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7 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 7 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹1,555.00.Current price is: ₹1,340.00.

The 7 Mukhi Rudraksha is considered a manifestation of Goddess Lakshmi. Therefore, it quickly resolves financial issues and strengthens economic stability. Additionally, it is blessed by Saturn, protecting the wearer from Saturn’s malefic effects. According to the Shiva Purana, this Rudraksha is highly effective, powerful, and extremely beneficial.

सात मुखी रुद्राक्ष को महालक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। इसलिए, यह धन की समस्याओं को दूर कर आर्थिक स्थिति मजबूत करता है। साथ ही, इस पर शनि देव की कृपा बनी रहती है, जिससे शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है। शिवपुराण के अनुसार, यह अत्यंत प्रभावशाली और लाभकारी है।

Quantity

Wearing a 7 Mukhi Rudraksha offers numerous benefits, including:  

  1. According to astrology, it opens pathways for wealth and financial growth.  
  2. It increases income sources and ensures the blessings of Goddess Lakshmi.  
  3. The 7 Mukhi Rudraksha is associated with the planet Venus.  
  4. It brings success and progress in business and career.  
  5. It helps those suffering from joint pain and mental stress.  
  6. As per the Shiva Purana, wearing this Rudraksha ensures the blessings of Saturn.  
  7. It helps ward off diseases and negativity.  
  8. The 7 Mukhi Rudraksha is considered a symbol of spiritual awakening and wisdom.  
  9. It balances the body’s energy and alleviates several health issues.  

According to religious beliefs, there is an interesting story associated with the origin of the 7-faced Rudraksha, which illustrates its significance and importance. This Rudraksha represents the seventh form of Lord Shiva, and the story of its origin is as follows:

Origin According to the Legend

1. Worship of the Saptarishis: 

In ancient times, the seven sages (Saptarishis) performed severe penance to please Lord Shiva. Moved by their relentless effort and devotion, Lord Shiva accepted their dedication and manifested the 7-faced Rudraksha as a blessing.

2. Manifestation of the Seven Faces: 

Lord Shiva revealed the seven faces of this Rudraksha, which represent the seven important elements of creation and the seven major planets. These faces symbolize various aspects of life and the qualities of deities such as Brahma, Vishnu, and Shiva.

3. Characteristics of the Rudraksha: 

The 7-faced Rudraksha is considered a symbol of fortune, prosperity, and health. It is seen as a representation of the blessings of the seven deities and is believed to bring success and prosperity in one’s life.

Method for Wearing the 7-Mukhi Rudraksha

To properly wear the 7-mukhi Rudraksha and gain its full benefits, follow these methods and guidelines:

1. Purification and Worship

Purification Before Wearing: 

Before wearing the Rudraksha, it should be thoroughly cleaned and purified. Wash it with Gangajal (holy water) or other sacred water.

Worship Procedure: 

Place the Rudraksha in a sacred place and perform a puja (worship) to Lord Shiva. Chant mantras such as ‘Om Namah Shivaya’ during the puja to enhance its sanctity and positivity.

2. Abhishekam

Abhishekam Method: 

Perform an abhishekam (ritual bathing) of the Rudraksha with water, milk, honey, and flowers. This process purifies and energizes the Rudraksha. Chant Lord Shiva’s mantras during the abhishekam.

3. Wearing Method

Setting in a Mala: 

It is beneficial to set the 7-mukhi Rudraksha in a mala (necklace) made of silver, gold, or copper. This mala should be worn early in the morning (before sunrise) after bathing.

Pre-Wearing Puja: 

Perform a puja to Lord Shiva before wearing the Rudraksha. Ensure that it is worn with respect and devotion.

4. Wearing Guidelines

Cleanliness: 

Keep the Rudraksha clean and, if possible, clean it daily. 

Remove While Sleeping: 

It is advisable to remove the Rudraksha while sleeping to maintain its purity and energy.

Health and Meditation: 

While wearing, ensure you are mentally and spiritually prepared. It aids in meditation and spiritual practices, so proper usage is essential.

5. Spiritual Attitude

Faith and Devotion: 

Wear the Rudraksha with full faith and devotion. Prepare mentally and spiritually before using it.

Proper Use: 

Ensure that the Rudraksha is used for sacred and positive purposes. It can be part of any religious ritual or puja.

Following these methods will help in achieving the spiritual and physical benefits of the 7-mukhi Rudraksha. It not only enhances health and prosperity but also strengthens the connection with the soul.

Additional Information :

  • The 7-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
  • It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 7-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
  • On our part, the 7-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.

Detailed Information in Hindi : 

सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से कई फ़ायदे होते हैं, जिनमें से कुछ ये हैं: 

1 – ज्योतिष के मुताबिक, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से धन आगमन के मार्ग खुलते हैं. 

2 – इससे आय के स्त्रोत बढ़ते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. 

3 – सात मुखी रुद्राक्ष को शुक्र ग्रह से जुड़ा माना जाता है. 

4 – सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है. 

5 – सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से जोड़ों के दर्द और मानसिक तनाव से परेशान लोगों को भी सात मुखी रुद्राक्ष पहनने से फ़ायदा मिलता है. 

6 – महाशिव पुराण के मुताबिक, सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनि देव की कृपा बनी रहती है. 

7 – सात मुखी रुद्राक्ष को पहनने से रोग-दोष से दूर रहने में मदद मिलती है. 

8 – सात मुखी रुद्राक्ष को आध्यात्मिक जागृति और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. 

9 – सात मुखी रुद्राक्ष शरीर के भीतर ऊर्जा को संतुलित करता है और कई बीमारियों को कम करता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार, 7 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी एक दिलचस्प कथा है जो इसकी विशेषता और महत्व को दर्शाती है। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के सातवें रूप का प्रतिनिधित्व करता है, और इसके जन्म की कथा इस प्रकार है:

कथा के अनुसार उत्पत्ति

1. सप्तर्षियों की उपासना: 

प्राचीन काल में, सात ऋषियों ने भगवान शिव की कठोर तपस्या की। इन ऋषियों के अथक प्रयास और भक्ति से प्रभावित होकर भगवान शिव ने उनके समर्पण को स्वीकार किया और उनकी कृपा से 7 मुखी रुद्राक्ष को प्रकट किया।

2. सात मुखों का प्रकट होना: 

भगवान शिव ने इस रुद्राक्ष के सात मुखों को प्रकट किया, जो सृष्टि के सात महत्वपूर्ण तत्वों और सात प्रमुख ग्रहों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये मुख जीवन के विभिन्न पहलुओं और ब्रह्मा, विष्णु, शिव के साथ-साथ अन्य प्रमुख देवताओं के गुणों को दर्शाते हैं।

3. रुद्राक्ष की विशेषता: 

7 मुखी रुद्राक्ष को विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे सात देवताओं के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है और इसे पहनने से व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।

इस प्रकार, 7 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति की कथा और इसका धार्मिक महत्व भगवान शिव के आशीर्वाद और सात प्रमुख तत्वों के साथ जुड़ा हुआ है। इसे पहनने से व्यक्ति को विभिन्न क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होते हैं, विशेष रूप से भाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य के क्षेत्र में।

7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि

7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए निम्नलिखित विधियों और नियमों का पालन करना चाहिए ताकि इसके पूर्ण लाभ प्राप्त किए जा सकें:

1. पूजन और शुद्धिकरण

धारण से पहले शुद्धिकरण: 

7 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से पहले इसे अच्छे से धोकर पवित्र करने की आवश्यकता होती है। इसे गंगाजल या पवित्र जल से धोकर साफ करें। 

पूजन की प्रक्रिया: 

रुद्राक्ष को किसी पवित्र स्थान पर रखें और भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ या अन्य शिव मंत्रों का जाप करें। यह पूजा रुद्राक्ष की पवित्रता और सकारात्मकता को बढ़ाती है।

2. अभिषेक

अभिषेक विधि: 

रुद्राक्ष पर जल, दूध, शहद और फूलों से अभिषेक करें। यह प्रक्रिया रुद्राक्ष को पवित्र और शक्तिशाली बनाने के लिए की जाती है। अभिषेक करते समय भगवान शिव की उपासना और उनके मंत्रों का जाप करें।

3. धारण की विधि

माला में जड़वाना: 

7 मुखी रुद्राक्ष को चांदी, सोना, या ताम्बे की माला में जड़वाना अच्छा होता है। यह माला प्रातःकाल (सुबह सूरज उगने से पहले) स्नान करने के बाद पहननी चाहिए। 

धारण से पहले पूजा: 

रुद्राक्ष पहनने से पहले भगवान शिव की पूजा करें। यह ध्यान रखें कि रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ पहनें।

4. धारण के नियम

स्वच्छता: 

रुद्राक्ष को पहनते समय इसे हमेशा स्वच्छ रखें और अगर संभव हो तो प्रतिदिन इसे साफ करें। 

सोते समय निकालना: 

सोते समय रुद्राक्ष को निकालना अच्छा होता है। इससे रुद्राक्ष की पवित्रता बनी रहती है और इसकी ऊर्जा सही बनी रहती है।

स्वास्थ्य और ध्यान: 

इसे पहनते समय व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से तैयार रहना चाहिए। यह ध्यान और साधना में भी सहायता करता है, इसलिए इसका सही उपयोग सुनिश्चित करें।

5. आध्यात्मिक भावना

श्रद्धा और विश्वास: 

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले व्यक्ति को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए। 

सावधानी: 

रुद्राक्ष का उपयोग करते समय ध्यान रखें कि इसका प्रयोग पवित्र और सकारात्मक उद्देश्य के लिए हो। इसका उपयोग किसी भी धार्मिक अनुष्ठान या पूजा के हिस्से के रूप में किया जा सकता है।

इन विधियों का पालन करने से 7 मुखी रुद्राक्ष के आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। यह न केवल स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा देता है बल्कि आत्मा के साथ गहरे संबंध को भी मजबूत करता है।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 7 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • 7 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
  • हमारी ओर से 7 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

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