According to religious beliefs, the origin of the 5-faced Rudraksha is associated with the five principal forms of Lord Shiva.
The story goes that during the churning of the ocean (Samudra Manthan) between the gods and demons, Lord Shiva manifested the 5-faced Rudraksha to calm the conflict between the demons and gods. The five faces of this Rudraksha represent the five major elements associated with Lord Shiva:
- Ether (Akash)
- Air (Vayu)
- Fire (Agni)
- Water (Jal)
- Earth (Prithvi)
Wearing a 5 Faced Rudraksha is believed to have numerous benefits:
- 5 Faced Rudraksha protects an individual from untimely death.
- 5 Faced Rudraksha makes a person fearless.
- 5 Faced Rudraksha helps activate all the chakras in the body.
- 5 Faced Rudraksha reduces the harmful effects of Jupiter.
- 5 Faced Rudraksha ensures good health.
- 5 Faced Rudraksha helps overcome insomnia.
- 5 Faced Rudraksha enhances wisdom and removes dullness from one’s personality.
- 5 Faced Rudraksha improves concentration and memory.
- 5 Faced Rudraksha brings peace and stability to the mind.
- 5 Faced Rudraksha reduces mental stress and promotes positive energy.
5 Faced Rudraksha is considered a symbol of Lord Shiva. Wearing it is believed to bring happiness and prosperity into one’s life. According to astrology, it is especially beneficial for individuals with Sagittarius (Dhanu) and Pisces (Meen) as their zodiac signs.
Before wearing a 5 Faced Rudraksha, one should purify their body and mind. This includes abstaining from meat and alcohol and focusing their thoughts on the divine.
Method to Wear the 5-Faced Rudraksha
To wear the 5-faced Rudraksha correctly, follow these methods:
1. Initial Worship:
Before wearing the Rudraksha, cleanse it thoroughly and place it in a sacred space after bathing. Purify it with Ganga water or other holy water and perform a ritual.
2. Abhishek (Ceremonial Bath):
Perform an Abhishek by applying water, milk, honey, and flowers to the Rudraksha. During this process, chant mantras dedicated to Lord Shiva, such as ‘Om Namah Shivaya.’
3. Wearing Method:
The Rudraksha can be set in a necklace made of silver, gold, or copper. This necklace should be worn early in the morning (before sunrise) after bathing. Perform worship of Lord Shiva before wearing it.
4. Maintenance:
Keep the Rudraksha clean while wearing it, and if possible, clean it daily. It is advisable to remove it before sleeping.
5. Acceptance:
The person wearing the Rudraksha should be mentally and spiritually prepared. It should be worn with complete devotion and faith.
Thus, the use and wearing of the 5-faced Rudraksha should be done according to religious beliefs and practices to ensure its benefits.
Additional Information :
- The 5-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
- It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 5-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
- On our part, the 5-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.
Product Description in Hindi :
5 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति के बारे में धार्मिक मान्यता के अनुसार एक दिलचस्प कथा है। यह मान्यता है कि 5 मुखी रुद्राक्ष का जन्म भगवान शिव के पांचों प्रमुख स्वरूपों से जुड़ा हुआ है।
कथा के अनुसार, जब देवताओं और असुरों के बीच अमृत मंथन चल रहा था, तब भगवान शिव ने अमृत मंथन के दौरान राक्षसों और देवताओं के बीच संघर्ष को शांत करने के लिए पांच प्रमुख मुखों वाला रुद्राक्ष प्रकट किया। इस रुद्राक्ष के पांच मुखों का प्रतिनिधित्व भगवान शिव के पांच प्रमुख स्वरूपों से होता है:
- आकाश (Ether)
- वायु (Air)
- अग्नि (Fire)
- जल (Water)
- पृथ्वी (Earth)
पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के कई फ़ायदे माने जाते हैं:
- पंचमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को असामयिक मृत्यु से बचाता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को निडर बनाता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष शरीर पर सभी चक्रों को सक्रिय करने में मदद करता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष बृहस्पति के हानिकारक प्रभाव को कम करता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को बुद्धिमान बनाता है और व्यक्तित्व से नीरसता को दूर करता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाता है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष मन को शांति और स्थिरता मिलती है.
- पंचमुखी रुद्राक्ष मानसिक तनाव को कम करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.
पंचमुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है. ज्योतिष के मुताबिक, धनु और मीन राशि वालों के लिए यह धारण करना ज़्यादा फ़ायदेमंद रहता है.
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से पहले, व्यक्ति को अपने शरीर और मन का शुद्धिकरण करना चाहिए. इसके लिए, मांस-मदिरा का सेवन बंद करना चाहिए और मन को भगवान के ध्यान में लगाना चाहिए.
5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि
5 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनाई जा सकती हैं:
1. सर्वप्रथम पूजन:
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे अच्छे से धो लें और पवित्रता के लिए नहाकर इसे पूजा स्थान पर रखें। इसे गंगाजल या अन्य पवित्र जल से धोकर पूजन करें।
2. अभिषेक:
रुद्राक्ष पर जल, दूध, शहद और फूलों से अभिषेक करें। इस प्रक्रिया के दौरान, भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे ‘ॐ नमः शिवाय’।
3. धारण की विधि:
रुद्राक्ष को एक चाँदी, सोना, या ताम्बे की माला में जड़वा सकते हैं। यह माला प्रातः काल (सुबह सूरज उगने से पहले) स्नान करने के बाद पहनी जा सकती है। माला पहनने से पहले भगवान शिव की पूजा करें।
4. धारण के नियम:
रुद्राक्ष को धारण करते समय इसे हमेशा स्वच्छ रखें और यदि संभव हो तो प्रतिदिन इसे साफ करें। इसे सोते समय निकालना अच्छा होता है।
5. स्वीकार्यता:
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार रहना चाहिए। इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनना चाहिए।
इस प्रकार, 5 मुखी रुद्राक्ष का उपयोग और धारण करने की विधि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सही तरीके से की जानी चाहिए ताकि इसके लाभ प्राप्त हो सकें।
अतिरिक्त जानकारियां :
- 5 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
- 5 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
- हमारी ओर से 5 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।
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