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14 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 14 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹90,000.00.Current price is: ₹71,155.00.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 14 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति एक पौराणिक कथा और आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ी हुई है। इसे भगवान शिव के साथ जोड़ा जाता है और इसे विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों के साथ जोड़ा जाता है। यहाँ 14 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक प्रमुख कथा का विवरण प्रस्तुत है:

14 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा:

  1. धार्मिक परंपरा:

   – शिव के 14 स्वरूप: 14 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 14 विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे विशेष रूप से सृजन, पालन, और संहार के विविध पहलुओं से जोड़ा जाता है। इस रुद्राक्ष को लेकर मान्यता है कि इसमें 14 अलग-अलग दिव्य गुण और शक्तियाँ समाहित होती हैं।

  1. पौराणिक कथा:

   – सृष्टि और यज्ञ: एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने सृष्टि की सुरक्षा और समग्र संतुलन बनाए रखने के लिए तपस्या की और विभिन्न यज्ञ किए। इन यज्ञों के दौरान, शिव ने 14 मुखी रुद्राक्ष को उत्पन्न किया। यह रुद्राक्ष शिव के 14 प्रमुख स्वरूपों और उनकी शक्तियों का प्रतीक है।

   – कैलाश पर्वत की पूजा: कुछ मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर ध्यान और पूजा की, जिससे उन्होंने 14 मुखी रुद्राक्ष को प्रकट किया। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से उन भक्तों के लिए है जो शक्ति, सुरक्षा और दिव्यता की खोज में हैं।

 

  1. शिव के 14 स्वरूप:

   – विभिन्न शक्तियों का प्रतीक: 14 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव के 14 स्वरूपों का प्रतिनिधित्व माना जाता है, जिनमें विभिन्न दिव्य शक्तियाँ और गुण शामिल होते हैं। इन स्वरूपों में विविध प्रकार की ऊर्जा और तत्व होते हैं जो भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक लाभ पहुँचाते हैं।

 

  1. आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व:

   – आध्यात्मिक उन्नति: 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति को आत्मज्ञान, ध्यान, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह ध्यान और साधना में गहराई लाता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है।

   – धार्मिक प्रभाव: इसे विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा में उपयोग किया जाता है, जो धार्मिक शक्ति और आशीर्वाद को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

इस प्रकार, 14 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथाएँ और मान्यताएँ इसे एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली वस्त्र मानती हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक, मानसिक, और भौतिक लाभ प्रदान करती हैं।

 

According to religious beliefs, the origin of the 14 Mukhi Rudraksha is associated with a significant mythological story and spiritual tradition. It is linked with Lord Shiva and is considered to carry special religious and spiritual benefits. Here is a detailed description of the prominent legend surrounding the origin of the 14 Mukhi Rudraksha:

Legend of the Origin of the 14 Mukhi Rudraksha:

  1. Religious Tradition:

   – The 14 Forms of Shiva: The 14 Mukhi Rudraksha represents the 14 different forms and powers of Lord Shiva. It is particularly associated with the various aspects of creation, preservation, and destruction. This Rudraksha is believed to embody 14 distinct divine qualities and powers.

 

  1. Mythological Story:

   – Creation and Yajnas: According to a mythological story, Lord Shiva performed intense penance and conducted various Yajnas to maintain the safety and balance of creation. During these Yajnas, Lord Shiva manifested the 14 Mukhi Rudraksha. This Rudraksha symbolizes the 14 major forms and powers of Shiva.

   – Worship of Mount Kailash: In some beliefs, Lord Shiva meditated and performed worship on Mount Kailash, from which the 14 Mukhi Rudraksha emerged. This Rudraksha is especially significant for devotees seeking power, protection, and divine qualities.

 

  1. The 14 Forms of Shiva:

   – Symbol of Various Powers: The 14 Mukhi Rudraksha is considered to represent the 14 forms of Lord Shiva, encompassing various divine powers and attributes. These forms contain different types of energies and elements that provide mental and spiritual benefits to the devotees.

  1. Spiritual and Religious Significance:

   – Spiritual Advancement: Wearing the 14 Mukhi Rudraksha is believed to lead to self-realization, meditation, and spiritual growth. It deepens concentration during meditation and brings inner peace.

   – Religious Impact: It is used particularly in religious rituals and ceremonies, aiding in enhancing religious power and blessings.

Thus, the stories and beliefs surrounding the origin of the 14 Mukhi Rudraksha consider it a highly sacred and powerful item, providing devotees with spiritual, mental, and physical benefits.

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Product Description in Hindi : 

14 मुखी रुद्राक्ष मनका एक विशेष प्रकार की रुद्राक्ष मानी जाती है। इसके बारे में निम्नलिखित जानकारी है:

  1. मुख : इस रुद्राक्ष की बीज में 14 मुख होते हैं, जो कि बहुत ही अद्वितीय और प्रतिष्ठित मानी जाती हैं।
  2. महत्व : 14 मुखी रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है और इसे धारण करने से मानव को शांति, सुख, और समृद्धि प्राप्त होती हैं।
  3. धारण करने की विधि : 14 मुखी रुद्राक्ष को सफेद या भूरे रंग का होता है। इसे धारण करने से पूर्व उसे पवित्र जल में डालकर पानी से धोकर पहनना चाहिए। इसे धारण करने से पूर्व अधिक लाभ प्राप्ति

14 मुखी रुद्राक्ष के धारण से कई धार्मिक, शारीरिक और मानसिक लाभ हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य लाभ बताए जा रहे हैं:

  1. शारीरिक लाभ : इस रुद्राक्ष का धारण करने से शारीरिक रूप से स्थिरता, स्वस्थ और ऊर्जावान होने में मदद मिलती है। इसे हृदय रोगों, रक्तचाप, और मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने के लिए भी जाना जाता है।
  2. मानसिक और आध्यात्मिक लाभ : यह रुद्राक्ष ध्यान और मनोविज्ञान में स्थिरता और ध्यान को बढ़ावा देने में मदद करती है। यह शांति, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक विकास में सहायक होती है।
  3. धन और समृद्धि : इसका धारण धन, समृद्धि और धन के वृद्धि में सहायक होता है। यह व्यापार में सफलता, वित्तीय स्थिरता और सम्मान के साथ वृद्धि कर सकता है।
  4. संबंधों में समर्थन : यह रुद्राक्ष भी संबंधों में समर्थन प्रदान कर सकती है और परिवारीय सम्बन्धों में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने में मदद कर सकती है।
  5. रोग निवारण : इसके धारण से विभिन्न प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों से रक्षा मिल सकती है और व्यक्ति को रोगों से मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
  6. कर्मिक मुक्ति : इसके धारण से कर्मिक संबंधों का संतुलन और मुक्ति प्राप्त हो सकती है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में उच्चतम आध्यात्मिक उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है।

इन लाभों को प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को विधिवत धारण करना और नियमित रूप से इसका जप और ध्यान करना चाहिए।

 

अतिरिक्त जानकारियां –

 

  • 14 मुखी रुद्राक्ष काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 14 मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 14 मुखी रुद्राक्ष को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 14 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की सम्पूर्ण विधि सामग्री के साथ ही संलग्न रहती है जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है।  पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

 

Product Description in English : 

The 14 Mukhi Rudraksha is considered a special type of Rudraksha with the following details:

  1. Faces: This Rudraksha bead has 14 faces, which are regarded as highly unique and prestigious.
  2. Significance: The 14 Mukhi Rudraksha is considered very sacred and powerful. It is associated with Lord Shiva, and wearing it is believed to bring peace, happiness, and prosperity to the wearer.
  3. Wearing Method: The 14 Mukhi Rudraksha is typically white or brown. Before wearing it, it should be cleansed by soaking it in purified water. For maximum benefit, it is essential to follow proper rituals before wearing it.

Benefits of Wearing the 14 Mukhi Rudraksha:

  1. Physical Benefits: Wearing this Rudraksha helps in achieving physical stability, maintaining health, and enhancing energy levels. It is also known for its potential to alleviate heart-related issues, high blood pressure, and muscle weakness.
  2. Mental and Spiritual Benefits: The Rudraksha aids in enhancing concentration and stability in meditation and psychological practices. It supports peace, self-confidence, and spiritual growth.
  3. Wealth and Prosperity: Wearing this Rudraksha can aid in the accumulation of wealth, prosperity, and financial stability. It can bring success in business, financial stability, and growth with honor.
  4. Support in Relationships: It can provide support in relationships and help in maintaining a harmonious family environment.
  5. Disease Prevention: The Rudraksha may offer protection against various physical and mental health issues and help in overcoming diseases.
  6. Karmic Liberation: Wearing it can help balance and liberate karmic ties, enabling the individual to achieve higher spiritual goals in life.

To reap these benefits, it is essential to wear the Rudraksha according to proper rituals and regularly engage in its chanting and meditation.

Additional Information:

 

The Fourteen-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.

 

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the  Fourteen-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

 

We provide the  Fourteen-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the  Fourteen-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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