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8 Mukhi Rudraksh (अभिमंत्रित 8 मुखी रुद्राक्ष मनका)

Original price was: ₹5,500.00.Current price is: ₹3,815.00.

The 8 Mukhi Rudraksha is associated with the planet Rahu and is believed to house Lord Ganesha. Therefore, it removes career obstacles and ensures success. Additionally, it boosts confidence and provides mental peace. Wearing this Rudraksha is considered as sacred and beneficial as taking a dip in the holy Ganga.

आठ मुखी रुद्राक्ष राहु ग्रह से संबंधित है और भगवान गणेश का वास स्थान माना जाता है। इसलिए, यह करियर की रुकावटों और बाधाओं को दूर करता है। साथ ही, यह आत्मविश्वास बढ़ाने और मन की शांति प्रदान करने में मदद करता है। इसे धारण करना गंगा स्नान जितना पवित्र माना जाता है।

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Wearing an 8 Mukhi Rudraksha offers several benefits:  

  1. The 8 Mukhi Rudraksha is considered a symbol of Lord Ganesha.  
  2. It removes all obstacles and brings success in endeavors.  
  3. It enhances self-confidence, courage, and intelligence.  
  4. The wearer gains stability, prosperity, and good fortune.  
  5. It is highly beneficial for achieving success in business.  
  6. It helps overcome difficulties caused by Rahu.  
  7. It provides relief from the fear of snakes and helps with respiratory issues. 

According to religious beliefs, there are several mythological stories and traditions related to the origin of the 8-faced Rudraksha. One of the prominent beliefs is as follows:

Grace of Lord Shiva:

According to the beliefs about the origin of the 8-faced Rudraksha, this Rudraksha is associated with the eighth form of Lord Shiva. According to religious texts, after the self-immolation of Sati, Lord Shiva decided to bring about death. At that time, he manifested the Rudraksha with eight faces. This Rudraksha symbolizes the eighth form of Lord Shiva, through whom all energies and powers flow.

According to religious traditions, wearing the 8-faced Rudraksha brings peace, prosperity, and success to the soul. This Rudraksha is particularly beneficial for those seeking stability and tranquility in their lives.

How to Wear the 8-Faced Rudraksha

Here is a detailed guide on how to properly wear the 8-faced Rudraksha according to religious traditions:

1. Purity and Cleanliness:

Physical and Mental Cleanliness: 

Before wearing the Rudraksha, it is essential to purify both body and mind. Take a bath and maintain mental purity through meditation and prayer.

Cleaning the Rudraksha: 

Clean the Rudraksha before wearing it by washing it with Ganga water or pure water. Then bathe it in fresh milk. Rinse it again with fresh water and dry it in sunlight.

2. Timing for Wearing:

Auspicious Time: 

The best time to wear the 8-faced Rudraksha is early in the morning, especially during Brahma Muhurta. Mondays and Saturdays are also considered auspicious for wearing it.

3. Mantra Chanting and Prayer:

Mantra: 

Before wearing the Rudraksha, it should be consecrated with the chanting of the following mantras:

     Om Hreem Namah

     or

     Om Namah Shivaya

Ritual: 

Place the Rudraksha on a clean surface and offer prayers. Chant the above mantras while focusing on the Rudraksha and seek blessings from Lord Shiva.

4. Method of Wearing:

How to Wear: 

The 8-faced Rudraksha is ideally worn on a black thread or a silver cord as a mala on the right hand. If wearing it as a ring, place it on the middle finger of the right hand.

Precautions: 

Regularly clean the Rudraksha while wearing it and ensure that it does not fall off.

5. Care of the Rudraksha:

Cleaning: 

Keep the Rudraksha clean by regularly washing it with Ganga water or pure water and drying it in the sun.

Storage: 

When not wearing it, store the Rudraksha in a clean and sacred place, keeping it away from negative energies.

6. Rituals and Rules:

Rituals: 

Some people perform special rituals, such as chanting and praying for 4, 7, 11, or 21 days continuously, to maximize the positive effects of the Rudraksha.

Rules: 

After wearing the Rudraksha, avoid negative emotions like anger and insensitivity.

By following these guidelines, the 8-faced Rudraksha can be worn correctly, and its religious and spiritual benefits can be fully realized.

Additional Information :

  • The 8-faced Rudraksha bead is consecrated by touching it to the sacred Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Dham and is then blessed by the renowned scholars of Kashi. This process bestows it with special power and beneficial energy.
  • It may take 3 to 4 days to consecrate and empower the 8-faced Rudraksha bead. Therefore, the materials will be dispatched 7 days after the order is received. You will be informed about this process via message, WhatsApp, or call.
  • On our part, the 8-faced Rudraksha bead is completely purified and consecrated (empowered). However, its results depend on the individual’s intention and purpose. Therefore, it is essential for the purpose to be correct; otherwise, the desired results may not be achieved. The outcome is in the hands of God.

Product Description in Hindi : 

आठ मुखी रुद्राक्ष पहनने से कई फ़ायदे होते हैं: 

1 – आठ मुखी रुद्राक्ष को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है. 

2 – आठ मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की सभी बाधाएं दूर होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है. 

3 – आठ मुखी रुद्राक्ष आत्मविश्वास, साहस, और बुद्धिमानी को बढ़ाता है. 

4 – आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को स्थिरता, समृद्धि, और शुभता की प्राप्ति होती है. 

5 – बिज़नेस में सफलता पाने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष काफ़ी फ़ायदेमंद होता है. 

6 – राहु जनित परेशानियों से बचने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष बहुत फ़ायदेमंद होता है. 

7 – सर्पभय से छुटकारा दिलाता है और श्वास संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना फ़ायदेमंद होता है.

धार्मिक मान्यता के अनुसार 8 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से संबंधित कई पौराणिक कथाएँ और परंपराएँ हैं। इनमें से एक प्रमुख मान्यता निम्नलिखित है:

भगवान शिव की कृपा से उत्पत्ति:

8 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति से जुड़ी मान्यता के अनुसार, यह रुद्राक्ष भगवान शिव के आठवे रूप से जुड़ा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान शिव ने सती के आत्मदाह के बाद उनके लिए मृत्यु का निर्णय लिया, तो उन्होंने आठ मुखों वाला रुद्राक्ष प्रकट किया। यह रुद्राक्ष भगवान शिव के आठवें स्वरूप, जिनके द्वारा सबको शक्तियों और ऊर्जा का प्रवाह प्राप्त होता है, का प्रतीक है।

धार्मिक परंपराओं के अनुसार, 8 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से व्यक्ति की आत्मा को शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी माना जाता है, जो अपनी जिंदगी में स्थिरता और सौम्यता की तलाश में होते हैं।

8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए विशेष विधियाँ और नियम हैं जो धार्मिक परंपराओं के अनुसार अनुसरण किए जाते हैं। 

यहां 8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि विस्तार से दी गई है:

1. शुद्धता और स्वच्छता:

शारीरिक और मानसिक स्वच्छता: 

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले, अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आवश्यक है। इसे करने के लिए, स्नान करके और मानसिक रूप से शुद्ध रहकर ध्यान और प्रार्थना करें।

रुद्राक्ष की सफाई: 

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या शुद्ध पानी से धो लें और फिर ताजे दूध से स्नान कराएं। इसके बाद उसे ताजे जल से पुनः धो लें और इसे धूप में सुखा लें।

2. धारण करने का समय:

शुभ समय: 

8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सबसे अच्छा समय प्रातः काल (सुबह के समय) होता है, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त के समय। सोमवार और शनिवार भी इसके लिए शुभ माने जाते हैं।

3. मंत्र जाप और प्रार्थना:

मंत्र: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे निम्नलिखित मंत्रों के जाप के साथ पूजनीय बनाना चाहिए:

     ॐ ह्लीं नमः  

     या

     ॐ नमः शिवाय 

पूजा विधि: 

रुद्राक्ष को एक साफ स्थान पर रखें और उसका ध्यान करें। इसके बाद उपरोक्त मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप के दौरान ध्यान केंद्रित करें और भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।

4. धारण की विधि:

धारण करने का तरीका: 

8 मुखी रुद्राक्ष को दाहिने हाथ में एक काले धागे या चांदी की डोरी से माला में पिरोकर पहनना सबसे अच्छा होता है। अगर आप इसे अंगूठी के रूप में पहनना चाहते हैं, तो इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली (मध्य अंगुली) पर पहनें।

सावधानियाँ: 

रुद्राक्ष को पहनने के दौरान इसे नियमित रूप से साफ करें और विशेष ध्यान दें कि यह गिर न जाए।

5. रुद्राक्ष की देखभाल:

साफ-सफाई: 

रुद्राक्ष को नियमित रूप से साफ रखें। इसे गंगाजल या शुद्ध जल से धो सकते हैं और धूप में सुखा सकते हैं।

संग्रहण: 

जब रुद्राक्ष को न पहनें, तो इसे एक साफ और पवित्र स्थान पर रखें। इसे किसी भी नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखें।

6. अनुष्ठान और नियम:

अनुष्ठान: 

कुछ लोग विशेष अनुष्ठान भी करते हैं, जैसे 4, 7, 11 या 21 दिनों तक लगातार जाप और पूजा करना, ताकि रुद्राक्ष के सकारात्मक प्रभाव अधिकतम प्राप्त किए जा सकें।

नियम: 

रुद्राक्ष को पहनने के बाद, असंवेदनशीलता, क्रोध और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए।

इन विधियों का पालन करके, 8 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण किया जा सकता है और इसके धार्मिक और आध्यात्मिक लाभों का अधिकतम लाभ प्राप्त किया जा सकता है।

अतिरिक्त जानकारियां :

  • 8 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर, विश्व प्रसिद्ध काशी के विद्वान् पंडितों द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया से इसे विशेष शक्ति और कल्याणकारी ऊर्जा प्राप्त होती है।
  • 8 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 3 से 4 दिन का समय लग सकता है। इसलिए, सामग्री ऑर्डर प्राप्ति के 7 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी। इस प्रक्रिया की सूचना आपको मैसेज, व्हाट्सएप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी।
  • हमारी ओर से 8 मुखी रुद्राक्ष मनका पूर्णत: शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) किया जाता है। हालाँकि, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना और उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए, उद्देश्य सही होना आवश्यक है; अन्यथा, परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है। फल भगवान के हाथ में है।

 

Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.

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