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नई दुकान/व्यापार/ऑफिस शुभारंभ अनुष्ठान (New Shop/Business/Office Opening Ritual)

Original price was: ₹4,678.00.Current price is: ₹4,068.00.

यदि आप कोई नयी दुकान या ऑफिस की शुरुआत कर रहे है तो आप निश्चित ही चाहेंगे की आपका व्यापार बढे , आपको अच्छा लाभ हो | जब भी हम कोई नया कार्य शुरू करते है तो हम चाहते है की भगवान का आशीर्वाद हम पर बना रहे और जो कार्य हम शुरू कर रहे है उसमें हमें सफलता मिले | दुकान, ऑफिस या कोई भी नया व्यापार शुरू करने के लिए विधि विधान से पूजा करना श्रेष्ठ रहता है | 

नया व्यापार शुरू करने पर विघ्नहरण गणेश जी की, धन की देवी माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है | इस पूजा में स्थान की शुद्धि, वास्तु दोष के निवारण के लिए नवग्रह आदि की पूजा की जाती है | भगवान गणेश जी आपके व्यापार को आशीर्वाद प्रदान करते है जिससे आपके व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है | माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से आपके व्यापार में धन की कभी कमी नहीं होती है | पूजा के द्वारा आपके व्यापार के स्थान पर सकारात्मकता रहती है और आप पूरे मन से कार्य करते है जिससे आपका व्यापार तेजी से तरक्की करता है ।

 

यदि आप ऑफिस, दुकान या कोई अन्य तरह से व्यापार शुरू करने का प्लान कर रहे है और उसके लिए पूजा करवाना चाहते हैं तो आपके लिए काशीपुरम एक बेहतर विकल्प है | काशीपुरम एक धार्मिक ई काॅमर्स प्लेटफॉर्म है जहाँ पर आप एक ही जगह पर पूजा से सबंधित सभी समाधान पा सकते है | काशीपुरम में हम आपकी भाषा और क्षेत्र के आधार पर आपको पंडित की व्यवस्था करते हैं या काशी के विद्वान ब्राह्मण द्वारा यह पूजा संपन्न कराते हैं जिससे आप घर से कितनी भी दूर हों, अपनी भाषा में पूजन करवाकर या काशी के ब्राह्मण द्वारा पूजन कराकर भगवान से अपने व्यापार की उन्नति के लिए आशीर्वाद मांग सकते है | 

 

If you are starting a new shop or office, you certainly wish for your business to grow and be profitable. Whenever we start a new venture, we desire the blessings of God for success in our new endeavor. Performing rituals and ceremonies according to traditional practices is considered best when starting a new business.

 

When starting a new business, it is common to worship Lord Ganesha, the deity of removing obstacles; Goddess Lakshmi, the deity of wealth; and Lord Kuber, the god of prosperity. This worship involves purifying the location, addressing any Vastu defects, and performing rituals for the nine planets (Navagraha). Lord Ganesha’s blessings help remove obstacles in your business, while Goddess Lakshmi’s blessings ensure that there is no shortage of wealth. Through these rituals, positive energy is maintained in the business space, allowing you to work with a focused mind and achieve rapid progress in your business.

 

If you are planning to start an office, shop, or any other type of business and wish to perform a ritual, KashiPuram is an excellent option. KashiPuram is a religious e-commerce platform where you can find all solutions related to rituals in one place. KashiPuram arranges for priests based on your language and region or conducts the rituals through learned Brahmins from Kashi, ensuring that you can perform the rituals in your language and receive blessings from God for the success of your business, no matter how far you are from home.

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Detailed Information in Hindi :

ऑफिस और दुकान के किस स्थान पर पूजा करें ? 

वास्तु के अनुसार पूजा के लिए ईशान कोण यानि की उत्तर पूर्व दिशा को सबसे अच्छा बताया गया है | ईशान कोण में की गयी पूजा शुभ फलदायी होती है और आपके ऑफिस, दुकान और व्यापार की उन्नति होती है| पूजा आप पूर्व की ओर मुख करके या उत्तर दिशा की ओर मुख करके कर सकते है | 

दुकान और ऑफिस की पूजा के लिए सामग्री : 

ऑफिस , दुकान या नए व्यापार की ओपनिंग पर पूजा के लिए जिन सामग्री की जरुरत होती है वो पूरी सामग्री काशीपुरम द्वारा ब्राह्मण को प्रदान कर दी जाती है, जिसका कोई भी शुल्क अलग से नहीं लिया जाता है । सामग्री के अतिरिक्त और जो भी पूजा से सूबंधित व्यवस्था आपको अपनी तरफ से करनी होती है उसकी विस्तृत जानकारी नीचे प्रदान की गयी है ।

ऑफिस की पूजा थाली कैसे सजाते है ?

ऑफिस की पूजा की थाली में सुपारी पर मोली बाँध कर गणेश जी को बीच में रखें | पूजा की थाली में रोली, मोली, चावल, सुपारी रखें | पूजन के लिए दीपक में घी डालकर एवं बत्ती लगाकर रखें | एक दीपक में धुप रखकर कपूर रखे | यह सारी व्यवस्था हमारे ब्राह्मण द्वारा की जाएगी ।

दुकान और ऑफिस शुरू करने की पूजन विधि :

हमारे ब्राह्मण पुरोहित द्वारा पूजन की जो विधि होती है उसका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है :

 सबसे पहले दुकान के उस स्थान जहाँ पर पूजा करनी है उस स्थान को साफ़ करके वहां पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उस पर चौकी बिछाएं | 

 चौकी पर गंगाजल छिड़ककर उस पर कपड़ा बिछाएं | 

 अब गणेश जी लक्ष्मी जी, सरस्वती माता एवं कुबेर जी की मूर्ति स्थापित करें | 

 चौकी के बगल में ही कलश रखें | 

 अब सबसे पहले कलश पूजन करें | 

 अब दीपक प्रज्जवलित करके सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें | 

 गणेश जी को रोली, मोली, चावल, दोब अर्पित करें | 

 इसी तरह माता लक्ष्मी एवं कुबेर जी का पूजन करें | 

 अंत में सभी देवताओं को माला पहनाकर उन्हें मिठाई का भोग लगाएं | 

 अब दक्षिणा के रूप में रूपये चढ़ाएं | 

 अब अंत में खड़े होकर गणेश जी की एवं माता लक्ष्मी जी की आरती करें | 

 अब अंत में सभी कुछ फूल और चावल हाथ में लेकर लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करें |    

नया व्यापार या ऑफिस खोलने के लिए पूजा का महत्व : 

ऑफिस और दुकान शुरू करने से पहले भगवान की पूजा से सभी विघ्न दूर होते है और आप जिन उद्देश्यों के लिए अपना ऑफिस, दुकान या व्यापार शुरू कर रहे है उसमें सफलता मिलती है | 

दुकान और ऑफिस की पूजा के नियम : 

 ऑफिस और दुकान की शुरुआत हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए | 

 लक्ष्मी जी की मूर्ति खड़ी स्थिति में होनी चाहिए | 

 लक्ष्मी जी की मूर्ति गणेश जी के दायीं ओर स्थित होनी चाहिए । (मूर्ति यजमान अर्थात आपको खरीदकर पहले से रखनी होगी) ।

 सीलन, गंदगी नहीं होनी चाहिए | 

 पूजा ईशान कोण में करनी चाहिए | 

 पूजा के लिए स्नान करके बैठना चाहिए | 

 पूजा के लिए ताजे फूलों का उपयोग करना चाहिए | 

ऑफिस या दुकान की पूजा के लाभ 

 ऑफिस में सकारात्मक माहौल रहता है | 

 व्यापार में बरकत होती है | 

 ऑफिस में सभी के बीच अच्छा तालमेल रहता है | 

 व्यापार में आ रही बाधाएं दूर होती है | 

 आर्थिक उन्नति होती है | 

ऑफिस की पूजा की बुकिंग कैसे करें ?

आप यदि नया ऑफिस/दुकान या अन्य व्यापार शुरू करने जा रहे है तो इसकी शुरुआत आपको भगवान के आशीर्वाद से करनी चाहिए | यदि आप सोच रहे है की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त कौन निकालेगा, पंडित की व्यवस्था कैसे होगी, पूजा सामग्री की व्यवस्था कैसे होगी तो परेशान ना हो | नीचे दिए गए बुक बटन पर क्लिक करके पूजा बुक करें और निश्चिंत हो जाएं | हम आपकी पूजा की पूरी व्यवस्था करेंगे जिससे आप अपना ध्यान अन्य कार्यों पर लगा सकते है | 

विशेष ध्यान दें:

– आध्यात्मिक भावना: अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें।

– शुद्धता: पूजा और अनुष्ठान के दौरान शुद्धता बनाए रखें।

– गुरु का मार्गदर्शन: यदि संभव हो, तो किसी योग्य गुरु या तांत्रिक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। अथवा काशीपुरम के माध्यम से इस अनुष्ठान को कराने पर आपको योग्य गुरु का सानिध्य प्रदान कराया जाएगा। 

– काशीपुरम द्वारा अनुष्ठान कराये जाने पर अनुष्ठान सामग्री की व्यवस्था काशीपुरम ही करता है जिसके लिए अलग से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी। 

अतिरिक्त जानकारियां : 

– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा । 

– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा। 

– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है , इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । अनुष्ठान की संक्षिप्त विधि इसके लाभ और संक्षिप्त जानाक्रियां ऊपर दी हुई हैं जिससे अनुष्ठान कराने वाले भक्त के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इस अनुष्ठान को कराना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी अनुष्ठान आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः अनुष्ठानों या उपायों के अधीन न रहें, 

धन्यवाद !

Detailed Information in English :

Where to Perform the Ritual in Your Office or Shop:

According to Vastu, the northeast direction, known as the Ishan corner, is considered the most auspicious for performing rituals. Performing the ritual in this direction is believed to bring positive outcomes and enhance the growth of your office, shop, or business. You can face east or north while performing the ritual.

Materials Needed for the Ritual:

For the opening ritual of an office, shop, or new business, all necessary materials are provided by KashiPuram at no extra cost. Detailed information on additional arrangements required from your side is given below.

How to Arrange the Puja Plate for the Office:

In the puja plate for the office, place a betel nut with a red thread (moli) in the center, representing Lord Ganesha. Include items like roli, moli, rice, and betel nut. Place ghee in a lamp and light the wick. Also, place incense and camphor in a separate lamp. Our Brahmins will handle all these arrangements.

Ritual Procedure for Starting a Shop or Office:

  1. Clean the area where the ritual will be performed and draw a swastika symbol. Set up a platform (chowki) there.
  2. Sprinkle holy water (Gangajal) on the platform and place a cloth over it.
  3. Install idols of Lord Ganesha, Goddess Lakshmi, Goddess Saraswati, and Lord Kuber on the platform.
  4. Place a pitcher (Kalash) next to the platform.
  5. Begin with the Kalash Puja.
  6. Light the lamp and first perform the worship of Lord Ganesha.
  7. Offer roli, moli, rice, and doubled leaves to Lord Ganesha.
  8. Similarly, perform the worship of Goddess Lakshmi and Lord Kuber.
  9. Finally, offer garlands and sweets to all deities.
  10. Donate money as a form of Dakshina.
  11. Perform the Aarti for Lord Ganesha and Goddess Lakshmi.
  12. Conclude by offering flower and rice petals to the idols.

Importance of the Ritual for New Business or Office:

Performing the ritual before starting an office or shop removes obstacles and helps achieve success in your new venture.

Rules for the Ritual:

– Begin the office or shop at an auspicious time.

– The idol of Goddess Lakshmi should be in a standing position and placed to the right of Lord Ganesha (the idol should be bought in advance).

– The area should be clean and free from dampness.

– Perform the ritual in the northeast direction.

– Bathe before the ritual and use fresh flowers for the puja.

Benefits of the Ritual for Your Office/Shop :

– Creates a positive atmosphere.

– Ensures prosperity in business.

– Fosters good harmony among employees.

– Removes obstacles in business.

– Promotes financial growth.

How to Book the Ritual for Your Office/Shop :

If you are starting a new office/shop or other business, begin with the blessings of God. If you are concerned about finding an auspicious time, arranging a priest, or sourcing materials, don’t worry. Click the booking button below to arrange your ritual, and we will handle all the arrangements, allowing you to focus on other tasks.

Special Notes:

   – Spiritual Attitude: Conduct the ritual with full devotion and faith.

   – Purity: Maintain purity throughout the ritual and worship.

   – Guidance from a Guru: If possible, seek guidance from a qualified guru or tantric. Alternatively, Kashi Puram will arrange for a qualified guru to assist with the ritual.

   – Material Arrangement by Kashi Puram: Kashi Puram will provide all ritual materials, with no additional fee. For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.

Additional Information:

   – The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.

   – After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.

   – The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities, and its effectiveness depends on the practitioner’s intent, purpose, and proper use. The brief procedure and benefits provided are meant to address any doubts. Typically, 99 out of 100 individuals experience positive results. The outcome depends on the practitioner’s intention, home conditions, fortune, and destiny. If the intention is not correct or if nature or divine will does not support it, the result may not be achieved. The outcome is in the hands of the divine. We are mere servants of the divine, our duty is to perform the ritual, and the results are in the hands of God. Rituals are meant to assist, but do not rely entirely on them.

Thank you !

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