार जाप करें। इसके बाद, पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इस दिव्य मनके को धारण करें।
अतिरिक्त जानकारियां :
- 14 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
- 14 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 10 से 15 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 15 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
- हमारी ओर से 14 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।
- वर्तमान समय में यह सामग्री हमारे अंतर्राष्ट्रीय भक्तों के लिए उपलब्ध नहीं है।
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