Detailed Information in Hindi :
इस विशेष अनुष्ठान के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:
अनुष्ठान की विधि:
- स्नान और शुद्धि:
– सबसे पहले, स्वच्छता और शुद्धता के लिए स्नान करें और पवित्रता बनाए रखें।
- स्थल तैयार करना:
– एक शांत और पवित्र स्थान चुनें जहाँ आप ध्यान और जाप कर सकें।
- गुरु और देवता की पूजा:
– गुरु और बुध देवता की पूजा करें। उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करें और उन्हें आमंत्रित करें।
- मंत्र जाप:
– मुख्य मंत्र: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः बुधाय नमः”
– जाप की संख्या 36,000 है, जिसे आप एक दिन में पूरा कर सकते हैं या इसे कई दिनों में बाँट सकते हैं।
– मंत्र जाप के दौरान, माला का उपयोग करना लाभकारी होता है। एक माला में 108 मनके होते हैं, इसलिए 36,000 जाप के लिए आपको 333 माला पूरी करनी होंगी।
- उपवास और व्रत:
– अनुष्ठान के दौरान उपवास और व्रत रखना भी आम है, विशेष रूप से बुधवार को, जो बुध ग्रह का दिन होता है।
- अभिषेक और हवन:
– अनुष्ठान के अंत में, बुध देवता के लिए अभिषेक और हवन भी किया जा सकता है। हवन में हरी वस्त्र, हरी चने की दाल, और अन्य विशेष सामग्री का उपयोग किया जाता है।
- दान और फल:
– अंत में, हरी वस्तुएं, जैसे हरी चने की दाल, हरी वस्त्र, या हरी सब्जियाँ दान करना उत्तम होता है।
ध्यान दें:
– इतनी बड़ी संख्या में मंत्र जाप करने के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहना आवश्यक है।
– यदि संभव हो, तो इस अनुष्ठान को किसी अनुभवी पंडित या वैदिक विद्वान की सहायता से करें।
इस प्रकार की साधना एक गहन और समर्पणपूर्ण प्रयास होती है, जो विशेष ध्यान और धैर्य की आवश्यकता होती है।
विशेष ध्यान दें:
– आध्यात्मिक भावना: अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें।
– शुद्धता: पूजा और अनुष्ठान के दौरान शुद्धता बनाए रखें।
– गुरु का मार्गदर्शन: यदि संभव हो, तो किसी योग्य गुरु या तांत्रिक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। अथवा काशीपुरम के माध्यम से इस अनुष्ठान को कराने पर आपको योग्य गुरु का सानिध्य प्रदान कराया जाएगा।
– काशीपुरम द्वारा अनुष्ठान कराये जाने पर अनुष्ठान सामग्री की व्यवस्था काशीपुरम ही करता है जिसके लिए अलग से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी।
अतिरिक्त जानकारियां :
– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा ।
– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा।
– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है , इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । अनुष्ठान की संक्षिप्त विधि इसके लाभ और संक्षिप्त जानाक्रियां ऊपर दी हुई हैं जिससे अनुष्ठान कराने वाले भक्त के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इस अनुष्ठान को कराना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी अनुष्ठान आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः अनुष्ठानों या उपायों के अधीन न रहें,
धन्यवाद !
Detailed Information in English :
For this specific ritual, the following steps can be followed:
Method of the Ritual:
- Bathing and Purification:
– First, bathe for cleanliness and maintain purity.
- Preparing the Space:
– Choose a quiet and sacred space where you can meditate and recite the mantras.
- Worship of Guru and Deity:
– Perform worship of the Guru and the planet Mercury (Budh). Show reverence and invite them.
- Mantra Recitation:
– Main Mantra: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः बुधाय नमः”
– The recitation count is 36,000, which can be completed in one day or spread over several days.
– During the recitation, using a mala (rosary) is beneficial. A mala contains 108 beads, so for 36,000 recitations, you would need to complete 333 malas.
- Fasting and Vows:
– It is also common to observe fasting and vows during the ritual, especially on Wednesdays, which is the day associated with Mercury.
- Abhishek and Havan:
– At the end of the ritual, perform an abhishek (ritual bathing) and havan (fire sacrifice) for Mercury. Havan involves using green cloth, green gram dal, and other special materials.
- Charity and Offerings:
– Finally, it is auspicious to make offerings of green items, such as green gram dal, green cloth, or green vegetables.
Note:
– It is essential to be mentally and physically prepared for such a large number of mantra recitations.
– If possible, seek the assistance of an experienced priest or Vedic scholar for the ritual.
Such a practice is a profound and dedicated effort that requires special attention and patience.
Special Notes:
– Spiritual Attitude: Conduct the ritual with full devotion and faith.
– Purity: Maintain purity throughout the ritual and worship.
– Guidance from a Guru: If possible, seek guidance from a qualified guru or tantric. Alternatively, Kashi Puram will arrange for a qualified guru to assist with the ritual.
– Material Arrangement by Kashi Puram: Kashi Puram will provide all ritual materials, with no additional fee. For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.
Additional Information:
– The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.
– After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.
– The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities, and its effectiveness depends on the practitioner’s intent, purpose, and proper use. The brief procedure and benefits provided are meant to address any doubts. Typically, 99 out of 100 individuals experience positive results. The outcome depends on the practitioner’s intention, home conditions, fortune, and destiny. If the intention is not correct or if nature or divine will does not support it, the result may not be achieved. The outcome is in the hands of the divine. We are mere servants of the divine, our duty is to perform the ritual, and the results are in the hands of God. Rituals are meant to assist, but do not rely entirely on them.
Thank you !