Product Description in Hindi :
9 मुखी रुद्राक्ष (9-faced Rudraksha) का महत्व विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से हिंदू धर्म में एक शक्तिशाली और दिव्य आभूषण के रूप में माना जाता है।
यहाँ 9 मुखी रुद्राक्ष के महत्व को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है:
- देवी दुर्गा की कृपा का प्रतीक:
9 मुखी रुद्राक्ष देवी दुर्गा के नौ रूपों (नवदुर्गा) का प्रतीक है। इसे धारण करने से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जो शक्ति, सुरक्षा, और समृद्धि की देवी हैं। यह रुद्राक्ष भक्त को जीवन में सुख, शांति, और विजय प्राप्त करने में मदद करता है।
- मानसिक और आध्यात्मिक बल:
इस रुद्राक्ष के नियमित उपयोग से मानसिक और आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है। यह ध्यान और साधना में सहायता करता है, जिससे आत्मा की शांति और स्थिरता बढ़ती है। यह साधक को शांति और आत्म-विश्वास प्रदान करता है।
- सभी दोषों और बुराइयों से मुक्ति:
9 मुखी रुद्राक्ष को दोषों और बुराइयों से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है। यह रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा और अशुभ प्रभावों से रक्षा करता है, जिससे जीवन में शांति और संतुलन बना रहता है।
- महाकाल की विशेष कृपा:
कहते हैं कि 9 मुखी रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के महाकाल रूप से जुड़ी है। यह रुद्राक्ष जीवन की कठिनाइयों और मृत्यु के भय से मुक्ति प्राप्त करने में मदद करता है, और भक्त को साहस और बल प्रदान करता है।
- त्रिदेवों का आशीर्वाद:
इस रुद्राक्ष को त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) के आशीर्वाद से उत्पन्न माना जाता है। इसे पहनने से त्रिदेवों की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन में सभी प्रकार की समस्याओं और संकटों का समाधान करती है।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य:
9 मुखी रुद्राक्ष पहनने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह तनाव कम करने, मानसिक शांति प्राप्त करने, और आत्म-विश्वास बढ़ाने में सहायक होता है।
- जीवन में सफलता और समृद्धि:
इस रुद्राक्ष के उपयोग से व्यक्ति की जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। यह व्यक्ति को बल और ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति संभव होती है।
- सुरक्षा और संरक्षण:
9 मुखी रुद्राक्ष को सुरक्षा और संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है। यह व्यक्ति को बुरी नजरों और नकारात्मक प्रभावों से बचाता है।
इन मान्यताओं और लाभों के आधार पर, 9 मुखी रुद्राक्ष को एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली आभूषण माना जाता है, जो जीवन में मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उपयोगी है।
9 मुखी रुद्राक्ष (9-faced Rudraksha) को धारण करने की विधि धार्मिक परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार की जाती है।
यहाँ 9 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण करने की विधि दी गई है:
- शुद्धता और स्वच्छता:
– शारीरिक और मानसिक स्वच्छता: 9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से पहले, अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आवश्यक है। इसके लिए, स्नान करें और मानसिक रूप से शुद्धता के लिए ध्यान और प्रार्थना करें।
– रुद्राक्ष की सफाई: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या शुद्ध पानी से धोएं। फिर ताजे दूध से स्नान कराएं। इसके बाद उसे पुनः शुद्ध जल से धो लें और धूप में सुखा लें।
- धारण करने का समय:
– शुभ समय: 9 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे शुभ समय प्रातःकाल (सुबह) होता है, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त के समय। सोमवार और शनिवार भी इसके लिए विशेष रूप से शुभ दिन माने जाते हैं।
- मंत्र जाप और प्रार्थना:
– मंत्र: रुद्राक्ष को धारण करने से पहले इसे निम्नलिखित मंत्रों के जाप के साथ पवित्र करना चाहिए:
ॐ ह्लीं नमः
या
ॐ नमः शिवाय
इन मंत्रों के जाप से रुद्राक्ष को विशेष शक्ति और प्रभाव प्रदान किया जा सकता है।
– पूजा विधि: रुद्राक्ष को एक साफ स्थान पर रखें और उसकी पूजा करें। फिर उपरोक्त मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप के दौरान ध्यान केंद्रित करें और भगवान शिव या देवी दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करें।
- धारण की विधि:
– धारण करने का तरीका: 9 मुखी रुद्राक्ष को दाहिने हाथ में काले धागे या चांदी की डोरी में पिरोकर पहनना सबसे अच्छा होता है। अगर इसे अंगूठी के रूप में पहनना है, तो इसे दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली (मध्य अंगुली) पर पहनें।
– सावधानियाँ: रुद्राक्ष को पहनने के दौरान इसे नियमित रूप से साफ करें और यह सुनिश्चित करें कि यह न गिर जाए।
- रुद्राक्ष की देखभाल:
– साफ-सफाई: रुद्राक्ष को नियमित रूप से गंगाजल या शुद्ध जल से धोएं और धूप में सुखाएं। इसे साफ और पवित्र स्थान पर रखें।
– संग्रहण: जब रुद्राक्ष को न पहनें, तो इसे एक स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें। इसे नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखें।
- अनुष्ठान और नियम:
– अनुष्ठान: कुछ लोग विशेष अनुष्ठान भी करते हैं, जैसे कि 4, 7, 11, या 21 दिनों तक लगातार मंत्र जाप और पूजा करना, ताकि रुद्राक्ष के प्रभाव को अधिकतम किया जा सके।
– नियम: रुद्राक्ष पहनने के बाद, असंवेदनशीलता, क्रोध, और नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए।
इन विधियों और नियमों का पालन करके, 9 मुखी रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण किया जा सकता है और इसके धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
अतिरिक्त जानकारियां :
9 मुखी रुद्राक्ष मनका काशी विश्वनाथ धाम में पवित्र ज्योतिर्लिंग से स्पर्श कराकर विश्व विख्यात काशी के विद्वान् पण्डितों द्वारा इसे अभिमंत्रित किया जाता है ।
- 9 मुखी रुद्राक्ष मनका को अभिमंत्रित और सिद्ध करने में 2 से 3 दिन का समय लग सकता है । इस वजह से सामग्री ऑर्डर प्राप्ति से 3 दिन बाद डिस्पैच की जाएगी जिसकी सूचना मैसेज, व्हाट्सअप या कॉल द्वारा दे दी जाएगी ।
- हमारी तरफ से 9 मुखी रुद्राक्ष मनका को पूर्णतः शुद्ध और अभिमंत्रित (सिद्ध) करके दिया जाता है, इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । 9 मुखी रुद्राक्ष मनका को धारण करने की सम्पूर्ण विधि इसके लाभ और सम्पूर्ण जानकारियां ऊपर दी हुई हैं जिससे धारण करने वाले के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इसे धारण करना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी सामग्री या वस्तु आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः सामग्रियों या उपायों के अधीन न रहें, धन्यवाद।
Disclaimer : The photo used is for illustrative purposes only. Actual content may differ from this photo.
Product Description in English :
The 9-faced Rudraksha (9 Mukhi Rudraksha) holds significant importance in various religious and spiritual beliefs. It is regarded as a powerful and divine ornament in Hinduism. Here is a summary of the importance of the 9-faced Rudraksha:
Importance of 9-faced Rudraksha:
- Symbol of Goddess Durga’s Grace:
The 9-faced Rudraksha symbolizes the nine forms of Goddess Durga (Navadurga). Wearing it is believed to bring special blessings from Goddess Durga, who is the deity of power, protection, and prosperity. This Rudraksha helps devotees achieve happiness, peace, and victory in life.
- Mental and Spiritual Strength:
Regular use of this Rudraksha enhances mental and spiritual strength. It supports meditation and spiritual practices, leading to increased peace and stability of the soul. It provides tranquility and self-confidence to the practitioner.
- Freedom from Defects and Evils:
The 9-faced Rudraksha is considered highly effective for freeing oneself from defects and evils. It protects against negative energy and inauspicious influences, maintaining peace and balance in life.
- Special Grace of Mahakal:
It is said that the 9-faced Rudraksha is connected to Lord Shiva in his Mahakal form. This Rudraksha helps overcome life’s difficulties and the fear of death, providing courage and strength to devotees.
- Blessings of the Trimurti:
This Rudraksha is believed to have been created with the blessings of the Trimurti (Brahma, Vishnu, and Shiva). Wearing it bestows the grace of the Trimurti, helping to resolve various problems and crises in life.
- Physical and Mental Health:
Wearing the 9-faced Rudraksha improves physical and mental health. It aids in reducing stress, achieving mental peace, and boosting self-confidence.
- Success and Prosperity in Life:
The use of this Rudraksha brings success and prosperity in life. It provides strength and energy, facilitating progress in various areas of life.
- Protection and Safety:
The 9-faced Rudraksha is considered a significant tool for protection and safety. It shields the wearer from negative influences and harmful energies.
Based on these beliefs and benefits, the 9-faced Rudraksha is regarded as a highly important and influential ornament, useful for mental, physical, and spiritual advancement.
Method of Wearing 9-faced Rudraksha:
- Purity and Cleanliness:
– Physical and Mental Cleanliness: Before wearing the 9-faced Rudraksha, it is essential to purify both the body and mind. Take a bath and engage in meditation and prayer to achieve mental purity.
– Cleaning the Rudraksha: Clean the Rudraksha with Ganges water or pure water. Then bathe it in fresh milk. Afterward, rinse it again with pure water and dry it in the sunlight.
- Timing for Wearing:
– Auspicious Time: The most auspicious time to wear the 9-faced Rudraksha is early morning (dawn), especially during Brahma Muhurta. Mondays and Saturdays are also considered particularly favorable days for wearing it.
- Mantra Chanting and Prayer:
– Mantra: Before wearing the Rudraksha, it should be sanctified with the chanting of the following mantras:
ॐ ह्लीं नमः
or
ॐ नमः शिवाय
Chanting these mantras can imbue the Rudraksha with special power and influence.
– Worship Procedure: Place the Rudraksha in a clean space and perform its worship. Chant the above mantras. During mantra chanting, focus your attention and pray for blessings from Lord Shiva or Goddess Durga.
- Method of Wearing:
– How to Wear: It is best to thread the 9-faced Rudraksha onto a black thread or silver cord and wear it on the right hand. If wearing it as a ring, it should be worn on the middle finger of the right hand.
– Precautions: Regularly clean the Rudraksha and ensure it does not fall off while wearing.
- Care of Rudraksha:
– Cleaning: Regularly clean the Rudraksha with Ganges water or pure water and dry it in the sunlight. Keep it in a clean and sacred place.
– Storage: When not wearing, store the Rudraksha in a clean and holy place. Keep it away from negative energies.
- Rituals and Rules:
– Rituals: Some people perform special rituals, such as continuous mantra chanting and worship for 4, 7, 11, or 21 days, to maximize the Rudraksha’s effects.
– Rules: After wearing the Rudraksha, one should avoid insensitivity, anger, and negative emotions.
By following these methods and rules, the 9-faced Rudraksha can be worn correctly, and its religious and spiritual benefits can be fully realized.
Additional Information:
The Nine-Mukhi Rudraksha bead is consecrated by touching it to the holy Jyotirlinga at Kashi Vishwanath Temple and then ritually energized by renowned scholars of Kashi.
It may take 2 to 3 days to consecrate and energize the Nine-Mukhi Rudraksha bead. Therefore, the dispatch of the item will occur 3 days after the order is received, and you will be notified of this via message, WhatsApp, or call.
We provide the Nine-Mukhi Rudraksha bead as fully purified and consecrated. Its effectiveness depends on the individual’s intentions, purpose, and proper use. The complete method for wearing the Nine-Mukhi Rudraksha and all related information have been provided above to ensure there is no doubt in the wearer’s mind. While 99 out of 100 people experience positive results, the outcome depends on the wearer’s intentions, planetary conditions, luck, and destiny. If the intention or purpose is not correct, or if it does not align with divine will, the expected results may not manifest. The results are ultimately in the hands of the divine. We are merely facilitators; performing actions is our duty, but delivering results is in the hands of the divine. Any item or object is just an aid; do not rely entirely on materials or remedies alone. Thank you.