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सूर्य अनुष्ठान (वैदिक मंत्र जप संख्या – 28000) (Surya Anushthan-Vedic Mantra Recitation Number: 28,000)

Original price was: ₹22,475.00.Current price is: ₹17,980.00.

सूर्य अनुष्ठान क्या है?

सूर्य अनुष्ठान एक धार्मिक अनुष्ठान है जो सूर्य देवता की पूजा और साधना के माध्यम से किया जाता है। सूर्य देवता को जीवन का स्रोत, प्रकाश, ऊर्जा, और सृष्टि के संरक्षक के रूप में माना जाता है। सूर्य अनुष्ठान का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को सौभाग्य, शक्ति, और स्वास्थ्य की प्राप्ति करना है। इस अनुष्ठान में सूर्य देवता के विशेष मंत्रों का जाप, पूजा, और आराधना की जाती है|

Surya Anushthan is a religious ritual dedicated to the worship and practice of the Sun deity, Surya. Surya is revered as the source of life, light, energy, and the protector of creation. The main objective of Surya Anushthan is to attain fortune, strength, and good health.

In this ritual, special mantras dedicated to Surya are recited, and his worship is performed with devotion and reverence. The practice of Surya Anushthan aims to invoke the blessings of Surya Deva, which are believed to bestow prosperity, vitality, and well-being upon individuals.

Surya Anushthan is often performed during auspicious times or to seek specific benefits such as enhancing overall vitality, promoting health, and ensuring success in endeavors. It is considered a powerful spiritual practice that connects individuals with the cosmic energies represented by the Sun, fostering their prosperity and physical and spiritual well-being.

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Detailed Information in Hindi

सूर्य अनुष्ठान के लाभ:

  1. सौभाग्य और समृद्धि: यह  व्यक्ति को सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करता है और उसे खुशहाल जीवन की दिशा में ले जाता है।
  2. ऊर्जा और स्वास्थ्य: यह अनुष्ठान व्यक्ति को ऊर्जा और स्वास्थ्य की प्राप्ति में मदद करता है और उसे स्वस्थ जीवन जीने में सहायक होता है।
  3. कार्यों में सफलता: यह व्यक्ति को उसके कार्यों में सफलता की प्राप्ति में मदद करता है और उसे अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होता है।
  4. कल्याण और संरक्षण: यह अनुष्ठान व्यक्ति को कल्याण और संरक्षण की प्राप्ति में मदद करता है और उसे संघर्षों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
  5. आध्यात्मिक विकास: सूर्य अनुष्ठान व्यक्ति को आध्यात्मिक विकास में मदद करता है और उसे अपने आत्मा के साथ एकीकृत होने का अनुभव करता है।

इस रूप में, सूर्य अनुष्ठान व्यक्ति को सौभाग्य, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति में मदद करता है और उसे कार्यों में सफलता और कल्याण की दिशा में ले जाता है।

विशेष ध्यान दें:

– आध्यात्मिक भावना: अनुष्ठान को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करें।

– शुद्धता: पूजा और अनुष्ठान के दौरान शुद्धता बनाए रखें।

– गुरु का मार्गदर्शन: यदि संभव हो, तो किसी योग्य गुरु या तांत्रिक से मार्गदर्शन प्राप्त करें। अथवा काशीपुरम के माध्यम से इस अनुष्ठान को कराने पर आपको योग्य गुरु का सानिध्य प्रदान कराया जाएगा। 

– काशीपुरम द्वारा अनुष्ठान कराये जाने पर अनुष्ठान सामग्री की व्यवस्था काशीपुरम ही करता है जिसके लिए अलग से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

– काशी से बाहर व्यक्तिगत रूप से यह अनुष्ठान कराने पर ब्राह्मण पुरोहितों के आने जाने और रहने खाने की व्यवस्था यजमान को अलग से करनी पड़ेगी। 

अतिरिक्त जानकारियां : 

– यह अनुष्ठान काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मणों द्वारा आयोजित कराया जाएगा । 

– अनुष्ठान बुक करने के बाद काशीपुरम की टीम आपसे संपर्क करके विस्तृत जानकारी इकठ्ठा करेगी और आवयश्यकता पड़ने पर अनुष्ठान को आयोजित कराने वाले ब्राह्मण पुरोहित से भी बात कराया जाएगा। 

– काशीपुरम के विद्वान् ब्राह्मण पुरोहितों द्वारा अनुष्ठान को पूरे विधि विधान से आयोजित कराया जाता है , इसका परिणाम व्यक्ति की भावना, उद्देश्य एवं सदुपयोग पर निर्भर करता है । अनुष्ठान की संक्षिप्त विधि इसके लाभ और संक्षिप्त जानाक्रियां ऊपर दी हुई हैं जिससे अनुष्ठान कराने वाले भक्त के मन में कोई संशय न रहे। 100 में से 99 लोगों को इसका अच्छा परिणाम मिलता है। व्यक्ति किस उद्देश्य या भावना के साथ इस अनुष्ठान को कराना चाहता है, यह उसकी नीयत, गृह दशाएं, भाग्य एवं प्रारब्ध पर निर्भर करता है। यदि उद्देश्य या भावना सही नहीं है और प्रकृति या भगवान् की मर्जी किसी काम में नहीं रहती है तो इसका परिणाम नहीं भी मिल पाता है। इसका परिणाम मिलना न मिलना भगवान् के हाथ में है। हम भगवान् के सेवक मात्र हैं, कर्म करना हमारा काम है फल देना ईश्वर के हाथ में है। कोई भी अनुष्ठान आपकी सहायता मात्र के लिए है। पूर्णतः अनुष्ठानों या उपायों के अधीन न रहें, 

धन्यवाद !

Detailed Information in English:

  1. Fortune and Prosperity: This ritual helps individuals attain fortune and prosperity, leading them towards a happy life.
  2. Energy and Health: Surya Anushthan assists individuals in gaining energy and achieving good health, supporting them in living a healthy life.
  3. Success in Endeavors: It aids individuals in achieving success in their endeavors and helps them in accomplishing their goals.
  4. Well-being and Protection: This practice supports individuals in attaining well-being and protection, providing them with the strength to face challenges.
  5. Spiritual Development: Surya Anushthan contributes to the spiritual development of individuals, helping them experience unity with their soul.

In this way, Surya Anushthan assists individuals in gaining fortune, prosperity, and health, guiding them towards success in their endeavors and well-being.

Special Notes:

   – Spiritual Attitude: Conduct the ritual with full devotion and faith.

   – Purity: Maintain purity throughout the ritual and worship.

   – Guidance from a Guru: If possible, seek guidance from a qualified guru or tantric. Alternatively, Kashi Puram will arrange for a qualified guru to assist with the ritual.

   – Material Arrangement by Kashi Puram: Kashi Puram will provide all ritual materials, with no additional fee. For personal rituals outside Kashi, the practitioner must arrange for the Brahmin priests’ travel, accommodation, and food.

Additional Information:

   – The ritual will be conducted by the learned Brahmins of Kashi Puram.

   – After booking the ritual, the Kashi Puram team will contact you to gather detailed information and, if necessary, connect you with the performing Brahmin priests.

   – The Brahmins will conduct the ritual with all due formalities, and its effectiveness depends on the practitioner’s intent, purpose, and proper use. The brief procedure and benefits provided are meant to address any doubts. Typically, 99 out of 100 individuals experience positive results. The outcome depends on the practitioner’s intention, home conditions, fortune, and destiny. If the intention is not correct or if nature or divine will does not support it, the result may not be achieved. The outcome is in the hands of the divine. We are mere servants of the divine, our duty is to perform the ritual, and the results are in the hands of God. Rituals are meant to assist, but do not rely entirely on them.

Thank you !

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