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रुद्राभिषेक षडंग – 1 ब्राह्मण (Rudrabhishek Shadang – 1 Brahmin)

Original price was: ₹6,864.00.Current price is: ₹5,720.00.

रुद्राभिषेक षडंग एक धार्मिक अनुष्ठान है जो खासकर शिव पूजा के दौरान किया जाता है। “षडंग” का अर्थ है “छह अंग” या “छह भाग”। इस पूजा में भगवान शिव को विशेष प्रकार से अभिषेक (पवित्र जल या अन्य पदार्थों से स्नान) कराया जाता है और इस दौरान विभिन्न प्रकार के सामग्री और विधियाँ प्रयोग की जाती हैं। यह पूजा विशेष रूप से बुराई और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए की जाती है और इसमें विशेष मंत्रोच्चारण, हवन, और धार्मिक अनुष्ठान शामिल होते हैं। इस अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव को प्रसन्न करना और जीवन में शांति और समृद्धि प्राप्त करना होता है।

काशी क्षेत्र में रुद्राभिषेक कराने का अर्थ होता है कि आपने महादेव का साक्षात अभिषेक कर दिया ।  काशी क्षेत्र स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती की बाल्यस्थली एवं तपोस्थली बिछुड़न नाथ महादेव धाम एवं गोमती एवं गंगा के संगम तट पर स्थित मारकण्डेय ॠषि की तपोस्थली मारकण्डेय महादेव धाम पर रुद्राभिषेक कराने पर आश्चर्यजनक रूप से  मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं । हलांकि यह संयोग महादेव की कृपा से ही संभव हो पाता है, लेकिन काशीपुरम इस संयोग को वास्तविकता में परिवर्तित करने हेतु सदैव तत्पर रहता है ।

 

Rudrabhishek Shadang is a religious ritual performed primarily during Shiva worship. “Shadang” means “six parts” or “six components.” In this ritual, Lord Shiva is offered a special type of abhishek (bathing with sacred water or other substances), involving various materials and methods. This ritual is especially performed to eliminate troubles and problems, and it includes chanting specific mantras, performing havan (fire offerings), and other religious practices. The main objective of this ritual is to please Lord Shiva and achieve peace and prosperity in life.

In the Kashi region, performing Rudrabhishek is considered equivalent to directly worshipping Lord Mahadev. The childhood and meditation site of Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati, the revered Bichhudhan Nath Mahadev Dham, and the confluence of the Gomti and Ganga rivers, where the sage Markandeya performed his penance, are all places where performing Rudrabhishek yields remarkably desired results. Although such outcomes are ultimately due to Lord Mahadev’s grace, Kashi Puram is always dedicated to turning this opportunity into reality.

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Detailed Information in Hindi :

षडंग रुद्राभिषेक कराने की विधि :

  1. पूजा की तैयारी:

   – पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें। वहाँ एक उपयुक्त स्थान पर शिवलिंग स्थापित करें।

   – पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे जल, दूध, घी, शहद, चीनी, फूल, पत्तियाँ, वस्त्र, और अन्य पूजा सामग्री एकत्रित करें।

  1. स्नान और वस्त्र:

   – ब्राह्मण को स्नान करवा कर शुद्ध वस्त्र पहनाएं। पूजा करने वाले व्यक्ति को भी स्नान करवा कर स्वच्छ वस्त्र पहनना चाहिए।

  1. सप्तधातु या विशिष्ट शिवलिंग:

   – शिवलिंग को सप्तधातु (सोना, चाँदी, तांबा, लोहा, पारा, आदि) से निर्मित या विशेष रूप से पवित्र शिवलिंग का उपयोग करें।

  1. अभिषेक विधि:

   – जल: पहले जल से अभिषेक करें।

   – दूध: फिर दूध से अभिषेक करें।

   – घी: उसके बाद घी से अभिषेक करें।

   – शहद: फिर शहद से अभिषेक करें।

   – चीनी: उसके बाद चीनी से अभिषेक करें।

   – पंचामृत: अंत में पंचामृत (जल, दूध, घी, शहद, और चीनी का मिश्रण) से अभिषेक करें।

  1. मंत्रोच्चारण:

   – प्रत्येक अभिषेक के दौरान “ॐ नमः शिवाय” और “महा रुद्र मंत्र” का जाप करें।

  1. अर्चना और पूजन:

   – अभिषेक के बाद शिवलिंग पर फूल, अक्षत (चिउड़े), और चंदन चढ़ाएं।

   – दीपक जलाएं और शिव के मंत्रों का जाप करें।

   – शिव के चित्र या मूर्ति को संगीतमय भजन, आरती, और श्लोक पढ़ें।

  1. अन्न और प्रसाद वितरण:

   – अंत में, पूजा का प्रसाद वितरित करें और अन्न का भोग अर्पित करें।

षडंग रुद्राभिषेक के लाभ:

  1. शिव की कृपा: भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
  2. दोष निवारण: यह पूजा पापों और दोषों से मुक्ति के लिए की जाती है और जीवन के कठिन समस्याओं से राहत देती है।
  3. स्वास्थ्य और समृद्धि: इस पूजा से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  4. सुख और शांति: यह पूजा परिवार में सुख और शांति लाती है, और शांति और सुखद जीवन की कामना पूरी करती है।
  5. सकारात्मक ऊर्जा: यह अनुष्ठान घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।

 

यह विधि और लाभ का पालन करते हुए, षडंग रुद्राभिषेक करना व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

विशेष ध्यान दें:

– आध्यात्मिक भावना: अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें।

– शुद्धता: पूजा और अनुष्ठान के दौरान शुद्धता बनाए रखें।

– गुरु का मार्गदर्शन: यदि संभव हो, तो किसी योग्य गुरु या तांत्रिक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। अथवा काशीपुरम के माध्यम से इस अनुष्ठान को कराने पर आपको योग्य गुरु का सानिध्य प्रदान कराया जाएगा। 

– काशीपुरम द्वारा अनुष्ठान कराये जाने पर अनुष्ठान सामग्री की व्यवस्था काशीपुरम ही करता है जिसके लिए अलग से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी। 

अतिरिक्त जानकारियां : 

– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा । 

– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा। 

– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है , इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । अनुष्ठान की संक्षिप्त विधि इसके लाभ और संक्षिप्त जानाक्रियां ऊपर दी हुई हैं जिससे अनुष्ठान कराने वाले भक्त के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इस अनुष्ठान को कराना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी अनुष्ठान आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः अनुष्ठानों या उपायों के अधीन न रहें, 

धन्यवाद !

Detailed Information in English :

Procedure for Performing Shadang Rudrabhishek by a Brahmin:

  1. Preparation:

   – Clean and purify the worship area. Place a Shiva Lingam in a suitable spot.

   – Gather necessary items such as water, milk, ghee, honey, sugar, flowers, leaves, clothes, and other worship materials.

  1. Bathing and Dress:

   – The Brahmin should bathe and wear clean clothes. The person performing the ritual should also bathe and wear clean attire.

  1. Shiva Lingam:

   – Use a Shiva Lingam made from seven metals (gold, silver, copper, iron, mercury, etc.) or a specially consecrated Shiva Lingam.

  1. Abhishek Procedure:

   – Water: Begin with an abhishek (bathing) using water.

   – Milk: Follow with abhishek using milk.

   – Ghee: Next, perform abhishek with ghee.

   – Honey: Continue with abhishek using honey.

   – Sugar: Proceed with abhishek using sugar.

   – Panchamrit: Finish with abhishek using Panchamrit (a mixture of water, milk, ghee, honey, and sugar).

  1. Chanting Mantras:

   – During each abhishek, chant “Om Namah Shivaya” and “Maha Rudra Mantra”.

  1. Offering and Worship:

   – After the abhishek, offer flowers, rice (akshat), and sandalwood paste to the Shiva Lingam.

   – Light a lamp and recite devotional hymns, perform Aarti, and chant Shiva’s shlokas.

  1. Distribution of Prasad:

   – Conclude the ritual by distributing the prasad and offering food.

Benefits of Shadang Rudrabhishek:

  1. Divine Grace: It invokes Lord Shiva’s blessings, leading to peace and prosperity in life.
  2. Removal of Afflictions: This ritual helps in eliminating sins and difficulties, providing relief from life’s problems.
  3. Health and Prosperity: It enhances physical and mental health and brings prosperity.
  4. Happiness and Peace: It fosters happiness and tranquility in the family and fulfills desires for a peaceful and joyful life.
  5. Positive Energy: The ritual generates positive energy in the home and dispels negative forces.

By following this procedure and understanding the benefits, Shadang Rudrabhishek can bring significant positive changes to one’s life.

Special Notes:

   – Spiritual Attitude: Conduct the ritual with full devotion and faith.

   – Purity: Maintain purity throughout the ritual and worship.

   – Guidance from a Guru: If possible, seek guidance from a qualified guru or tantric. Alternatively, Kashi Puram will arrange for a qualified guru to assist with the ritual.

   – Material Arrangement by Kashi Puram: Kashi Puram will provide all ritual materials, with no additional fee. For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.

Additional Information:

   – The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.

   – After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.

   – The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities, and its effectiveness depends on the practitioner’s intent, purpose, and proper use. The brief procedure and benefits provided are meant to address any doubts. Typically, 99 out of 100 individuals experience positive results. The outcome depends on the practitioner’s intention, home conditions, fortune, and destiny. If the intention is not correct or if nature or divine will does not support it, the result may not be achieved. The outcome is in the hands of the divine. We are mere servants of the divine, our duty is to perform the ritual, and the results are in the hands of God. Rituals are meant to assist, but do not rely entirely on them.

Thank you !

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