Wearing a 6 Mukhi Rudraksha offers numerous benefits:
- 6 faced Rudraksha Enhances attractiveness.
- 6 faced Rudraksha Sharpens the mind and improves concentration.
- 6 faced Rudraksha Brings mental peace.
- 6 faced Rudraksha Strengthens the position of Venus in one’s horoscope.
- 6 faced Rudraksha Brings happiness in married life.
- 6 faced Rudraksha Provides relief from physical ailments.
- 6 faced Rudraksha Eliminates laziness and lethargy.
- 6 faced Rudraksha Removes negative energy from the surroundings.
- 6 faced Rudraksha Improves love life.
- 6 faced Rudraksha Enhances communication skills and artistic talents.
- 6 faced Rudraksha Balances the effects of Venus.
- 6 faced Rudraksha Helps manage conditions like thyroid and diabetes.
According to religious beliefs, there is an interesting story related to the origin of the 6-faced Rudraksha. This Rudraksha represents the sixth form of Lord Shiva, known as “Kator Brahma” (the Form of Brahma). The story of its origin is as follows:
Origin According to the Legend
1. During a Crisis:
In ancient times, a dispute arose between Brahma and Vishnu about who was superior. To resolve this conflict, Lord Shiva manifested a divine Rudraksha.
2. Manifestation of the Sixth Face:
Lord Shiva used a special mantra and method to manifest the sixth face of this Rudraksha. The sixth face of this particular Rudraksha appeared as Brahma, the creator of the universe, representing various aspects of creation.
3. Characteristics of the Rudraksha:
Since the 6-faced Rudraksha represents the sixth form of Lord Shiva, it is associated with creation, preservation, and communication with the soul. This Rudraksha is considered especially useful for acquiring knowledge, education, and wisdom.
Method to Wear the 6-Faced Rudraksha
To wear the 6-faced Rudraksha correctly, follow these methods:
1. Worship and Purification:
Before wearing the Rudraksha, cleanse it thoroughly and place it in a sacred space after bathing. Purify it with Ganga water or other holy water and perform a ritual. During the worship, chant mantras dedicated to Lord Shiva, such as ‘Om Namah Shivaya.’
2. Abhishek (Ceremonial Bath):
Perform an Abhishek by applying water, milk, honey, and flowers to the Rudraksha. This process is meant to purify the Rudraksha.
3. Wearing Method:
The 6-faced Rudraksha can be set in a necklace made of silver, gold, or copper. The necklace should be worn early in the morning (before sunrise) after bathing. Perform a worship ritual of Lord Shiva before wearing it.
4. Maintenance:
Keep the Rudraksha clean while wearing it, and if possible, clean it daily. It is advisable to remove it before sleeping.
5. Devotion of the Wearer:
The Rudraksha should be worn with reverence and faith. The wearer should be mentally and spiritually prepared before wearing it.
Thus, the use and wearing of the 6-faced Rudraksha should be done according to religious beliefs and practices to ensure all its benefits are received.
Additional Information :
- The 6-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
- It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 6-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
- On our part, the 6-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.
Details Information Hindi :
छह मुखी रुद्राक्ष पहनने से कई फ़ायदे होते हैं:
- छह मुखी रुद्राक्ष से आकर्षण बढ़ता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से दिमाग तेज होता है और एकाग्रता बढ़ती है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से मन शांत रहता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से शुक्र ग्रह की स्थिति मज़बूत होती है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती हैं.
- छह मुखी रुद्राक्ष से शारीरिक बीमारियों से छुटकारा मिलता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से आलस्य और सुस्ती से छुटकारा मिलता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है.
- छह मुखी रुद्राक्ष से लव लाइफ़ भी बेहतर रहती है.
- छह मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति के वक्तव्य कौशल और कलात्मक गुणों को बढ़ाता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह के प्रभाव को भी नियंत्रित करता है.
- छह मुखी रुद्राक्ष थायराइड और मधुमेह जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, 6 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक दिलचस्प कथा है। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के छठे रूप, “कठोर ब्रह्मा” का प्रतिनिधित्व करता है, और इसके जन्म की कथा इस प्रकार है:
कथा के अनुसार उत्पत्ति
1. संकट के समय:
प्राचीन काल में, जब ब्रह्मा और विष्णु के बीच एक विवाद उत्पन्न हुआ कि दोनों में से श्रेष्ठ कौन है, तब भगवान शिव ने इस विवाद को सुलझाने के लिए एक दिव्य रुद्राक्ष को प्रकट किया।
2. छठे मुख के प्रकट होने की प्रक्रिया:
भगवान शिव ने इस रुद्राक्ष के छठे मुख को प्रकट करने के लिए एक विशेष मंत्र और विधि का उपयोग किया। इस विशेष रुद्राक्ष का छठा मुख ब्रह्मा के रूप में प्रकट हुआ, जो सृष्टि का निर्माता है और वह सृष्टि के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है।
3. रुद्राक्ष की विशेषता:
6 मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव के छठे रूप का प्रतिनिधित्व होने के कारण, इसे सृजन, संरक्षण, और आत्मा के साथ संलाप से जोड़कर देखा जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से ज्ञान, शिक्षा, और बुद्धि की प्राप्ति के लिए उपयोगी माना जाता है।
6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि
6 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने के लिए निम्नलिखित विधियाँ अपनाई जा सकती हैं:
1. पूजन और शुद्धिकरण:
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे अच्छे से धोकर पवित्रता के लिए नहाकर पूजा स्थान पर रखें। इसे गंगाजल या अन्य पवित्र जल से धोकर पूजन करें। पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें, जैसे ‘ॐ नमः शिवाय’।
2. अभिषेक:
रुद्राक्ष पर जल, दूध, शहद, और फूलों से अभिषेक करें। यह प्रक्रिया विशेष रूप से रुद्राक्ष को पवित्र करने के लिए की जाती है।
3. धारण की विधि:
6 मुखी रुद्राक्ष को एक चांदी, सोना, या तांबे की माला में जड़वा सकते हैं। यह माला प्रातः काल (सूरज उगने से पहले) स्नान करने के बाद पहननी चाहिए। पहनने से पहले भगवान शिव की पूजा करें।
4. धारण के नियम:
रुद्राक्ष को पहनते समय इसे स्वच्छ रखें और यदि संभव हो तो प्रतिदिन इसे साफ करें। इसे सोते समय निकालना बेहतर होता है।
5. धारक की भावना:
रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनना चाहिए। इसे पहनने से पहले मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार रहना चाहिए।
इस प्रकार, 6 मुखी रुद्राक्ष का उपयोग और धारण करने की विधि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सही तरीके से की जानी चाहिए ताकि इसके सभी लाभ प्राप्त हो सकें।
अतिरिक्त जानकारियां :
- 6 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
- 6 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
- हमारी ओर से 6 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।
Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.