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3 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 3 मुखी रुद्राक्ष मनका)

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धार्मिक मान्यता के अनुसार, 3 मुखी रुद्राक्ष (त्रिमुखी रुद्राक्ष) की उत्पत्ति से जुड़ी एक विशेष पौराणिक कथा है, जो प्रमुख रूप से भगवान ब्रह्मा, विष्णु, और महेश (शिव) से संबंधित है। यह कथा इस प्रकार है:

 

कथा:

 

  1. त्रिमूर्ति का निर्माण:

   – धार्मिक मान्यता के अनुसार, 3 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश (शिव) के त्रैतीयक रूपों से जुड़ी है। जब भगवान शिव ने त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) को एक विशेष उद्देश्य के लिए पृथ्वी पर भेजा, तो उनकी उपस्थिति से पृथ्वी पर समस्त रचनाएँ, पालन और संहार की प्रक्रिया शुरू हुई।

   – एक बार, ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के विभिन्न रूपों ने पृथ्वी पर आकर इसे आकार दिया और इसका पालन-पोषण किया। इस समय, भगवान शिव ने अपने रूद्र रूप में ध्यान किया, जिसके परिणामस्वरूप त्रिमुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। 

 

  1. त्रिमुखी रुद्राक्ष का महत्व:

   – त्रिमुखी रुद्राक्ष का प्रतीक त्रिमूर्ति के संपूर्ण रूप को दर्शाता है। इसे ब्रह्मा (सर्जक), विष्णु (पालक), और शिव (संहारक) की उपस्थिति और उनके कार्यों के प्रतीक के रूप में माना जाता है। यह रुद्राक्ष न केवल ब्रह्मा, विष्णु और शिव की संयुक्त ऊर्जा का प्रतीक है, बल्कि इसे जीवन के तीन प्रमुख पहलुओं—सृजन, संरक्षण, और विनाश—का प्रतिनिधि भी माना जाता है।

 

धार्मिक महत्व:

 

– आध्यात्मिक लाभ: त्रिमुखी रुद्राक्ष ध्यान और साधना में सहायता करता है, जिससे मानसिक शांति, आत्मज्ञान, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।

– नकारात्मकता से मुक्ति: यह रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य को दूर करने में सहायक होता है।

– स्वास्थ्य लाभ: इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

 

According to religious belief, the origin of the 3-faced Rudraksha (Trimukhi Rudraksha) is linked to a special mythological story involving Brahma, Vishnu, and Mahesh (Shiva). The story is as follows:

 

Story:

 

  1. Creation of the Trimurti:

   – According to religious belief, the 3-faced Rudraksha is associated with the trinity (Trimurti) of Brahma, Vishnu, and Shiva. When Lord Shiva sent the Trimurti (Brahma, Vishnu, and Shiva) to Earth for a specific purpose, their presence initiated the processes of creation, preservation, and destruction on Earth.

   – At one point, Brahma, Vishnu, and Shiva, in their various forms, came to Earth and shaped it, taking care of its maintenance. During this time, Lord Shiva meditated in his Rudra form, which resulted in the creation of the Trimukhi Rudraksha.

 

  1. Significance of the Trimukhi Rudraksha:

   – The Trimukhi Rudraksha symbolizes the complete form of the Trimurti. It represents the presence and actions of Brahma (the Creator), Vishnu (the Preserver), and Shiva (the Destroyer). This Rudraksha is not only a symbol of the combined energy of Brahma, Vishnu, and Shiva but also represents the three major aspects of life—creation, preservation, and destruction.

 

Religious Significance:

 

– Spiritual Benefits: The Trimukhi Rudraksha assists in meditation and spiritual practice, leading to mental peace, self-realization, and spiritual advancement.

– Freedom from Negativity: This Rudraksha helps in removing negative energy and misfortune.

– Health Benefits: Wearing it can improve both physical and mental health.

 

The Trimukhi Rudraksha is thus considered a powerful spiritual tool that embodies the energy of the divine trinity and aids in personal and spiritual development.

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Product Description in Hindi : 

 

त्रिमुखी रुद्राक्ष की पूजा और धारण विधि, इसके लाभ और आध्यात्मिक महत्व को जानकर इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण किया जाना चाहिए।

 

3 मुखी रुद्राक्ष (त्रिमुखी रुद्राक्ष) के विभिन्न धार्मिक, आध्यात्मिक, और शारीरिक लाभ होते हैं। 

 

यहाँ इसके प्रमुख लाभों का विवरण है:

 

  1. मानसिक शांति और स्पष्टता:

   – तनाव और चिंता को कम करना: 3 मुखी रुद्राक्ष मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद को दूर करने में सहायक होता है। यह मानसिक शांति और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।

 

  1. आध्यात्मिक उन्नति:

   – आध्यात्मिक जागरूकता: इस रुद्राक्ष का प्रयोग ध्यान और साधना में गहराई लाता है। यह आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।

   – साक्षात्कार: यह रुद्राक्ष साधक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और उच्च आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने में मदद करता है।

 

  1. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:

   – रक्षा: 3 मुखी रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह जीवन में सकारात्मकता को बढ़ावा देता है और बुरी आत्माओं से बचाता है।

 

  1. स्वास्थ्य लाभ:

   – शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: यह रुद्राक्ष शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करता है और ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।

 

  1. आत्म-संयम और समर्पण:

   – स्वयं पर नियंत्रण: 3 मुखी रुद्राक्ष आत्म-संयम, दृढ़ संकल्प और आत्म-नियंत्रण को बढ़ावा देता है। यह निर्णय लेने की क्षमता को सुधारता है।

 

  1. सृजन, पालन, और विनाश का संतुलन:

   – त्रिमूर्ति का प्रतीक: यह रुद्राक्ष ब्रह्मा (सर्जक), विष्णु (पालक), और शिव (संहारक) के ऊर्जा को संजोए हुए होता है। यह जीवन के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं—सृजन, पालन, और विनाश—के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

 

  1. व्यक्तिगत विकास:

   – स्व-समर्पण: यह रुद्राक्ष व्यक्तिगत विकास, आत्म-विवेक और अपने उद्देश्य को पहचानने में सहायक होता है। यह व्यक्ति को अपने जीवन के उद्देश्य को समझने और उसमें सफलता प्राप्त करने में मदद करता है।

 

  1. सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सफलता:

   – सामाजिक संबंध: 3 मुखी रुद्राक्ष सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। यह संबंधों को सुधारने और पेशेवर विकास में सहायक होता है।

 

उपयोग विधि:

 

– धारण करने का तरीका: इसे अंगूठी, माला, या हार के रूप में पहना जा सकता है। इसे सोने, चांदी, या किसी अन्य पवित्र धागे पर पिरोकर धारण करना उत्तम होता है।

– पूजा विधि: रुद्राक्ष को पहनने से पहले गंगाजल या ताजे पानी से धोकर पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव के मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना फायदेमंद होता है।

 

3 मुखी रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनना और इसके लाभों को समझना, इसके प्रभावी उपयोग में सहायक होता है।

 

3 मुखी रुद्राक्ष (त्रिमुखी रुद्राक्ष) को धारण करने की विधि निम्नलिखित है:

 

धारण करने की विधि:

 

  1. सही समय और दिन का चयन:

   – सप्ताह का दिन: इस रुद्राक्ष को मंगलवार, गुरुवार, या सोमवार को धारण करना शुभ माना जाता है।

   – मूहूर्त: इसे प्रात: सूर्योदय के समय या संध्या (शाम) के समय पहनना सबसे अच्छा होता है। सूर्योदय के समय इसे पहनना अधिक फलदायी माना जाता है।

 

  1. स्वच्छता और पवित्रता:

   – स्नान और साफ-सफाई: रुद्राक्ष को पहनने से पहले स्नान करके अच्छे से साफ कर लें। आपको खुद को भी साफ और पवित्र करना चाहिए।

   – रुद्राक्ष की सफाई: रुद्राक्ष को गंगाजल या ताजे पानी से धोकर उसे शुद्ध करें।

  1. रुद्राक्ष का धारण करना:

   – धारण करने का तरीका: 3 मुखी रुद्राक्ष को धागे, चांदी, या सोने के तार में पिरोकर पहनें। इसे हार, माला, या अंगूठी के रूप में धारण किया जा सकता है।

   – माला का निर्माण: यदि आप इसे माला के रूप में पहनना चाहते हैं, तो इसे 108 मनकों की माला में पिरोना उचित होता है।

 

  1. मंत्र और पूजा:

   – मंत्र जाप: रुद्राक्ष को पहनने से पहले विशेष मंत्रों के साथ पूजा करना शुभ होता है। आप निम्नलिखित मंत्र का जाप कर सकते हैं:

     – मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya)

   – पूजा विधि: रुद्राक्ष को पूजा की थाली में रखें और फूल, चंदन, और दीपक से उसकी पूजा करें। भगवान शिव को समर्पित करते हुए उसकी आराधना करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

 

  1. धारण की अवधि:

   – पहनने का तरीका: रुद्राक्ष को नियमित रूप से पहनें। इसे केवल पूजा के समय ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में भी धारण करने से इसके लाभ अधिक होते हैं।

 

  1. सावधानियाँ:

   – संतुलित आहार: रुद्राक्ष पहनते समय एक संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या का पालन करें।

   – नियमित सफाई: रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ रखें और ध्यान दें कि यह गंदा या क्षतिग्रस्त न हो।

 

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

 

– नियमित पूजा: रुद्राक्ष को धारण करने के साथ नियमित पूजा और ध्यान की आदत डालें। इससे आपको अधिक लाभ मिलेगा।

– श्रद्धा और विश्वास: रुद्राक्ष का प्रभाव व्यक्ति की आस्था और श्रद्धा पर भी निर्भर करता है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनना महत्वपूर्ण है।

 

इन विधियों को अपनाकर 3 मुखी रुद्राक्ष का अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसे उचित विधि और श्रद्धा के साथ धारण करें, ताकि इसके आध्यात्मिक और मानसिक लाभ महसूस किए जा सकें।

 

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 3 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 3 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 3 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 3 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

 

Product Description in English : 

 

The Three-Mukhi Rudraksha, known as the Tri-Mukhi Rudraksha, is revered for its religious, spiritual, and physical benefits. Here is a detailed description of its worship, wearing method, and benefits:

 

Major Benefits of Three-Mukhi Rudraksha:

 

  1. Mental Peace and Clarity:

   – Stress and Anxiety Reduction: The Three-Mukhi Rudraksha helps alleviate mental stress, anxiety, and depression. It provides mental peace and clarity.

 

  1. Spiritual Advancement:

   – Spiritual Awareness: It deepens meditation and spiritual practice. It aids in attaining self-realization and spiritual growth.

   – Divine Experience: This Rudraksha helps devotees receive the blessings of Lord Shiva and achieve high spiritual experiences.

 

  1. Protection from Negative Energies:

   – Protection: The Three-Mukhi Rudraksha offers protection from negative energies and influences. It promotes positivity in life and shields against malevolent entities.

 

  1. Health Benefits:

   – Physical and Mental Health: It enhances physical health and boosts energy levels. It strengthens the immune system and provides protection against illnesses.

 

  1. Self-Control and Dedication:

   – Self-Control: The Three-Mukhi Rudraksha promotes self-discipline, determination, and self-control. It improves decision-making abilities.

 

  1. Balance of Creation, Preservation, and Destruction:

   – Symbol of Trinity: This Rudraksha embodies the energies of Brahma (the Creator), Vishnu (the Preserver), and Shiva (the Destroyer). It helps maintain balance between the three crucial aspects of life—creation, preservation, and destruction.

 

  1. Personal Development:

   – Self-Realization: It aids in personal development, self-awareness, and recognizing one’s purpose. It helps achieve success in understanding and fulfilling life’s purpose.

 

  1. Success in Social and Professional Life:

   – Social Relations: The Three-Mukhi Rudraksha assists in achieving success in social and professional spheres. It improves relationships and aids in professional growth.

 

Method of Wearing:

 

  1. Choosing the Right Time and Day:

   – Day of the Week: It is considered auspicious to wear the Rudraksha on Tuesday, Thursday, or Monday.

   – Timing: It is best to wear it during sunrise or sunset. Wearing it at sunrise is believed to be more beneficial.

 

  1. Cleanliness and Purity:

   – Bathing and Cleanliness: Before wearing the Rudraksha, take a bath and clean yourself. Also, clean the Rudraksha with Ganga water or fresh water.

   – Purification: Purify the Rudraksha by washing it with Ganga water or clean water.

 

  1. Wearing the Rudraksha:

   – Method of Wearing: Wear the Three-Mukhi Rudraksha as a ring, necklace, or pendant. It is recommended to string it on a gold, silver, or sacred thread.

   – Making a Necklace: If wearing it as a mala, string it in a mala of 108 beads.

 

  1. Mantra and Worship:

   – Mantra Recitation: Before wearing, perform a special ritual with the mantra: “ॐ नमः शिवाय” (Om Namah Shivaya).

   – Worship Method: Place the Rudraksha in a worship plate and offer flowers, sandalwood, and light a lamp. Offer your prayers to Lord Shiva and seek his blessings.

 

  1. Duration of Wearing:

   – Regular Wear: Wear the Rudraksha regularly. Its benefits are more pronounced when worn consistently, not just during worship.

 

  1. Precautions:

   – Balanced Diet: Maintain a balanced diet and a regular daily routine while wearing the Rudraksha.

   – Regular Cleaning: Keep the Rudraksha clean and ensure it is not dirty or damaged.

 

More Information:

 

– Purification: The Three-Mukhi Rudraksha bead is purified and consecrated at the Kashi Vishwanath Temple, which involves a process that takes 2 to 3 days. Therefore, dispatch will occur after three days of order receipt, and you will be notified via message, WhatsApp, or call.

– Effectiveness: The Rudraksha is provided fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the wearer’s intent, purpose, and proper use. While most people experience positive results, its effectiveness is also influenced by one’s intentions, planetary conditions, and destiny. Results may vary as they depend on divine will.

– Role of the Rudraksha: We are merely facilitators in this process. The effectiveness of the Rudraksha is ultimately in the hands of the divine. Materials and remedies are aids, but results depend on one’s devotion and the divine plan. Thank you.

 

By following these guidelines and wearing the Three-Mukhi Rudraksha with sincerity and faith, one can experience its spiritual and mental benefits.

 

Additional Information:

 

The Three-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi. 

 

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the Three-Mukhi Rudraksha bead. Consequently, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

 

We provide the Three-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. Detailed instructions and benefits of wearing the Three-Mukhi Rudraksha bead have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome is influenced by the wearer’s intention, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators in this process; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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