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4 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 4 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹1,300.00.Current price is: ₹995.00.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, चार-मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा भारतीय पौराणिक ग्रंथों और धार्मिक कथाओं में वर्णित है। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के एक विशेष रूप की उपस्थिति से जुड़ा हुआ माना जाता है। यहाँ इस संबंध में एक प्रमुख धार्मिक मान्यता का वर्णन है:

 

धार्मिक मान्यता:

 

  1. भगवान शिव की इच्छा:

   – चार-मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा के अनुसार, भगवान शिव ने सृजन, पालन और संहार के अद्भुत गुणों के कारण कई रूप धारण किए। एक दिन, भगवान शिव ने सोचा कि उन्हें एक ऐसा विशेष रुद्राक्ष प्राप्त करना चाहिए जो उनके चार महत्वपूर्ण गुणों को व्यक्त कर सके। 

 

  1. सिद्धि की प्राप्ति:

   – भगवान शिव की इस इच्छा के अनुसार, एक दिव्य रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ जिसमें चार मुख थे। प्रत्येक मुख भगवान शिव के एक विशेष गुण या स्वरूप को दर्शाता है। इन मुखों के माध्यम से, रुद्राक्ष का प्रभाव और ऊर्जा चार दिशाओं में फैलता है, जिससे यह अधिक प्रभावी और शक्तिशाली हो जाता है।

 

  1. सृजन और समर्पण:

   – चार-मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से ब्रह्मा, विष्णु, और शिव के गुणों का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से ध्यान और साधना के लिए उपयुक्त है और यह अपने धारक को चारों दिशा में समृद्धि और शांति प्रदान करता है।

 

  1. धार्मिक महत्व:

   – धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, चार-मुखी रुद्राक्ष का पहला प्रयोग ब्रह्मा ने सृजन के कार्य के लिए किया था। इसे भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने और चार महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

 

चार-मुखी रुद्राक्ष की धार्मिक मान्यता और इसका उत्पत्ति से जुड़ा विश्वास इसे न केवल आध्यात्मिक प्रथाओं में बल्कि दैनिक जीवन में भी महत्वपूर्ण मानता है। इसका उपयोग मानसिक शांति, ध्यान, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है।

 

Religious Belief Regarding the Origin of the Four-Mukhi Rudraksha:

 

According to religious beliefs, the origin of the Four-Mukhi Rudraksha is described in Indian mythological texts and religious stories. This Rudraksha is considered to be connected with a special form of Lord Shiva. Here is a prominent religious belief related to its origin:

 

  1. Lord Shiva’s Desire:

   – According to the story, Lord Shiva, who assumed various forms due to his qualities of creation, preservation, and destruction, desired a unique Rudraksha that could represent his four important attributes. 

 

  1. Attainment of Perfection:

   – In response to Lord Shiva’s desire, a divine Rudraksha with four faces was produced. Each face of this Rudraksha represents a specific quality or aspect of Lord Shiva. Through these faces, the Rudraksha’s influence and energy spread in four directions, making it more effective and powerful.

 

  1. Creation and Devotion:

   – The Four-Mukhi Rudraksha is particularly symbolic of the qualities of Brahma, Vishnu, and Shiva. It is considered especially suitable for meditation and spiritual practices, providing prosperity and peace in all four directions to its wearer.

 

  1. Religious Significance:

   – According to religious texts, Brahma was the first to use the Four-Mukhi Rudraksha for creation. It is regarded as significant for receiving Lord Shiva’s blessings and understanding four crucial aspects of existence.

 

The religious belief and origin associated with the Four-Mukhi Rudraksha highlight its importance not only in spiritual practices but also in daily life. It is used for mental peace, meditation, and spiritual advancement.

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Product Description in Hindi : 

 

चार-मुखी रुद्राक्ष का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इसे विभिन्न लाभों के लिए पूजा जाता है। यहाँ इसका महत्व विस्तार से बताया गया है:

 

चार-मुखी रुद्राक्ष का महत्व

 

  1. प्रतीकात्मकता:

   – चार-मुखी रुद्राक्ष भगवान ब्रह्मा के चार मुखों का प्रतिनिधित्व करता है। यह चार वेदों, चार युगों, और चार दिशाओं के साथ जुड़ा हुआ है, जो इसे पूर्णता और संतुलन का प्रतीक बनाता है।

 

  1. आध्यात्मिक विकास:

   – बौद्धिक स्पष्टता: यह रुद्राक्ष बौद्धिक क्षमताओं, सृजनात्मकता, और ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके पहनने से स्मरण शक्ति, ध्यान और विश्लेषणात्मक क्षमताएँ सुधारती हैं।

   – ध्यान में गहराई: यह रुद्राक्ष ध्यान और साधना को गहरा करने में मदद करता है और उच्चतर आत्मज्ञान प्राप्त करने में सहायक होता है।

 

  1. मानसिक शांति और स्थिरता:

   – शांतिपूर्णता और ध्यान: चार-मुखी रुद्राक्ष मानसिक तनाव को कम करने, भावनात्मक संतुलन बनाए रखने और मानसिक शांति को बढ़ावा देने में मदद करता है।

 

  1. संचार कौशल:

   – प्रभावी अभिव्यक्ति: यह रुद्राक्ष संचार कौशल और आत्म-प्रस्तुति को सुधारने में सहायक होता है। जो लोग शिक्षा, लेखन या सार्वजनिक भाषण से जुड़े हैं, उनके लिए यह विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है।

 

  1. धार्मिक और अनुष्ठानिक उपयोग:

   – पूजा और अनुष्ठान: चार-मुखी रुद्राक्ष धार्मिक अनुष्ठानों और पूजाओं में प्रयोग किया जाता है। इसे शुभ माना जाता है और भगवान ब्रह्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

 

  1. स्वास्थ्य लाभ:

   – शारीरिक स्वास्थ्य: यह रुद्राक्ष समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है।

 

  1. सपनों की पूर्ति:

   – सफलता और समृद्धि: इस रुद्राक्ष के पहनने से व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह बाधाओं को पार करने और सफलताओं को प्राप्त करने में सहायक होता है।

 

  1. रक्षा:

   – नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: यह रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है। यह पहनने वाले के चारों ओर एक सुरक्षात्मक आभा उत्पन्न करता है।

 

कैसे पहनें और उपयोग करें चार-मुखी रुद्राक्ष

 

  1. पहनने की विधि:

   – आभूषण: चार-मुखी रुद्राक्ष को हार, अंगूठी या माला में पहना जा सकता है। इसे सोने, चांदी या पवित्र धागे पर पिरोना अच्छा माना जाता है।

   – स्थान: इसे हृदय या गले के करीब पहनना अधिक प्रभावी माना जाता है।

 

  1. शुद्धिकरण और अभिमंत्रण:

   – प्रारंभिक शुद्धिकरण: पहनने से पहले रुद्राक्ष को गंगा जल या स्वच्छ पानी से धोकर शुद्ध किया जाना चाहिए। इसके बाद पूजा और मंत्र जाप करना लाभकारी होता है।

 

  1. दैनिक अभ्यास:

   – नियमित उपयोग: अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए रुद्राक्ष को नियमित रूप से पहनें। नियमित उपयोग और उचित देखभाल इसके प्रभाव को बढ़ाते हैं।

 

निष्कर्ष

 

चार-मुखी रुद्राक्ष एक शक्तिशाली और शुभ रत्न है जो आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक कल्याण में सहायक होता है। भगवान ब्रह्मा के साथ इसके जुड़ाव और इसके लाभ इसे बौद्धिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए मूल्यवान बनाते हैं।

 

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 4 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है । 
  • 4 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
  • हमारी तरफ से 4 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 4 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम  नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद। 

 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

 

Product Description in English :  

 

Four-Mukhi Rudraksha holds significant importance in Hindu spirituality and is revered for its various benefits. Here’s a detailed overview of its importance:

 

Significance of Four-Mukhi Rudraksha

 

  1. Symbolism:

   – The Four-Mukhi Rudraksha is symbolically associated with the four aspects of Lord Brahma, the creator. It represents the four Vedas (sacred texts), the four Yugas (ages), and the four directions, embodying completeness and balance in spiritual and physical realms.

 

  1. Spiritual Growth:

   – Intellectual Clarity: It is believed to enhance intellectual abilities, creativity, and wisdom. Wearing this Rudraksha can help improve memory, concentration, and analytical skills.

   – Enhanced Meditation: This Rudraksha is highly regarded for its ability to deepen meditation and spiritual practices. It aids in achieving higher states of consciousness and enlightenment.

 

  1. Mental Peace and Stability:

   – Calmness and Focus: The Four-Mukhi Rudraksha helps in calming the mind, reducing mental stress, and maintaining emotional balance. It promotes mental stability and peace.

 

  1. Communication Skills:

   – Effective Expression: It is said to enhance communication skills and self-expression. People involved in fields like teaching, writing, or public speaking may find it particularly beneficial.

 

  1. Religious and Ritualistic Use:

   – Puja and Rituals: The Four-Mukhi Rudraksha is often used in religious rituals and pujas (worship ceremonies). It is considered to be auspicious and is believed to invoke the blessings of Lord Brahma.

 

  1. Health Benefits:

   – Physical Well-being: It is said to have positive effects on overall health, supporting the body’s immune system and promoting well-being. The Rudraksha is believed to have calming effects on the nervous system and to help in balancing the body’s energies.

 

  1. Fulfilling Aspirations:

   – Success and Prosperity: Wearing this Rudraksha is believed to help achieve personal and professional goals. It is often sought after for success in endeavors and overcoming obstacles.

 

  1. Protection:

   – Shield Against Negative Energies: It is thought to provide protection against negative energies and influences. The Rudraksha is believed to create a protective shield around the wearer.

 

How to Wear and Use Four-Mukhi Rudraksha

 

  1. Wearing Method:

   – Jewelry: The Four-Mukhi Rudraksha can be worn as a pendant, ring, or in a mala (necklace). It is generally recommended to string it on a gold, silver, or sacred thread for optimal results.

   – Placement: Wearing it close to the heart or neck is considered most effective.

 

  1. Purification and Consecration:

   – Initial Purification: Before wearing, the Rudraksha should be purified with Ganga water or clean water. It is also advisable to perform a ritualistic puja and recite mantras to consecrate the Rudraksha.

 

  1. Daily Practices:

   – Regular Use: For maximum benefits, the Rudraksha should be worn regularly. Consistent use and proper care are essential for experiencing its full potential.

 

Conclusion

 

The Four-Mukhi Rudraksha is a powerful and auspicious bead that aids in spiritual, mental, and physical well-being. Its association with Lord Brahma and its reputed benefits make it a valuable tool for those seeking intellectual clarity, emotional stability, and spiritual growth.

 

Additional Information:

 

The Four-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.

 

It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the Four-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.

 

We provide the Four-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the Four-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.

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