Detailed Information in Hindi :
श्री रामचरितमानस पाठ संगीतमय – Shri Ram Charit Manas Paath Musical
गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के पाठ व श्रवण से दुख, दरिद्रता व कष्टों को नाश होता है। श्री राम की कथा कलियुग रुपी बिषैले वृक्ष को जड़ से काट फेंकने के लिये कुल्हाड़ी के समान है। जो हमेशा रामकथा पढ़ता है या सुनता है अथवा अपने घर श्रीरामचरितमानस का अखण्ड पाठ कराता है, उसके घर कभी भी दरिद्रता नही आती। वह मानसिक रूप से कभी बीमार नही होता। उसके घर पर हमेशा महादेव भगवान शिव और महावीर हनुमान की कृपा बनी रहती है। जिस घर मे श्रीरामचरितमानस का पाठ होता है उस घर से कभी लक्ष्मी रूठ कर नही जाती। वह बुद्धिमान, विद्वान और सर्वमान्य होता है।
राम कथा कलि विटप कुठारी । राम कथा कलि पंनग भरणी ।
गोस्वामी तुलसी दास जी ने रामकथा को चिन्तामणि वताया है- राम कथा चिन्तामणि सुन्दर।
चिन्तामणि महुॅ बुध जनन प्रकट कहे गुन चार । तम नाषत दारिद हरत रूज हर विघ्न निवार।।
चिन्तामणि मे चार गुण होते है:.-
रामचरितमानस के अखण्ड पाठ से ज्ञान रूपी प्रकाश प्राप्त होता है और अविद्या जन्य अन्धकार नष्ट हो जाता है ।
चिन्तामणि का दूसरा गुण है दरिद्रता को नष्ट करना रामकथा भी दरिद्रता को नष्ट करती है। मोह दरिद्र निकट नहि आवा। अर्थात जो राम कथा सुनता है। काम क्र्रोध लोभ मोह रूपी दरिद्रता उसके पास नही आती।
चिन्तामणि का तीसरा गुण है रोग नष्ट करना । राम कथा भी रोग नष्ट करती है । व्यापहि मानस रोग न भारी। जिन्ह के बस सब जीव दुखारी ।। जो श्रद्धा पूर्वक राम कथा सुनता है या पढता है उसे कभी मानसिक रोग नही होता । जीवन के अन्तिम समय तक बुद्धि स्थिर रहती है ।
चिन्ता मणि का चैथा गुण है विघ्नांे का विनाश करना दुःखो का नाश करना । श्री रामकथा भी दुःखो का विनाश करती है । राम भगति मनि उर वस जाके । दुख लवलेष न सपनेहु ताके ।।
श्री रामचरित मानस अखण्ड पाठ हेतु :
पूजन सामग्री
प्रसाद
फल व फूल
टीम :
तवला वादक
हारमोनियम/आरगन वादक
5 सहयोगी
कार्य प्रणाली :
व्यास आसन रचना
ग्रह रचना
कलश स्थापना
पूजन
स्तुति
आरती श्री राम जी की
अखण्ड पाठ प्रारम्भ
राज्याभिषेक
हवन
आरती श्री रामायण जी की
प्रसाद वितरण
विशेष ध्यान दें:
– आध्यात्मिक भावना: अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें।
– शुद्धता: पूजा और अनुष्ठान के दौरान शुद्धता बनाए रखें।
– गुरु का मार्गदर्शन: यदि संभव हो, तो किसी योग्य गुरु या तांत्रिक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। अथवा काशीपुरम के माध्यम से इस अनुष्ठान को कराने पर आपको योग्य गुरु का सानिध्य प्रदान कराया जाएगा।
– काशीपुरम द्वारा अनुष्ठान कराये जाने पर अनुष्ठान सामग्री की व्यवस्था काशीपुरम ही करता है जिसके लिए अलग से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी।
अतिरिक्त जानकारियां :
– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा ।
– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा।
– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है , इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । अनुष्ठान की संक्षिप्त विधि इसके लाभ और संक्षिप्त जानाक्रियां ऊपर दी हुई हैं जिससे अनुष्ठान कराने वाले भक्त के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इस अनुष्ठान को कराना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी अनुष्ठान आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः अनुष्ठानों या उपायों के अधीन न रहें,
धन्यवाद !
Detauled Information in English :
Musical Recitation of Shri Ram Charit Manas :
The recitation and listening of the Shri Ramcharitmanas, composed by Goswami Tulsidas Ji, removes sorrow, poverty, and suffering. The story of Shri Ram is like an axe used to cut down the poisonous tree of the Kali Yuga. Those who regularly read or listen to the Ramkatha or organize the uninterrupted recitation of the Shri Ramcharitmanas at their home will never face poverty. They are never mentally ill and always enjoy the blessings of Lord Shiva and Hanuman. In a house where the Shri Ramcharitmanas is recited, Goddess Lakshmi never departs, and the household is wise, respected, and renowned.
The Ram Katha is like an axe for the Kali Yuga tree, and it is also likened to the serpent’s poison antidote.
Goswami Tulsidas Ji has described Ramkatha as a Chintamani (wish-fulfilling gem):
“Ram Katha Chintamani Sundar. Chintamani Mahu Budh Janan Prakat Kahe Gun Chaar. Tam Nashat Daridra Harat Ruj Har Vighn Nivar.”
The Four Qualities of Chintamani :
- Gaining Knowledge : Uninterrupted recitation of the Ramcharitmanas brings the light of knowledge and dispels the darkness of ignorance.
- Eliminating Poverty : The second quality of Chintamani is to remove poverty, and Ramkatha also eliminates poverty. The saying “Moch Daridra Nikat Nahi Aawa” means that poverty does not approach those who listen to Ramkatha.
- Curing Diseases : The third quality is to remove diseases. Ramkatha also cures diseases, as those who listen to or read it with faith never suffer from mental illness and retain a steady intellect till the end of life.
- Removing Obstacles and Suffering : The fourth quality is the removal of obstacles and suffering. The Ramkatha eliminates suffering and obstacles. The verse “Ram Bhakti Mani Ur Vas Jake, Dukh Lavelash Na Sapnehu Take” implies that those with devotion to Ram will never face distress, even in dreams.
For the Uninterrupted Recitation of the Shri Ramcharitmanas :
– Puja Materials :
– Offerings
– Fruits and flowers
– Team :
– Tabla Player
– Harmonium/Organ Player
– 5 Assistants
– Procedure :
– Set up the Vyasa Asana (seat for the priest)
– Arrange the planetary setup
– Install the Kalash (sacred pitcher)
– Perform the Puja (ritual worship)
– Recite Stuti (praises)
– Perform Aarti for Shri Ram
– Begin the uninterrupted recitation
– Conduct the Rajyabhishek (coronation)
– Perform Havan (fire ritual)
– Perform Aarti for the Ramayan
– Distribute Prasad (sacred offering)
Special Notes:
– Spiritual Attitude: Conduct the ritual with full devotion and faith.
– Purity: Maintain purity throughout the ritual and worship.
– Guidance from a Guru: If possible, seek guidance from a qualified guru or tantric. Alternatively, Kashi Puram will arrange for a qualified guru to assist with the ritual.
– Material Arrangement by Kashi Puram: Kashi Puram will provide all ritual materials, with no additional fee. For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.
Additional Information:
– The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.
– After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.
– The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities, and its effectiveness depends on the practitioner’s intent, purpose, and proper use. The brief procedure and benefits provided are meant to address any doubts. Typically, 99 out of 100 individuals experience positive results. The outcome depends on the practitioner’s intention, home conditions, fortune, and destiny. If the intention is not correct or if nature or divine will does not support it, the result may not be achieved. The outcome is in the hands of the divine. We are mere servants of the divine, our duty is to perform the ritual, and the results are in the hands of God. Rituals are meant to assist, but do not rely entirely on them.
Thank you !