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2 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 2 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹51,000.00.Current price is: ₹35,800.00.

दो मुखी रुद्राक्ष को शिव और शक्ति का रूप माना जाता है। इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह रुद्राक्ष अत्यंत प्रभावशाली होता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो उन्हें मानसिक कमजोरी दूर करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

The two-faced Rudraksha is considered a manifestation of Shiva and Shakti. Moreover, according to astrology, this Rudraksha is highly effective. If an individual’s horoscope indicates a weak moon, they should wear a two-faced Rudraksha to alleviate mental weakness.

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Benefits of 2 Faced Rudraksha (Dwimukhi Rudraksha):

According to religious beliefs, the origin of the 2-faced Rudraksha is linked to Indian mythological stories, specifically associated with Lord Shiva and his consort Sati.

The story goes as follows:

The marriage of Shiva and Sati was an important event between the gods and the demons. One day, Sati attended a yajna hosted by her father, King Daksha, where she was insulted. Due to this humiliation, Sati committed self-immolation, which made Shiva extremely sad and angry.

To control this situation and honor Sati, Lord Shiva meditated. As a result of this meditation, Lord Shiva created the Rudraksha for the purpose of Sati’s reincarnation. Specifically, the two-faced Rudraksha is considered a symbol of the reunion between Sati and Shiva.

The two-faced Rudraksha, also known as ‘Dvumukhi,’ has ‘two’ faces. This Rudraksha symbolizes the union of Lord Shiva and Sati, and it is used to enhance feelings of devotion, dedication, and to strengthen spiritual relationships.

According to religious beliefs, the use of the two-faced Rudraksha fills a person’s life with peace and prosperity, and it is considered a symbol of Lord Shiva’s blessings.

The two-faced Rudraksha, also known as ‘Dvumukhi Rudraksha,’ provides various religious and spiritual benefits.

Here are its major benefits:

  1. Increases mental peace and self-confidence.  
  2. Improves relationships and enhances harmony.  
  3. Brings happiness in married life.  
  4. Strengthens relationships with spouse, children, parents, and colleagues.  
  5. Alleviates lunar afflictions.  
  6. Provides relief from colds, stress, and nervous system-related issues.  
  7. Improves sleep quality.  
  8. Helps in finding a suitable life partner.  
  9. Enhances mutual respect, empathy, and communication in relationships.

How to Wear 2-Faced Rudraksha:

1. Selecting the Right Time and Day:

Day of the Week: 

It is considered auspicious to wear this Rudraksha on Tuesday, Thursday, or Monday.

Muhurat: 

It is recommended to wear it during the early morning at sunrise or in the evening at twilight.

2. Cleanliness and Purity:

Bathing and Cleaning: 

Take a bath and clean yourself before wearing the Rudraksha. Handle it with purity and cleanliness.

Cleaning the Rudraksha: 

Wash the Rudraksha with Ganga water or fresh water.

3. Wearing the Rudraksha:

Method of Wearing: 

Thread the 2-faced Rudraksha on a string, silver, or gold chain. It can be worn as a necklace, mala, or ring.

Creating a Mala: 

If worn as a mala, it is advisable to string it with 108 beads.

4. Mantra and Worship:

Mantra Recitation: 

Before wearing the Rudraksha, it is auspicious to perform a special puja with mantras. You can chant the following mantra:

Mantra: “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya)

Worship Method: 

Place the Rudraksha in a puja plate and offer flowers, sandalwood, and a lamp. Dedicate it to Lord Shiva and seek his blessings.

5. Duration of Wearing:

Method of Wearing: 

Wear the Rudraksha regularly. It is beneficial not only during puja but also in everyday life.

6. Precautions:

Balanced Diet: 

Maintain a balanced diet and a regular routine while wearing the Rudraksha.

Regular Cleaning: 

Keep the Rudraksha clean and ensure it is not dirty or damaged.

By following these methods, you can maximize the benefits of the 2-faced Rudraksha. It is important to wear it with full devotion and faith to experience its spiritual and mental benefits.

Additional Information :
  • The 2-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
  • It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 2-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
  • On our part, the 2-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.

Product Description in Hindi : 

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 2 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़ी हुई है। इसके अनुसार, 2 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति का सम्बन्ध विशेष रूप से शिव और सती (पत्नी सती) की कथा से है।

कथा इस प्रकार है:

शिव और सती का विवाह देवताओं और असुरों के बीच एक महत्वपूर्ण घटना थी। एक दिन, सती ने अपने पिता राजा दक्ष के यज्ञ में भाग लिया, जहां उनका अपमान हुआ। इस अपमान के कारण, सती ने आत्मदाह किया, जिससे शिव अत्यंत दुखी और क्रोधित हो गए।

इस स्थिति को नियंत्रित करने और सती को सम्मान देने के लिए भगवान शिव ने ध्यान लगाया। इस ध्यान के परिणामस्वरूप, सती के पुनर्जन्म की प्राप्ति के लिए भगवान शिव ने रुद्राक्ष की उत्पत्ति की। विशेष रूप से, 2 मुखी रुद्राक्ष सती और शिव के पुनर्मिलन का प्रतीक माना गया।

2 मुखी रुद्राक्ष को ‘द्वमुखी’ भी कहते हैं, जिसमें ‘2’ मुख होते हैं। यह रुद्राक्ष भगवान शिव और सती के मिलन का प्रतीक होता है और इसे समर्पण, समर्पण की भावना और आध्यात्मिक संबंधों को दृढ़ बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 2 मुखी रुद्राक्ष के प्रयोग से मनुष्य का जीवन शांति और समृद्धि से भरा होता है, और यह भगवान शिव के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

2 मुखी रुद्राक्ष, जिसे ‘द्वमुखी रुद्राक्ष’ भी कहा जाता है, विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है। 

यहाँ इसके प्रमुख लाभों का विवरण है:

  1. मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।  
  2. रिश्तों में सुधार और सामंजस्य की वृद्धि होती है।  
  3. दांपत्य जीवन सुखद बनता है।  
  4. जीवनसाथी, बच्चों, माता-पिता, और सहकर्मियों के साथ संबंध मजबूत होते हैं।  
  5. चंद्र दोष का निवारण होता है।  
  6. सर्दी, ज़ुकाम, तनाव, और स्नायु तंत्र से जुड़ी समस्याओं में राहत मिलती है।  
  7. नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है।  
  8. उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।  
  9. रिश्तों में आपसी सम्मान, सहानुभूति, और संचार में सुधार होता है।  

2 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि इस प्रकार है:

1. सही समय और दिन का चयन:

सप्ताह का दिन: 

इस रुद्राक्ष को मंगलवार, गुरुवार, या सोमवार को धारण करने का विशेष महत्व है।

मूहूर्त: इसे प्रात: 

सूर्योदय के समय या सायं संध्या के समय धारण करने की सलाह दी जाती है।

2. स्वच्छता और पवित्रता:

स्नान और सफाई: 

रुद्राक्ष को पहनने से पहले स्नान करके अच्छे से साफ करें। रुद्राक्ष को शुद्धता और पवित्रता के साथ छूना चाहिए।

रुद्राक्ष की सफाई: 

रुद्राक्ष को साफ करने के लिए उसे गंगाजल या ताजे पानी से धोएं।

3. रुद्राक्ष का धारण करना:

धारण करने का तरीका: 

2 मुखी रुद्राक्ष को एक धागे, चांदी, या सोने की डोर में पिरोकर पहनें। यह हार, माला, या अंगूठी के रूप में धारण किया जा सकता है।

माला का निर्माण: 

यदि आप इसे माला के रूप में धारण कर रहे हैं, तो इसे 108 मनकों की माला में पिरोना उचित होता है।

4. मंत्र और पूजा:

 मंत्र जाप: 

रुद्राक्ष पहनने से पहले, इसे विशेष मंत्रों के साथ पूजा करना शुभ होता है। आप निम्नलिखित मंत्र का जाप कर सकते हैं:  मंत्र: “ॐ नमः शिवाय”

पूजा विधि: 

रुद्राक्ष को पूजा की थाली में रखें और फूल, चंदन, और दीपक से उसकी पूजा करें। रुद्राक्ष को भगवान शिव को समर्पित करते हुए उसका आशीर्वाद प्राप्त करें।

5. धारण की अवधि:

 पहनने का तरीका: 

रुद्राक्ष को नियमित रूप से धारण करें। इसे केवल पूजा के समय ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी पहनना लाभकारी होता है।

6. सावधानियाँ:

संतुलित आहार: 

रुद्राक्ष को पहनते समय संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या का पालन करें।

नियमित सफाई: 

रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ रखें और ध्यान दें कि यह गंदा या क्षतिग्रस्त न हो।

इन विधियों को अपनाकर 2 मुखी रुद्राक्ष का अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसे धारण करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखना महत्वपूर्ण है, ताकि इसके आध्यात्मिक और मानसिक लाभ महसूस किए जा सकें।

उपयोग विधि:

द्वमुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि इसे नियमित रूप से साफ और पवित्र किया जाए। इसे ताम्बूल (पुष्प और चंदन) के साथ पूजा और अभिषेक करना शुभ माना जाता है।

ध्यान दें कि रुद्राक्ष का प्रभाव व्यक्ति की आस्था और उसकी श्रद्धा पर भी निर्भर करता है, इसलिए इसे उचित विधि और श्रद्धा के साथ प्रयोग करना चाहिए।

अतिरिक्त जानकारियां :
  • 2 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • 2 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
  • हमारी ओर से 2 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

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